Vimla Sheoran

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लेखक:लक्ष्मण बुरड़क, IFS (Retd.), Jaipur
Smt. Vimla Sheoran receiving Award

Smt Vimla Sheoran is a teacher, a progressive farmer, an environmentalist and lover of nature. She has planted large number of trees in Taranagar area of Churu district in Rajasthan, which is part of Thar Desert. She is Lecturer in Sanskrit by profession. She is daughter of Hardayal Singh Punia of village Gwalisar (Churu), who fought wars with Pakistan in 1962, 1965 and 1971. She is married to Shri Ranvir Singh Sheoran (LIC) of village Buchawas,tahsil Taranagar, Churu district in Rajasthan. (Phone- 01561-266288, Mob:9414894130).

श्रीमती विमला श्योराण का परिचय

रीमती विमला श्योराण का जन्म 20 नवम्बर 1973 को गाँव ग्वालीसर हाल सुभाषनगर राजगढ़, जिला चूरू में हवलदार हरदयाल सिंह पूनिया के घर माता श्रीमती इंदिरा देवी की कोख से हुआ। आपके पिता सेना में रहते 1962, 1965 एवं 1971 की लड़ाईयां लड़ चुके हैं। आपका विवाह 21 नवम्बर 1996 को रणवीर सिंह श्योराण निवासी श्योरा टाडा, तहसील भादरा जिला हनुमानगढ़ के साथ हुआ।

श्रीमती विमला श्योराण राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय बेवड़ (चूरू) में वरिष्ठ अध्यापिका (प्रथम श्रेणी) के रूप में जनवरी 2011 से पदस्थ है। 1 जुलाई 1997 से शारीरिक शिक्षिका, रा. वा. उ .प्रा. वि. बुचावास, तहसील तारानगर चुरू में पदस्थ रहीं। शारीरिक शिक्षका के पद पर रहते हुए विद्यार्थियों के जीवन निर्माण में अपनी अहम् भूमिका अदा की। इनकी कई शिष्याओं ने राज्यस्तर पर ही नहीं अपितु राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में सफलातायें अर्जित की। आपने अथक परिश्रम करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के सम्पूर्ण राजस्थान में एक मात्र पद पर चयनित होकर न केवल जिले अपितु समस्त राजस्थान में समाज का गौरव बढाया। आप चूरू जिले की प्रथम महिला हैं, जिन्होंने शारीरिक शिक्षका से व्याख्याता बनने का गौरव हासिल है।

श्रीमती विमला श्योराण द्वारा वृक्षारोपण

इसी दौरान बुचावास बस स्टैंड से 1 किमी दूर दिल्ली-बीकानेर सड़क किनारे खरीद्सुदा कृषि भूमि में लगभग 2200 पेड़ लगाये हैं जो लगभग 18 से 20 फीट लम्बे पूर्ण वृक्ष बनकर पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के प्रति विमलाजी का अद्वितीय प्रेम है। इनके पति श्री रणवीरसिंह श्योराण का भी इनकी सफलताओं में पूर्ण सहयोग रहा है।

श्रीमती विमला श्योराण द्वारा वृक्षारोपण

श्रीमती विमला श्योराण द्वारा वृक्षारोपण
  • श्रीमती विमला श्योराण द्वारा राजकीय बालिका प्राथमिक विद्यालय बुचावास में रहते हुए 2005 से 2008 के मध्य वृक्षारोपण अभियान चलाया। इस दौरान इन्होने 2500 पौधे लगवाए। इनकी सुरक्षा एवं सर्दी-गर्मी के बचाव के लिए कड़ी मेहनत की। इनका यह प्रयास सफल रहा और सभी पौधे पेड़ बन गए हैं।
  • इनकी प्रेरणा से 2009 में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बुचावास के प्रांगण में बच्चों के सहयोग से इनके मार्ग-दर्शन में 400 पौधे लगवाए।
  • इनके द्वारा किये गए कार्यों का परिणाम आना शुरू हुआ। 2010 में 250 पौधे प्रधानाचार्य ने अपने खेत तारानगर में लगवाए तथा 1400 पौधे ढाणी आशा में, 100 पौधे बुचावास के खेत में शिवकरण सुथार ने लगवाए।
  • 2011 में 600 पौधे धर्मपाल फोगावट ग्राम देवगढ़ तहसील तारानगर ने लगवाए जिनमें 400 पौधे प्रफुल्लित हो रहे हैं।
  • 2012 में 600 पौधे रघुवीर पुनिया सी.ए.पावटा तहसील कोटपुतली जिला जयपुर में लगवाए।
  • इस प्रकार 2005 से अब तक 13300 पौधे लगवाए जा चुके हैं जिनमें से लगभग 12000 पौधे 4 से 25 फिट की ऊँचाई ले चुके हैं।

विमलाजी का यह प्रयास एक अभियान का रूप ले चुका है। इस क्षेत्र के कृषक अब कृषि के साथ-साथ वृक्षारोपण के कार्यक्रम को गति देने लगे है। पौधारोपण हेतु जलाशयों से प्राप्त वर्षा का दूषित जल उपयोग किया जाता है। खाद के रूप में पेड़ों की पत्तियां फसल के पोषण में भरपूर योगदान करती हैं। अच्छी फसल, इंधन, इमारती, पशुओं का चारा और अन्य लाभ प्राप्ति के लिए इस क्षेत्र के किसान विमला जी के इस अभियान का हिस्सा बन चुके हैं।

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