Shekhawati Ke Gandhi Amar Shahid Karni Ram/Pustak Samiksha
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पुस्तक: शेखावाटी के गांधी अमरशहीद करणीराम
लेखक: रामेश्वरसिंह, प्रथम संस्करण: 2 अक्टूबर, 1984पुस्तक समीक्षा
प्रस्तुत पुस्तक में धरती के वीर पुत्र शहीद करणीराम की अमर एवं गौरव गाथा अंकित है. लेखक ने सफलतापूर्वक जहां अपने नायक करणीराम के बहुविध गुणों, सिद्धांतों, आदर्शों एवं संकल्पों का चित्रण किया है वहां तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी विचारोत्तेजक परिचय कराया है. करणी राम को देव लोके हुए तीन दशकों से भी ज्यादा समय व्यतीत हो चुका है परंतु ऐसे महान पुरुष के जीवन के बारे में कोई विश्वसनीय प्रकाशन नहीं हुआ था. आज देश की वर्तमान परिस्थितियों में अलगाववादी शक्तियां देश के लिए एक जबरदस्त चुनौती दे रही हैं. ऐसे मौके पर शहीदों का स्मरण एवं उनकी उपलब्धियों की जानकारी समाज एवं राष्ट्र को दी जानी चाहिए ताकि राष्ट्र की अखंडता एवं सुरक्षा को कायम रखा जा सके, अतः वर्तमान परिपेक्ष में इस पुस्तक की उपयोगिता और भी बढ़ जाती हैं.
श्री रामेश्वर सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और शहीद करणी राम के आदर्श गांव भोजासर के ही निवासी हैं. उन्होंने शहीद करणी राम के बारे में तथा समसामयिक परिस्थितियों के संबंध में जो कृति प्रस्तुत की है वह वास्तव में सराहनीय प्रयास है. निश्चित रूप से युवा पीढ़ी इस पुस्तक से प्रेरणा ग्रहण कर समाज एवं राष्ट्र की सेवा में अग्रसर होगी.
मेरी मान्यता है कि राज्य सरकार को चाहिए कि इस प्रकार की पुस्तकों को बच्चों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करें ताकि बच्चों के दिल में देश प्रेम की भावना संचारित हो और वे देश के उज्जवल भविष्य के निर्माण में सहायक हों.
- कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी, प्रधान संपादक, दैनिक नवज्योति, अध्यक्ष राजस्थान स्वतंत्रता सेनानी संगठन जयपुर