Shishi
Shishi (शिशि) is a gotra of Jats.[1] Dilip Singh Ahlawat has mentioned this tribe as one of the ruling Jat clans in Central Asia.[2]
Origin
Jat clans originated
Shishi village
- शीशी (जाट गोत्र - शिशि) : शीशी नाम का गाँव झारखंड के सराइकेला खरसावाँ जिले की ईचागढ़ विकास-खंड में है।
- शिशि (जाट गोत्र - शिशि) : शिशि नाम का गाँव झारखंड के सराइकेला खरसावाँ जिले की कुकड़ू विकास-खंड में है।
History
शिशि जाटवंश
शिशि चन्द्रवंश जाटवंश का शिशिक नामक जनपद भारतवर्ष में था (भीष्मपर्व, अध्याय 9)। इस शिशिगोत्र के जाटों की एक सुकरचकिया मिसल (जत्था) सिक्खों में भारी प्रभावशाली सिद्ध हुई। इस मिसल का प्रारम्भ सुकरचक गांव के शसि (सासि) चन्द्रवंशी जाटों ने किया था। इस शिशिवंश के सरदार महासिंह के पुत्र महाराजा रणजीतसिंह पंजाबकेसरी ने भारतवर्ष को बड़ी प्रतिष्ठा प्रदान की। आज के भारतीय इतिहासकार पंजाबकेसरी को इस देश में वही महत्त्व देते हैं जो महत्त्व जूलियस सीजर को इटली, नेपोलियन को फ्रांस, लूथर एवं हिटलर को जर्मनी, सिकन्दर को यूनान में प्राप्त है। सिख धर्म में महाराजा रणजीतसिंह का वही स्थान है जो बौद्ध धर्म में सम्राट् अशोक का। महाराजा रणजीतसिंह के वंशधर आज भी अच्छी स्थिति में विद्यमान हैं। शिशिवंश के जाट सिक्खों की बहुत संख्या है। जाटों में इस वंश की बहुत मान्यता है। इस सुकरचकिया मिसल का पूरा वर्णन पंजाब में जाट राज्य अध्याय में किया जायेगा। [3]
Population
Distribution
Notable persons
References
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. श-19
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter IV (Page 342)
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter III,p.295
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