Ujagar Singh Mahil: Difference between revisions

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Ujagir Singh Mahil wrote: ''"Jat were called [[Scythian]]s; because they were the inhabitants of the ancient country of [[Scythia]]. The Jats who invaded the [[Punjab]] and conquered India up to [[Benares]] were called [[Indo-Scythians]]."''<ref>Mahil, U. S., Antiquity of Jat Race, Atma Ram & Sons, Delhi, India, 1955, pp. 2, 9,14.</ref>
Ujagir Singh Mahil wrote: ''"Jat were called [[Scythian]]s; because they were the inhabitants of the ancient country of [[Scythia]]. The Jats who invaded the [[Punjab]] and conquered India up to [[Benares]] were called [[Indo-Scythians]]."''<ref>Mahil, U. S., Antiquity of Jat Race, Atma Ram & Sons, Delhi, India, 1955, pp. 2, 9,14.</ref>
==  जाट इतिहास ==  
==  जाट इतिहास ==  
डॉ रणजीतसिंह<ref>[[Jat Itihas By Dr Ranjit Singh/1.Jaton Ka Vistar]], pp.4-5</ref> लिखते हैं....जाटों के विस्तार की पुष्टि [[Antiquity of the Jat race|एंटीक्विटी ऑफ जाट रेस]] के लेखक [[Ujagar Singh Mahil|उजागर सिंह महल]] के विचारों से भी होती है। महल महोदय अपनी पुस्तक में लिखते हैं - "मैं अब विशालतम जाट साम्राज्य का वर्णन करता हूं जो कि मात्र भौगोलिक सीमाओं के कारण ही बड़ा नहीं था, अपितु [[Egypt|इजिप्ट]] और [[Assyria|असीरिया]] के साम्राज्यों से भी बड़ा था।  यह स्मरण रखना चाहिए कि [[ Persian Empire|पर्शियन साम्राज्य]] जाट साम्राज्य की देन है और पर्शियन राजाओं में जाट रक्त विद्यमान है। जाटों के इस साम्राज्य को '''[[Median|मेड़ा साम्राज्य]]''' कहते हैं<ref>[[Antiquity of the Jat race|एंटीक्विटी ऑफ जाट रेस]], पृष्ठ 9-7 ? </ref>  महल के मतानुसार जाटों ने [[Roman Empire|रोमन साम्राज्य]], [[Spain|स्पेन]] और [[Britain|ब्रिटेन]] तक को जीता था <ref>[[Antiquity of the Jat race|एंटीक्विटी ऑफ जाट रेस]], पृष्ठ 53-66</ref> [पृष्ठ.5]:  इससे आगे वे लिखते हैं ....:"[[Europe|यूरोप]] की [[Danube River|डेन्यूब नदी]] जाटों के पुरातात्विक इतिहास की दृष्टि से बड़ी महत्वपूर्ण है। इस नदी के दोनों किनारों पर जाट ही निवास करते थे। [[Danube River|डेन्यूब नदी]] जाटों से इतनी संबंधित है कि वह उनके स्वप्नों में भी आती है।"  
डॉ रणजीतसिंह<ref>[[Jat Itihas By Dr Ranjit Singh/1.Jaton Ka Vistar]], pp.4-5</ref> लिखते हैं....जाटों के विस्तार की पुष्टि [[Antiquity of the Jat race|एंटीक्विटी ऑफ जाट रेस]] के लेखक [[Ujagar Singh Mahil|उजागर सिंह महल]] के विचारों से भी होती है। महल महोदय अपनी पुस्तक में लिखते हैं - "मैं अब विशालतम जाट साम्राज्य का वर्णन करता हूं जो कि मात्र भौगोलिक सीमाओं के कारण ही बड़ा नहीं था, अपितु [[Egypt|इजिप्ट]] और [[Assyria|असीरिया]] के साम्राज्यों से भी बड़ा था।  यह स्मरण रखना चाहिए कि [[ Persian Empire|पर्शियन साम्राज्य]] जाट साम्राज्य की देन है और पर्शियन राजाओं में जाट रक्त विद्यमान है। जाटों के इस साम्राज्य को '''[[Median|मेड़ा साम्राज्य]]''' कहते हैं<ref>[[Antiquity of the Jat race|एंटीक्विटी ऑफ जाट रेस]], पृष्ठ 9-7 ? </ref>  महल के मतानुसार जाटों ने [[Roman Empire|रोमन साम्राज्य]], [[Spain|स्पेन]] और [[Britain|ब्रिटेन]] तक को जीता था <ref>[[Antiquity of the Jat race|एंटीक्विटी ऑफ जाट रेस]], पृष्ठ 53-66</ref> [पृष्ठ.5]:  इससे आगे वे लिखते हैं ....:"[[Europe|यूरोप]] की [[Danube River|डेन्यूब नदी]] जाटों के पुरातात्विक इतिहास की दृष्टि से बड़ी महत्वपूर्ण है। इस नदी के दोनों किनारों पर जाट ही निवास करते थे। [[Danube River|डेन्यूब नदी]] जाटों से इतनी संबंधित है कि वह उनके स्वप्नों में भी आती है।"
 
[[Alexander|सिकंदर महान]] ने अपने [[Asia|एशिया]] आक्रमण के समय [[Sogdiana|सोगड़ियाना]] ([[Turkistan|तुर्किस्तान]]) पर आक्रमण किया था। उस समय सोगड़ियाना की राजधानी [[Samarkand|समरकंद]] थी। [[Ujagar Singh Mahil|उजागर सिंह]] के विचार अनुसार यह प्रदेश उस समय [[जाटों]] के अधीन था जो कि पंजाब के जाटों के बहुत दूर के पूर्वज थे।
 
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Latest revision as of 06:40, 22 August 2022

Ujagar Singh Mahil (उजागरसिंह माहिल) is author of the book - Antiquity of the Jat race - 1955.

Ujagir Singh Mahil on Jat History

Ujagir Singh Mahil wrote: "Jat were called Scythians; because they were the inhabitants of the ancient country of Scythia. The Jats who invaded the Punjab and conquered India up to Benares were called Indo-Scythians."[1]

जाट इतिहास

डॉ रणजीतसिंह[2] लिखते हैं....जाटों के विस्तार की पुष्टि एंटीक्विटी ऑफ जाट रेस के लेखक उजागर सिंह महल के विचारों से भी होती है। महल महोदय अपनी पुस्तक में लिखते हैं - "मैं अब विशालतम जाट साम्राज्य का वर्णन करता हूं जो कि मात्र भौगोलिक सीमाओं के कारण ही बड़ा नहीं था, अपितु इजिप्ट और असीरिया के साम्राज्यों से भी बड़ा था। यह स्मरण रखना चाहिए कि पर्शियन साम्राज्य जाट साम्राज्य की देन है और पर्शियन राजाओं में जाट रक्त विद्यमान है। जाटों के इस साम्राज्य को मेड़ा साम्राज्य कहते हैं[3] महल के मतानुसार जाटों ने रोमन साम्राज्य, स्पेन और ब्रिटेन तक को जीता था [4] [पृष्ठ.5]: इससे आगे वे लिखते हैं ....:"यूरोप की डेन्यूब नदी जाटों के पुरातात्विक इतिहास की दृष्टि से बड़ी महत्वपूर्ण है। इस नदी के दोनों किनारों पर जाट ही निवास करते थे। डेन्यूब नदी जाटों से इतनी संबंधित है कि वह उनके स्वप्नों में भी आती है।"

सिकंदर महान ने अपने एशिया आक्रमण के समय सोगड़ियाना (तुर्किस्तान) पर आक्रमण किया था। उस समय सोगड़ियाना की राजधानी समरकंद थी। उजागर सिंह के विचार अनुसार यह प्रदेश उस समय जाटों के अधीन था जो कि पंजाब के जाटों के बहुत दूर के पूर्वज थे।

References

  1. Mahil, U. S., Antiquity of Jat Race, Atma Ram & Sons, Delhi, India, 1955, pp. 2, 9,14.
  2. Jat Itihas By Dr Ranjit Singh/1.Jaton Ka Vistar, pp.4-5
  3. एंटीक्विटी ऑफ जाट रेस, पृष्ठ 9-7 ?
  4. एंटीक्विटी ऑफ जाट रेस, पृष्ठ 53-66

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