Salakpal
Salakpal was Tomar King of Dehi in 976. In Delhi, when Anangpal Tomar lost his kingdoms then Salakpal Tomar, from his family founded 84 Tomar Desh Khap of 84 villages.
Salkalayan Sub Gotra - Salkalayan branch was originated by Salakpal Tomar. The Samadhi Sthal of Raja Salakpal Tomar is in Baraut on Delhi Saharanpur Road Adjacent to New Block (Krishi Prasar Vibhag).Deshwale Tomar - Tomar jats also called Deshwale, because They are king of Desh.
976 ई. में सलअक्शपाल तोमर इंद्रप्रस्थ के सिंहासन पर सत्तारूढ़ थे| उन्हेंने 25 साल, 10 महीने के लिए शासन किया| 1005 ई. में जयपाल ने समचना (आधुनिक रोहतक) को और फिर कुछ समय के बाद में यमुना नदी को पार किया था और इस तोमर क्षेत्र का हिस्सा बन गया मेरठ गजट हमें बताता है कि जिले "मेरठ” महिपाल राजा के राज का हिस्सा था| राजा सलअक्शपाल तोमर जब इस क्षेत्र में आया था उसे के साथ 500 योद्धा थे जिनमें से 405 जाट थे, और बाकी दूसरे समुदायों से थे |
सलअक्शपाल ने चौधरत का समाजशुरू किया था उन्होंने इस क्षेत्र में 14 गांवों के प्रत्येक छह में चौधरत शुरू कर दिया था और इस को चौरासी (84)के कुल और चौरासी की चौधरत ( या 84 के रूप) में जाना गया था. पहले एक गांव पर चौधरी का चयन किया गया था, और फिर 14 गांवों और अंत में प्रत्येक समुदाय के चौधरी (बिरादरी) 84 ग्राम स्तर पर उनके चौधरी को चुना है.
तोमर गोत्र को दिल्ली के राजा सलअक्शपाल तोमर के नाम पर ही सलकलान कहते है इनकी खाप को देश खाप कहते जिसके नाम दो कारण से देश खाप है एक तो यह की सलअक्शपाल राजा के पुत्र देशपाल इस खाप के मुखिया थे । इनके नाम पर ही इस खाप का नाम देश खाप पड़ा है दूसरा यह खाप बहुत अधिक क्षेत्र में है जी को देश नाम से जानते इसलिए ही इनको देशवाले भी कहते है|
देश खाप कभी गुलाम नहीं रही किसी गैर राजा के अधीन नहीं रही | तोमर जाट ज्यादातर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बागपत जिले में निवास करते है बागपत क्षेत्र में तोमर गोत्र के 84 गांवों हैं तोमर खाप इस क्षेत्र में देश खाप के रूप में जाना जाता है श्री सुखबीर सिंह के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र श्री सुरेन्द्र सिंह इस देश खाप के चौधरी के रूप में मनोनीत किया गया है|