Akhaigarh

Akhaigarh (अखैगढ़) is a village in tehsil Nadbai of Bharatpur district in Rajasthan.
Location
Jat Gotras
History
Akhaigarh Fort, Bharatpur : Now converted into a school and not in good condition. Akhaigarh is one of the 16 Kotari Jagir of Sinsinwar Dynasty. Maharaja Badan Singh gave his son Thakur Akhai Singh the Jagir of Nam. Thakur Akhai Singh later built the Fort and town of Akhaigarh which grew into a thriving market.
Kotari Jagir - Akhaigarh
Dynasty- Sinsinwar Jat
Source - Jat Kshatriya Culture
जाट इतिहास
दलीप सिंह अहलावत[1] लिखते हैं - 20 अक्तूबर को जाट सरदार ने सम्मान व प्रतिष्ठा के साथ राजधानी में प्रवेश किया। सम्राट् की ओर से दीवान-ए-खास में खानदौरान ने उसका स्वागत सत्कार व आगवानी की और दरबार में ले जाकर उपस्थित किया। फर्रूखसियर ने चूड़ामन को क्षमा कर दिया। उसके मनसब में वृद्धि की। ‘राव बहादुर खां’ की उपाधि से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त सम्राट् ने उसको उत्तर में बाराहपूला से दक्षिण में चम्बल नदी पर्यन्त, पूर्व में आगरा से पश्चिम में रणथम्भौर प्रान्त की सीमाओं तक शाही मार्गों की राहदारी का भार सौंपकर ‘राहदार खां’ के शाही पद पर नियुक्त किया। ऐसा करने पर प्रोफेसर के० आर० कानूनगो के लेख अनुसार “एक भेड़िये को भेड़ों के रेवड़ का रखवाला बना दिया गया।” सम्राट् ने चूड़ामन को बरौड़ा मेव (आधुनिक तहसील नगर), कठूमर, (जिला अलवर), अखैगढ़ या सौंखर-सौंखरी (कुछ भाग आधुनिक जिला अलवर तथा कुछ भाग आधुनिक तहसील नदबई में शामिल), हेलक (तहसील कुम्हेर) और अऊ (तहसील डीग) नामक पांच शाही परगने जागीर में प्रदान कर दिये।
Population
Notable persons
Reference
External links
References
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter VIII (Page 646-647)
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