Adarsh Kisan Chhatrawas Sardarshahr

From Jatland Wiki
Author:Mukanda Ram Nehra, Principal (R)

आदर्श किसान छात्रावास सरदार शहर

आदर्श किसान छात्रावास सरदारशहर , सरदारशहर जिला चुरू, में स्थित है तथा ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों का सबसे पुराना छात्रावास है।

छात्रावास की स्थिति

आदर्श किसान छात्रावास सरदारशहर गांधी विद्या मंदिर से सोमनाथ मंदिर राम मंदिर से होते हुए मुख्य बाजार में जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर अवस्थित है। इसके पास ही में सरदारशहर का प्राइवेट बस अड्डा व इसके पिछवाड़े में रोडवेज का बस स्टैंड स्थित है।

किसान छात्रावास के उद्देश्य

किसान छात्रावास के उद्देश्य: 1. छात्रों का मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक एवं सर्वांगीण विकास करना तथा योग्य नागरिक तैयार कर सफल देश सेवक बनाना. 2. एक आदर्श छात्रावास, पुस्तकालय एवं वाचनालय का संस्थापन एवं संचालन करना.

स्रोत: रजत जयंती समारोह, किसान छात्रावास सरदार शहर, बुलेटिन-पत्र, 25.12.1986, पृ.2

किसान छात्रावास निर्माण की पृष्ठभूमि

छात्रावास की पूर्व पीठिका: मरुभूमि के गगन-चुम्बी टीलों में स्थित शैक्षणिक नगरी सरदारशहर में रंजीतगीर गोसाई की आराजी पुण्यर्थ डोळी में श्री नेमाराम नाई की सार्वजनिक बगीची थी, जिसका इकरारनामा स्वर्गीय श्री रंजीतगीर गोसाई ने स्वर्गीय श्री नेमाराम नाई पुत्र श्री भीखाराम नाई के नाम से संवत 2001 मिति चैत्र पहला सुदी एकम तारीख 15.03.45 को करवाया. स्वर्गीय श्री नेमाराम नाई ने अपनी सार्वजनिक बगीची में एक कमरा-एक कुंड भी बनवाया था. स्वर्गीय चौधरी मानाराम पुत्र श्री तिलोका राम पूनिया ने उसमें नीम एवं पीपल के पेड़ लगाए और स्वर्गीय सेठ श्री लूणकरण हीरालाल गिया ने पशु मनुज सेवा हेतु एक कुआं बनवाया. वह एक रमणीक बगीची थी.

समय ने करवट बदली. सरदार शहर में ग्राम विकास केंद्र संस्थापित करने की श्री दौलत राम सारण की विचारधारा से प्रभावित स्वर्गीय श्री भंवरलाल नाई पुत्र श्री नेमाराम नाई ने अपने पिता को परामर्श दिया कि धर्मभाई श्री दौलत राम सारण के मतानुसार बगीची किसान छात्रावास के रूप में रूपांतरित कर दी जाए.

फलत: ग्राम हितैषी स्वर्गीय श्री नेमाराम नाई ने स्वर्गीय सेठ श्री लूणकरण हीरालाल गिया की सहमति लेकर अपने इकलौते पुत्र की सलाह से श्री दौलत राम सारण के मतानुसार अपनी सार्वजनिक बगीची किसान छात्रावास को दान में दे दी.

अतएव सन् 1957 से ग्राम विकास केंद्र के रूप में किसान छात्रावास संस्थापन की हलचल प्रारंभ हो गई थी. तात्कालीन प्रबंधकारिणी सभा में दौलतराम सारण के पिता अध्यक्ष श्री दुलाराम सारण और मंत्री श्री पन्नादास स्वामी थे. उस समय छात्रावास का विधान बनाया गया. श्री दौलतराम सारण, तात्कालीन उप मंत्री कृषि एवं सिंचाई, राजस्थान सरकार की प्रेरणा से छात्रावास की तात्कालीन प्रबंधकारिणी सभा के मंत्री श्री हजारीमल सारण ने संस्थान रजिस्ट्रेशन के पूरे कागजात तैयार करके 4 अगस्त 1960 को कार्यालय रजिस्ट्रार संस्थाएं राजस्थान जयपुर को भिजवाए. तदनुरूप रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र क्रमांक 39/ 60-61 दिनांक 11.8.1960 को संस्थान पंजीकृत हुआ.

स्रोत: रजत जयंती समारोह, किसान छात्रावास सरदार शहर, बुलेटिन-पत्र, 25.12.1986, पृ.2-3

किसान छात्रावास निर्माण का इतिहास

छात्रावास की पीठिका : ग्राम विकास केंद्र की शुरुआत देहाती छात्रों की आवास समस्या का समाधान करने के रूप में हुई. छात्रावास की तात्कालीन प्रबंधकारिणी सभा की देखरेख में 1961-63 में चार कमरे, 1976-77 में रसोई भंडारकक्ष बने और बिजली-पानी का कनेक्शन लिया गया. [1]

छात्रावास निर्माण विकास काल: छात्रावास निर्माण काल में एक शुभ घड़ी आई सत्र 1977-78 में युवा छात्र शक्ति ने अपने जोश-होश से एक समुन्नत एवं व्यवस्थित छात्रावास का संकल्प उच्चरित किया. जोश-होश की शक्ति ने अपना सृजन रूप प्रकट कर छात्रावास के बिखरे क्षेत्र को नियंत्रित कर पानी व्यवस्था के लिए टंकी, स्नानागार का निर्माण कार्य, बिजली पानी की समुचित व्यवस्था का कार्य, पूर्व निर्मित कमरों के किवाड़, खिड़कियों में सरिया जाली का कार्य संपादित करवाये.

युवा छात्र शक्ति ने वातावरण को समझा और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए व्यवस्थित छात्रावास विकास की नियम का शिलान्यास भूमिदाता दानवीर स्वर्गीय श्री नेमाराम नाई के करकमलों से 22 दिसंबर 1978 को संपन्न करवाया. इस बदौलत छात्रावास का मुख्य-द्वार, मुख्य द्वार पथ, ग्राम-श्री-वाटिका, 13 नए कमरे, पूर्व निर्मित पांच कमरों की मरम्मत, नई छत, नया फर्श, नया रंग रोगन, कुवां-चौक, रसोई, भोजनालय, स्थल मरमत्त, पानी निकास नालियां, पानी का तल होद, अतिथि कक्ष की व्यवस्था सामग्री, वाचनालय पुस्तकालय की किंचित सामग्री आदि छात्रावास निर्माण विकास काल के नव नवीनीकरण कार्य संपादित हुए. यह नव नवीनीकरण विकास कार्य युवा छात्र शक्ति के प्रतिनिधि श्री भंवरलाल बेनीवाल और निर्माण विकास के प्रति निष्ठावान छात्रों की देखरेख में तथा तात्कालीन प्रबंध कारिणी सभा विशेष कर डॉक्टर कन्हैया लाल सींवर के संचालन व्यवस्था में सुसम्पन हुए.

स्रोत: रजत जयंती समारोह, किसान छात्रावास सरदार शहर, बुलेटिन-पत्र, 25.12.1986, पृ.3-4

किसान छात्रावास में कमरे निर्माण करनेवाले भामाशाहों की सूची

किसान छात्रावास सरदार शहर में कमरे निर्माण करनेवाले भामाशाहों का विवरण इस प्रकार है:

  1. गाँव दिवाणियां - सामूहिक रूप से
  2. गाँव मालकसर - सामूहिक रूप से
  3. गाँव करणसर - सामूहिक रूप से
  4. गाँव लूणासर
  5. बीकानेर शहर के ऊन-व्यवसायी (कोटड़ियाँ)
  6. लूणकरणसर - सामूहिक रूप से
  7. अनूपगढ़ - सामूहिक रूप से
  8. गाँव धान्धला - सामूहिक रूप से
  9. गाँव गोभावाली - सामूहिक रूप से
  10. संसारदेसर - सामूहिक रूप से
  11. जिला गंगानगर - सामूहिक रूप से
  12. चौधरी देवी लाल सिहाग, मुख्यमंत्री हरयाणा सरकार
  13. भूरीदेवी कस्वां पत्नी दुला राम सारण, ढाणी पांचेरा - कमरा संख्या 14-22 तक

गाँव सेवा प्रन्यास का गठन

आदर्श किसान छात्रावास एवं कन्या छात्रावास सरदारशहर के दोनों छात्रावासों का एक ट्रस्ट बनाया गया. जिसका पंजीयन संख्या 1081/9 नवंबर 1995 है. श्री दौलत राम सारण मुख्य संरक्षक तथा डॉक्टर कन्हैयालाल सींवर दोनों ने मिलकर एक गांव सेवा प्रन्यास सरदारशहर का विधान बनाकर गांव सेवा प्रन्यास की स्थापना की. जिसके अंतर्गत किसान छात्रावास एक रजिस्टर्ड संस्था है. जिसके अध्यक्ष श्री कन्हैयालाल सींवर को बनाया गया. किसान छात्रावास को गांव सेवा प्रन्यास की एक इकाई के रूप में सम्मिश्रित कर दिया. जिसका नामकरण आदर्श किसान छात्रावास एवं नर शिक्षा विकास केंद्र रखा गया. फिर छात्राओं की शिक्षा को बढ़ोतरी देने के लिए गांव सेवा प्रन्यास की एक इकाई आदर्श कन्या छात्रावास नारी शिक्षा विकास केंद्र के नाम से गांव सेवा प्रन्यास सरदारशहर द्वारा संचालित की गई. कलेक्टर चुरू के आदेश क्रमांक 12(2)89 राजस्व दिनांक 22.6.1999 से कन्या छात्रावास के लिए 12 बीघा दो बिस्वा भूमि आवंटित की गयी.

डॉ श्री कन्हैयालाल सींवर 1973-2019 दोनों ही संस्थानों के अध्यक्ष रहे.

जुलाई 2019 में नई कार्यकारिणी गठित की गयी जो इस प्रकार है:

1. श्री कृष्ण कुमार सारण पुत्र श्री दौलत राम सारण - अध्यक्ष एवं मुख्य संरक्षक

2. श्री महाबीर भाम्भू निवासी भामासी - महामंत्री

3. श्री दौलत राम सारण डालमाण - कोषाध्यक्ष

4. श्री पुरखा राम सैनी - महामंत्री मनोनीत ट्रस्टी

5. डॉ. श्री कन्हैयालाल सींवर - सदस्य

6. डॉ गोविन्द सिंह सारण, सेवा निवृत प्रोफ़ेसर ढाणी पंचेरा - सदस्य

7. श्रीमती मनभरी कटेवा - सदस्य

8. श्री अशोक कुमार सारण पुत्र श्री श्री दौलत राम सारण

स्रोत: डॉ. श्री कन्हैयालाल सींवर

किसान छात्रावास में सुविधाएं

किसान छात्रावास के पास लगभग 2 बीघा जमीन आवंटित है जिसमें कुल 28 कमरे हैं। इसमें एक भव्य पुस्तकालय जिसमें कल 104 सीटें हैं ऐस‌ पुस्तकालय की लंबाई चौड़ाई 80 x 40 फिट है। इसमें कुल 28 कमरे हैं। एक पृथक से कार्यालय है। टॉयलेट की सुविधाएं हैं। इसमें ट्यूब वेल व वाटर कूलर की सुविधाएं हैं। वर्तमान में इस में 28 विद्यार्थी अध्ययन करते हैं।

संस्थान के विकास में सहभागी

श्री कन्हैयालाल जी सिंवर
Adarsh Kisan Chhatrawas Sardarshahr Me Mukanda Ram Nehra-Dr Kanhaiya Lal Sinwar. 05.11.2024

इस संस्थान को स्थापित करने के लिए गांधीवादी नेता श्री दौलत राम जी सारण के मार्गदर्शन में शिक्षाविद श्री कन्हैयालाल जी सिंवर सेवा निवृत्ति प्राचार्य कॉलेज शिक्षा के द्वारा अथक प्रयास किये गए। जो इसके संस्थापक सदस्य हैं। इसका निर्माण विभिन्न भामाशाहों द्वारा किया गया है।

नोट - लेखक स्वयं (मुकन्दाराम नेहरा) जब राजकीय S.B.D.महाविद्यालय में सत्र 1978 में प्रथम वर्ष विज्ञान विषय में अध्ययनरत थे। तब आदरणीय श्री कन्हैयालाल जी सिंवर कालेज में प्रवक्ता थे तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी थे। तभी आप आदर्श किसान छात्रावास में संचालक के रूप में कार्य करते थे। उस समय केवल चार कमरे ही ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध थी। आपके अथक प्रयासों से यह छात्रावास फलीभूत हुआ।

यह ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों का सबसे पुराना छात्रावास है जिसके मुख्य भवन के कमरे आंशिक रूप में जर्जर हो चुके हैं।

वर्तमान में आदर्श किसान छात्रावास सरदारशहर के वार्डन श्री मालाराम जी सारण हैं जो गांव कानडवास सरदारशहर हैं।

रजत जयंती समारोह

आदर्श किसान छात्रावास सरदार शहर भामाशाहों के शिलालेखों की चित्र गैलरी

आदर्श किसान छात्रावास सरदार शहर विविध चित्र गैलरी

यह भी देखें

सन्दर्भ

  1. स्रोत: रजत जयंती समारोह, किसान छात्रावास सरदार शहर, बुलेटिन-पत्र, 25.12.1986, पृ.3

Back to Jat Organizations/Jat Monuments