Beg Raj Buri
Author:Laxman Burdak, IFS (R), Jaipur |
Beg Raj Buri (born: 1889-16.5.1945), from village Mandasi (Jhunjhunu), was a leading Freedom fighter who took part in Shekhawati farmers movement in Rajasthan. Beg Raj Mandasi was killed by Jagirdars of Mandawa on 16.5.1945. [1]
जाट जन सेवक
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....स्वर्गीय श्री बेगराज जी - [पृ.432]: आप बूरी गोत्र के चौधरी जीवनराम जी के पुत्र थे। आप के दो अन्य भाई श्री शिवजीराम जी तथा मुकुंदरामजी हैं। आप के एकमात्र पुत्र श्री गोविंद सिंह जी हैं। आपका जन्म भादवा संवत 1946 (1889 ई.) में मांडासी से गांव में हुआ था।
आप अपने गांव के अगवा और प्रभावी व्यक्ति थे। अतः ठिकानेदार भी आपको बहुत चाहता था। ठिकानेदार ने आपके प्रभाव से नाजायज लाभ उठाने की कुभावना से आपको किसी प्रकार ठिकाने का मुलाजिम बना लिया। लेकिन यह सच्चा और निस्वार्थ सिपाही अधिक समय तक ठिकाने के चंगुल में न रह सका। और ठिकाने की सर्विस को लात मार कर दूने उत्साह और लगन से जाट पंचायत में काम करने लगे। आपकी निस्वार्थ भरी सेवाओं और कार्य पटुता ने आप को बहुत जल्द लोकप्रिय बना दिया। यहां तक कि इलाके भर के गांवों के लोग आपको बहुत मानने लगे।
किसान पंचायत टूट जाने पर आप भी अपने अन्य साथियों के साथ ही प्रजामंडल में शामिल हो गए और उसी उत्साह से प्रजामंडल का कार्य भी करने लगे। प्रजामंडल द्वारा चलाए गए आंदोलन में आपने अपने अपूर्व साहस और कार्यक्षमता का परिचय दिया।
[पृ.433]: आप के लोकहित कार्यों से यहां के ठिकानेदारों के निरंकुश शासन को गहरी ठेस लगी और वह आप से बदला लेने की घात देखने लगे। आखिर वह दिन भी आया कि इस त्यादि कर्मवीर सिपाही को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। जयपुर राज्य की लेजिस्लेटिव कौंसिल चुनाव लड़कर तारीख 15 मई 1945 को आप घर पहुंचे। तारीख 16 मई 1945 को आप झुञ्झुणु आने वाले थे कि ठिकाने के कुछ चाकर आप पर टूट पड़े और आप की जीवन लीला को समाप्त कर दिया।
आपकी मृत्यु के समाचार से यहां की किसान जनता में भारी रोष पैदा हो गया लेकिन केवल वैधानिक कार्यवाही के अतिरिक्त और किया भी क्या जा सकता है। आप की असामयिक मृत्यु से यहां के सार्वजनिक जीवन को भारी धक्का लगा। मृत्यु के समय आपकी अवस्था करीब 57 वर्ष की थी। आप बहुत ही सच्चे सेवी कार्यकर्ता थे। गत 4 वर्ष से आप विद्यार्थी भवन की सेवा कर रहे थे। आप का अभाव भवन को हमेशा खटकता रहेगा।
जीवन परिचय
सन 1925 में पुष्कर सम्मलेन के पश्चात् शेखावाटी में दूसरी पंक्ति के जो नेता उभर कर आये, उनमें आपका प्रमुख नाम हैं [3]
जीवन परिचय
बाहरी कड़ियाँ
सन्दर्भ
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.432-433
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.432-433
- ↑ राजेन्द्र कसवा: मेरा गाँव मेरा देश (वाया शेखावाटी), जयपुर, 2012, ISBN 978-81-89681-21-0, P. 100
- Jat Jan Sewak
- Jat Jan Sewak From Rajasthan
- Jat Jan Sewak From Jhunjhunu
- The Freedom Fighters
- The Freedom Fighters From Rajasthan
- The Freedom Fighters From Jhunjhunu
- Famous Jat People
- Jats From Rajasthan
- Jats From Jhunjhunu
- The Martyrs
- The Martyrs of Shekhawati Farmers Movement
- The Martyrs From Rajasthan
- The Martyrs From Jhunjhunu