Viramatsya
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Viramatsya (वीरमत्स्य) is name of a Janapada mentioned in Ramayana with reference to Bharata's journey from Kekaya to Ayodhya. Viramatsya was located between Sarasvati River and Ganges and was probably a district or part of Jagadhari in present Haryana. [1]
Variants
- Viramatsya (वीरमत्स्य) (AS, p.867)
History
In Ramayana
Ayodhya Kanda/Canto LXXI mentions Bharat's Return from Kekaya to Ayodhya.....Arriving at the confluence of Saraswati and Ganga rivers, Bharata entered the woods of Bharunda, the north of Viramatsya region. Reaching and crossing a refreshing river named Kulinga, which is swift and surrounded by mountains as well as Yamuna river, the army was then made to rest there.
वीरमत्स्य
वीरमत्स्य (AS, p.867): सरस्वतीम् च गङ्गाम् च उग्मेन प्रतिपद्य च, उत्तरम् वीरमत्स्यानाम् भारुण्डम् प्राविशद्वनम्. वाल्मीकि रामायण, अयोध्याकाण्ड 71,5. वीरमत्स्य नामक एक प्राचीन जनपद भरत को केकय देश से अयोध्या आते समय सरस्वती और गंगा नदियों के समीप मिला था। गंगा नदी संभवतः सरस्वती की कोई सहायक नदी हो सकती है, क्योंकि भागीरथी गंगा को भरत ने यमुना पार करने के पश्चात् पार किया था, जो भूगोल की दृष्टि से ठीक भी है। भरत ने यमुना को वीरमत्स्य पहुंचने के पश्चात् पार किया था- 'यमुना प्राप्य संतीर्णो बलमाश्वासयत्तदा।' (वाल्मीकि रामायण, अयोध्याकाण्ड 71,6). इस प्रकार वीरमत्स्य जनपद की स्थिति यमुना की स्थिति के पश्चिम की ओर पूर्वी पंजाब में माननी चाहिए। संभवतः वीरमत्स्य में वर्तमान जगाधरी का ज़िला या इसका कोई भाग सम्मिलित रहा होगा।[2]