Dhokar
Dhokar (धोकर) is a village in Sikar tahsil of district Sikar in Rajasthan. Its ancient name was Dhunkaradri (धुंकराद्रि) / Dhunkharadri (धुंखराद्रि).
Jat Gotras
History
चित्तौड़ के कीर्तिस्तम्भ प्रशस्ति १४६० ई. [1] में इस गाँव का उल्लेख है. जहां कुम्भा का वर्णन हमें मिलता है वहां यह उल्लिखित है कि माण्डव्यपुर (मंडोर) से हनुमान की मूर्ति लाया और १५१५ वि.सं. में उसकी स्थापना दुर्ग के प्रमुख द्वार पर की. इसके अनन्तर कुम्भा द्वारा सपादलक्ष, नराणा, वसंतपुर और आबू जीतने का वर्णन है. महाराणा ने एकलिंगजी के मन्दिर के पूर्व की ओर कुम्भ-मंडप का निर्माण कराया. आगे चलकर मालवा और गुजरात की और सेना के प्रयाण का वर्णन मिलता है जो बडा रोचक है. इसी तरह जांगल प्रदेश तथा धुंकराद्रि और खंडेला की विजय के उल्लेख के साथ लेखक ने उस भाग की नैसर्गिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला है. श्लोक १४६ में किसी शत्रु के पुर से (?) गणेश -मूर्ति को यहां लाकर स्थापित करने का उल्लेख है. इसी में डीडवाना की नमक की खान से कर लेना तथा विशाल सैन्य से खंडेले को तोड़ना भी उल्लिखित है.
रतनलाल मिश्र ने यह भी लिखा है कि कुम्भलगढ़ प्रशस्ति के श्लोकों (कुम्भलगढ़ प्रशस्ति 21, 22) से ज्ञात होता है कि महाराणा कुम्भा जांगलस्थल को युद्ध में रोंदता हुआ आगे बढा और शम्सखान (कायमखानी) भूपति के अनंत रत्नों के संग्रह को छीन लिया. उसने कासली को अचानक जीत लिया. महाराणा के दुन्दुभियों के जयघोष से धुंखराद्रि (धोकर) गूँज उठा. आकर्ण पर्यन्त खेंचे हुए धनुष के बाणों के समूह से अरदिल को नष्ट करते हुए महाराणा ने आगे बढकर खंडेले के दुर्ग को खंड-खंड कर डाला. इस प्रकार इस हमले के क्रम में कुम्भा ने शेखावाटी के अनेक स्थानों को पददलित कर डाला.[2]
Population
As per Census-2011 statistics, Dhokar village has the total population of 840 only (of which 442 are males while 398 are females).[3]
Notable persons
External links
References
- ↑ डॉ गोपीनाथ शर्मा: 'राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत', 1983, पृ.146-147
- ↑ रतनलाल मिश्र:शेखावाटी का नवीन इतिहास, कुटीर प्रकाशन मंडावा, 1998, पृ. 95
- ↑ http://www.census2011.co.in/data/village/81669-dhokar-rajasthan.html
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