Dula Ram Saharan

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Author: Laxman Burdak लक्ष्मण बुरड़क IFS (R)
Dula Ram Saran

Dula Ram Saharan is an author of Rajasthani language. He was born on 15.9.1976 in village Bharang, Tah: Taranagar, District Churu, Rajasthan.

जीवन परिचय

युवा पुरस्कार-2011, साहित्य अकादेमी, नर्इ दिल्ली द्वारा कहानी पुस्तक 'पीड़' के लिए

दुलाराम सहारण का जन्म 15 सितंबर 1976 को राजस्थान के गाँव भाड़ंग तहसील तारानगर जिला चुरू में माँ जहरो देवी और पिता मनफूल सहारण के घर हुआ।

  • नाम: दुलाराम सहारण
  • जन्मतिथि: 15 सितम्बर, 1976
  • जन्म स्थान: गांव-भाडंग (तारानगर-चूरू)
  • माताश्री: श्रीमती जहरो देवी
  • पिताश्री: श्री मनफूलराम
  • पत्नी : डॉ. कृष्णा जाखड़ - चूरु (राजस्थान) के एक छोटे से गांव खारियाबास में जन्मी डॉ. कृष्णा जाखड़ राजस्थानी और हिंदी में निरंतर लिखती हैं. आप साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के अनुवाद पुरस्कार (राजस्थानी) से भी समादृत हैं. आपकी आलोचनात्मक एवं अनुसूचित कृतियों में- 'प्रभा खेतान के साहित्य में नारी विमर्श', 'हक के लिए', 'नापीजतौ आभौ', 'गाथा विस्तार पार री', 'एक कीड़ी रौ महाभारत' आदि हैं. वर्ष 2020 में आपकी संपादित पुस्तक 'समय से संवाद' (डॉ. घासीराम वर्मा के कुछ पत्र) प्रकाशित हुई है.
  • पुत्री : कृतिका

शिक्षा

  • कक्षा 1 से 8 : राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, भाड़ंग
  • कक्षा 9 से 10 : राजकीय माध्यमिक विद्यालय, धीरवास बड़ा
  • कक्षा 11 से 12 : राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, तारानगर
  • स्नातक कला (बी.ए.) : राजकीय लोहिया महाविद्यालय, चूरू
  • स्नातक विधि (एल.एल.बी.): राजकीय लोहिया महाविद्यालय, चूरू
  • स्नातकोत्तर कला (एम.ए.- हिन्दी, राजस्थानी): स्वयंपाठी, राजकीय लोहिया महाविद्यालय, चूरू
  • पीएच.डी. : शोधरत, राजस्थानी विभाग, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर
दुलाराम सहारण अ​भिनंदन समिति द्वारा साहित्यिक—सामाजिक—सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यों के लिए

मौलिक रचना

  • पीड़ (कहानी संग्रह, राजस्थानी)
  • आंगणैरी ओळूं (औटोबायोग्राफी, राजस्थानी)
  • क्रिकेट रो कोड (बाल कहानी, राजस्थानी)
  • चाँदी की चमक (बाल कहानी, हिन्दी)
  • जंङ्गळ दरबार (बाल उपन्यास, राजस्थानी)

अनुवाद

  • च्यार पाठ (उपन्यास, रवीन्द्रनाथ ठाकुर), साहित्य अकादमी, नई दिल्ली
  • हिन्द स्वराज (महात्मा गांधी)
  • जेवड़ी (उपन्यास, तकशी शिवशंकर पिल्लै), साहित्य अकादमी, नई दिल्ली
  • कासी रो अस्सी (उपन्यास, काशीनाथ सिंह)
  • कथा कैवती जातरावां (यात्रा-वृतांत, कुसुम खेमानी)
  • साच रै ओळै दोळै (कहानी, कुसुम खेमानी)
  • कीं कागद बेटी रे नांव (जवाहरलाल नेहरू)
  • प्रेमचंद री कहाणियां (मुंशी प्रेमचंद)
  • रूपाळी नदी नर्मदा (यात्रा-वृतांत, अमृतलाल बेगड़)
  • अक्करमाशी (आत्मकथा, रिण कुमार लिंबाले)

प्रकाशनाधीन:

  • आंगणै री ओळूं: (आत्मकथांश)
  • संपादक कहिन: (साक्षात्कार)
  • नेक्स्ट डॉट कॉम: (राजस्थानी कहानी संग्रह)
  • माथाचूळ : (राजस्थानी उपन्यास)
  • जागती जोत संदर्भ ग्रंथ (शोध)

सम्पादन

पत्रिका सम्पादन:

  • संपादक: अणुसिरजण (तिमाही पत्रिका, राजस्थानी)
  • प्रबंध संपादक: लीलटांस (तिमाही पत्रिका, राजस्थानी)
  • प्रबंध संपादक: आलोचना शोध पत्रिका (सालाना पत्रिका, राजस्थानी)

पुस्तक सम्पादन

  • बात न बीती (कहानी संग्रह, राजस्थानी)
  • जागती जोत संदर्भ-ग्रंथ

पुरस्कार

  • भत्तमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार - 1996 (राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर)
  • श्रीमति बसंती देवी धानुका युवा साहित्य पुरस्कार- 2009 (धनुका सेवा ट्रस्ट, फ़तेहपुर शेखावाटी)
  • युवा पुरस्कार - 2011 (साहित्य अकादमी, नई दिल्ली)
  • युवा पुरस्कार - 2014 (भारतीय भाषा परिषद कोलकाता)
  • गौरी शंकर कमलेश साहित्य पुरस्कार-2015 (ज्ञान भारती संस्थान, कोटा)

सम्मान

  • युवा पुरस्कार (नेहरू युवा केंद्र, चुरू)
  • ज्ञान फ़ाउंडेशन सम्मान (ज्ञान फ़ाउंडेशन, बीकानेर)
  • साहित्य गौरव सम्मान-2012 (अपणायत संस्थान, तारानगर)
  • रामगोपाल गिरधारी लाल सराफ अलंकरण-2014 (दी यंग्स वेल्फेयर सोसाइटी, रतनगढ़)
  • सलिला सम्मान (सलिला संस्थान, सलूम्बर)
  • प्रज्ञा सम्मान (प्रज्ञालय संस्थान, बीकानेर) सहित कई संस्थाओं से सम्मानित

खास

  • छात्रसंघ प्रतिनिधि (1995)
  • छात्रसंघ महासचिव (1996)
  • छत्र संघ अध्यक्ष (1998) राजकीय लोहिया कालेज, चुरू
  • सदस्य, राजस्थानी परामर्श मण्डल, साहित्य अकादमी, नई दिल्ली (2008-2012)
  • जिला युवक समन्वयक, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति, चुरू
  • संस्थापक और अध्यक्ष, प्रयास संस्थान, चुरू

राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के अध्यक्ष पद पर

राजस्थान सरकार ने 22 अगस्त 2022 को एक आदेश जारी कर डाॅ. दुलाराम सहारण को राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के अध्यक्ष पद पर नामित किया। डाॅ. दुलाराम सहारण ने राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के अध्यक्ष पद पर 24 अगस्त, 2022 को कार्यभार संभाला। राजस्थान साहित्य अकादमी के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि इसके अध्यक्ष पद पर किसान वर्ग से ताल्लुक रखने वाला साहित्यकार आसीन हुआ है। राजकीय लोहिया कॉलेज, चूरू के छात्र- संघ अध्यक्ष (1998) रहे दुलाराम सहारण विद्यार्थी जीवन से सिर्फ़ साहित्यानुरागी ही नहीं अपितु साहित्य सृजन में लीन रहे हैं। जय नारायण विश्वविद्यालय, जोधपुर से राजस्थानी साहित्य में पीएच-डी की डिग्री हासिल कर चुके डॉक्टर सहारण हिन्दी और राजस्थानी दोनों भाषाओं में अपनी प्रभावी शैली से लिखते हैं। इन्होंने अपनी पहचान अपनी साहित्यिक-सामाजिक- राजनीतिक प्रतिबद्धता तथा प्रचुर लेखन के आधार पर बनाई है और साहित्य के क्षेत्र में ख्याति अर्जित की है।

भारत सरकार की साहित्य अकादमी, नई दिल्ली की ओर से राजस्थानी भाषा का पहला युवा पुरस्कार 2011 चूरू के साहित्यकार दुलाराम सहारण को उनकी रचना ’पीड़’ (कहानी संग्रह, राजस्थानी) के लिए दिया गया था। इनकी साहित्य साधना अनवरत रही है। इनकी कृतियों की फेहरिस्त लंबी है।

30 जनवरी 2022 को जयपुर में गांधी स्मृति शहीद दिवस पर महात्मा गांधी की कृतियों के डाॅ. दुलाराम सहारण द्वारा किए गए राजस्थानी अनुवाद `सर्वोदय`, `मंगळ प्रभात` और आत्मकथा `साच रा तजरबा` का विमोचन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया और वे इनके प्रचुर लेखन से अत्यंत प्रभावित हुए थे।

चूरू अंचल में साहित्य, संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित संस्थान के विचार को धरातल पर उतारते हुए डाॅ. दुलाराम सहारण ने फरवरी 2004 में प्रयास संस्थान, चूरू की स्थापना की ताकि पिछड़े इलाकों में साहित्यिक-सांस्कृतिक वातावरण का निमार्ण और विस्तार किया जा सके। प्रयास संस्थान, चूरू  के संस्थापक डाॅ. दुलाराम सहारण ने चूरू अंचल ही नहीं अपितु आसपास के जिलों में भी साहित्यिक-सांस्कृतिक माहौल को निखारने का सराहनीय कार्य किया है। प्रयास संस्थान के कार्यक्रमों के माध्यम से यहां के साहित्यप्रेमियों को देश के जाने माने साहित्यकारों एवं चिंतकों के व्याख्यान सुनने का मौका मिला। संस्थान ने साहित्य एवं संस्कृति के नित नए आयाम छूए हैं। इस संस्थान के बैनर तले डाॅ. दुलाराम सहारण ने मायड़ भाषा को समृद्ध करने और मान सम्मान दिलाने का सराहनीय काम किया है। नवोदित लेखकों की कृतियों को प्रकाशित करने का बीड़ा उठाते हुए एकता प्रकाशन शुरू किया जिसने कई लेखकों को ताकत देने का काम किया है।

महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति, चूरू के संयोजक और अहिंसा प्रकोष्ठ के निदेशक की हैसियत से डाॅ. दुलाराम सहारण ने चूरू जिले में विभिन्न स्थानों पर शानदार कार्यक्रम आयोजित किए। इन्होंने समस्त आयोजनों को साहित्यिक—वैचारिक आधारभूमि प्रदान करने का बेहतरीन काम करते हुए राज्य स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है।

वैचारिक रूप से समृद्ध दुलाराम सहारण सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक व आर्थिक परिस्थितियों, तात्कालिक घटनाओं एवं समसामयिक विषयों पर अनवरत लिखते रहते हैं। ये अपनी रचनाओं से पाठकों को दृष्टि प्रदान करते हैं और उनको मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील बनाने का प्रयास करते हैं। इस संदर्भ में प्रख्यात लेखक शैलेश मटियानी की एक बेहतरीन पंक्ति याद आती है-- ’लिखना, लेखक होना-- अपने मानवीय स्वत्व के लिए संघर्ष करने का ही दूसरा नाम है, और जब यह दूसरों के लिए संघर्ष करने के विवेक से जुड़ जाता है, तभी लेखक सही अर्थों में साहित्यकार बन पाता है।’

साहित्यकार व लेखक किसी खास जगह का नहीं होता बल्कि अपने लेखन के बलबूते पर वह हर जगह समादृत होता है। डाॅ. दुलाराम सहारण का राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के अध्यक्ष पद पर नामित होना इसका प्रमाण है।

संपर्क

  • प्रयास भवन, ताजूशाह तकिये के सामने, धर्मस्तूप चुरू, 331001 राजस्थान
  • मो: 9414327734,
  • ईमैल: drsaharan09@gmail.com
  • वेबसाईट : www.dularam.com

पिक्चर गैलरी

संदर्भ



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