Bagha Ram Lukha

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बाघा राम लूखा

Bagha Ram Lukha became martyr on 10.12.1971 during Indo-Pak war-1971 in Chhamb sector of Jammu and Kashmir. He was from village Kosaria in Baytoo tahsil of Barmer district in Rajasthan. Unit - 9 Jat Regiment.

सिपाही वाघाराम लुखा

सिपाही वाघाराम लुखा

यूनिट - 9 जाट रेजिमेंट

छंब का युद्ध

भारत-पाक युद्ध 1971

सिपाही वाघाराम का जन्म श्री देदाराम लुखा एवं श्रीमती गवरी देवी के परिवार में हुआ था। वह राजस्थान के बाड़मेर जिले की बायतू तहसील के कौसरिया गांव के निवासी थे और भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट की 9 बटालियन में सेवारत थे।

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में वह अपनी बटालियन के साथ छंब जम्मू-कश्मीर के सेक्टर में तैनात थे। 10 दिसंबर 1971 को अदम्य साहस, दृढ़ निश्चय एवं वीरता से युद्ध करते हुए सिपाही वाघाराम ने सर्वोच्च बलिदान दिया था।

स्रोत: रमेश शर्मा

बाघा राम लूखा का परिचय

बाघा राम लूखा (Bagha Ram Lukha) का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले की बायतू तहसील के कोसरिया गाँव में 1953 में देदाराम लूखा और गवरी देवी के घर हुआ. गाँव में शिक्षा की अनुकूल व्यवस्था न होने और अन्य सामाजिक आर्थिक कारणों से वह शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके. वह अविवाहित थे.

बाघा राम लूखा का चयन भारतीय थल सेना में मई 1971 को 9 वीं जाट रेजिमेंट में बतौर सिपाही न. 3161774 हुआ.

3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया. उस समय बाघा राम लूखा मुनारातावी छम्ब सेक्टर पर सीमा पर पदस्थ थे. यहाँ पर वीरता की मिसाल कायम करते हुए दुश्मन के सैनिकों को पछाड़ते हुए 10 दिसंबर 1971 को शहीद हुए. युद्ध के कारण आपका पार्थिव शरीर गाँव नहीं लाया जा सका. युद्ध भूमि में ही उचित सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया.

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सन्दर्भ

  • जोगाराम सारण: बाड़मेर के जाट गौरव, खेमा बाबा प्रकाशन, गरल (बाड़मेर), 2009 , पृ. 106-107

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