Beejapur
Beejapur (बीजापुर) is a village in Bali Tahsil of Pali district in Rajasthan.
The Antiquity
The place, mentioned as Vijapura (वीजापुर) in Jain records, was closely associated with Jainism in 10th century.The temple of Vasupujya of this place was built bu Jineshvara of the Kharatara gachchha. This temple was closely associated with the activities of monks of Kharatara gachchha.[1]
History
Hastikundi Inscription of 997 AD
यह लेख माउण्ट आबू जाने वाले उदयपुर - सिरोही मार्ग पर एक द्वार पर केप्टेन बस्ट को मिलाथा.[2] इसके बारे में बताया गया है कि प्रारम्भ में यह लेख बीजापुर (बाली तह्सील) से दो मील दूर एक जैन मन्दिर में लगा हुआ था. यहां से पहिले तो उसे बीजापुर की जैन धर्मशाला में लगाया गया और पीछे उसे वहां से हटा कर अजमेर संग्रहालय में सुरक्षित कर दिया. ये लेख दो भागों में विभक्त है.
इसमें प्रयुक्त भाषा संस्कृत है और लिपि हर्षनाथ के लेख जैसी है. प्रशस्ति के रचयिता सूर्याचार्य हैं जिन्होने इसे इतवार माघ शुक्ल १३ पुष्य नक्षत्र वि.सं. १०५३ (२४-१-९९७) को लिखा था. इससे कई उपयोगी सूचनायें मिलती हैं. प्रथम तो इसमें हस्ति कुण्डी चौहान शाखा के प्रमुख शासक हरिवर्मा, उसकी पत्नी रचि तथा विदग्ध, मम्मट और धवल की उपलब्धियों का परिज्ञान होता है. दूसरा इसमें धवल के सम्बन्ध में लिखा है कि उसने मूलराज चालुक्य की सेनाओं तथा महेन्द्र और धरणीवराह को शत्रुओं के विरुद्ध आश्रय दिया. वास्तव में ये उपलब्धियां धवल और उसके वंश के राजनीतिक महत्व को बढाती हैं. विदग्ध ने अपने गुरु वासुदेव की प्रेरणा से हस्तिकुण्ड में एक जैन देवालय का निर्माण कराया था. उसकी धर्मनिष्ठा की सबसे महत्वपूर्ण घटना संसार से विरक्त करना तथा अपने पुत्र बाला प्रसाद को राज्य भार सौंप देना था. बाला प्रसाद ने भी अपनी प्रतिष्ठा हस्तिकुण्डी को राजधानी बनाकर प्राप्त की और वंश परम्परा को उचित रूप से निभाया.
दूसरे भाग के लेख में २१ श्लोक हैं, जिनमें इस वंश के राजाओं की उपलब्धियों को दुहराया गया है तथा मन्दिर के लिये दिये गये अनुदानों को अंकित किया गया है.
Notable persons
External links
References
- ↑ Encyclopaedia of Jainism, Volume-1 By Indo-European Jain Research Foundation p.5548
- ↑ डॉ गोपीनाथ शर्मा: 'राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत', 1983, पृ.68
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