Garhi Birbal
Garhi Birbal (गढ़ी बीरबल) is a village in Indri tehsil of Karnal district in Haryana.
Location
Garhi Birbal village is situated 12km away from tahsil headquarters, (Indri) and 32km away from district headquarters (Karnal). The village has got its own gram panchayat. Chandraon, Labkari, and Umarpur are some of the nearby villages.
Origin
The Founders
History
Most of the population is from JAT gotras. According to elders of this village (mentioning one experienced and knowledgeable person Shiv Nath Mandhan), JAT people came from Bharatpur from Rajasthan. These people came to Charkhi Dadri and from Charkhi Dadri to Dabkauli_Kalan and from Dabkauli_Kalan to Badi in UP.
There were 4 groups/patti of JATS in the village from the beginning. 1. Mote 2. Sahje 3. Deswal 4. Sinhmar
History of Deshwal Gotra in Garhi Birbal
कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं -
यह गाँव पहले मुसलमानों की पठान जाति का गाँव था। होली गाँव से कई परिवार अपने पशुओं को चराने के लिए पानी और उपजाऊ धरती की तलाश में यमुना जी के किनारे पर आये थे। यह गाँव यमुना नदी के किनारे पर आबाद है। कुछ समय के बाद देशवाल परिवार के लोगों ने पठानों को यहाँ से भगा दिया और इस गाँव पर अपना कब्जा कर लिया। इस गाँव में सबसे पहले देशवाल जाट आये थे। गाँव की 500 बीघा जमीन पर देशवाल जाटों का कब्जा हो गया। देशवाल परिवार की बढ़ोतरी कम होने के कारण यहाँ पर अन्य गोत्र के जाटों को बसाया गया। देशवाल परिवार ने जमीन का बंटवारा आदमियों व परिवार के हिसाब से दूसरे जाट भाइयों व अन्य जाति के लोगों में कर दिया। देशवाल परिवार ने 260 बीघा जमीन एक मंदिर के नाम पर दान करके एक बहुत अच्छा मंदिर बनवाया है। अपने क्षेत्र में यह मन्दिर गहरी आस्था का केन्द्र और नाथ सम्प्रदाय की गद्दी है। सभी नाथ समुदाय के साधु-महात्मा इस गद्दी को बड़ा मानते हैं। इस पवित्र स्थान के दर्शन करके साधु-संत, महात्मा एवं अन्य श्रद्धालु अपने आपको धन्य मानते हैं। सभी गाँववासी गाय-भैंस आदि का पहला दूध इस मंदिर में चढ़ाते हैं, फिर बाद में घर में प्रयोग होता है।
मन्दिर के बारे में जनश्रुति के अनुसार यहाँ पर किसी देवता या खुद भगवान के चरणों के निशान पाये थे जो मिटाने से भी नहीं मिट सके। अतः इस जगह को पवित्र मानकर मन्दिर बनवाया गया। पवित्र चरणों के निशान आज भी हैं। गाँववासी इन्हीं चरणों को पूजते हैं। कहते हैं कि दूध अपने आप जमने के कारण मन्दिर का नाम मिल्क आपोआप मन्दिर पड़ गया है।
विशेषताएं -
- इस गाँव में सन् 1730 में गाँव होली से आकर चौ. साधूराम के दादाजी ने इस पर अपना कब्जा किया था। यहाँ पर एक ही परिवार स्थाई रूप से आबाद हुआ। कुछ सालों बाद अन्य वापिस चले गये।
- बीमारी के कारण जनहानि होने से देशवाल परिवार की बढ़ोतरी कम होने के कारण यहाँ पर लगभग 10-15 देशवाल परिवार हैं। सभी सम्पन्न परिवार हैं।
- यह बस्ती गाँव के पूर्व में सड़क पर आबाद है।
- यह गाँव करनाल से वाया गढ़ी बीरबल यमुनानगर रोड पर उत्तर दिशा और यमुनानगर से दक्षिण दिशा में दोनों जिलों के बीच में 33 किलोमीटर पर आबाद है।
- देशवाल परिवारों की काफी जमीन जमना-जी में चली गई। इस समय इनके पास 250 बीघा जमीन है।[1]
Jat Gotras
Jat Monuments
Population
Population of Garhi Birbal, during 2011 census, was 4129, with 739 houses.
Notable Persons
- Rajat Sinhmar - Sydney, Australia.
- Abhishek Mandhan - Sydney, Australia.
- Rajat Mandhan - U.K.
- Jaideep Mandhan - Australia.
- Rahul Mandhan - Australia.
- Sanju Mandhan - Australia.
- Aman Mandhan - U.K.
- Shiv Nath Mandhan - Ex-Sarpanch and historian about village and Mandhan Gotra.
External Links
- Information about Garhi Birbal at villageinfo.in website
- http://www.onefivenine.com/india/villages/Karnal/Indri/Garhi-Birbal
References
- ↑ कप्तान सिंह देशवाल : देशवाल गोत्र का इतिहास (भाग 2) (पृष्ठ 135-136)
Back to Jat Villages