Ghata
Author: Laxman Burdak IFS (R) |
Ghata (घाटा ) is a village in tahsil Kaman, district Bharatpur in Rajasthan.
Location
Origin
Jat Gotras
History
ठाकुर देशराज[1] ने लिखा है.... [पृ.86]:इधर ब्रज के समस्त छोटे-छोटे राज्य संगठित हो गए हैं इनसे जीतना मुश्किल है; फिर भी जरासंध ने अपनी अटूट ताकत के बल पर ब्रज का ध्वंस कर दिया। कामा के पास घाटा की पहाड़ियों में जो लड़ाई उसकी हुई उसमें उसको बहुत क्षति हुई। साथ ही उसे यह भी यकीन हो गया कि ब्रजवासियों के दल को जिस पहाड़ पर घेरकर आग लगाकर उसने भस्मीभूत कर दिया है उसमें कृष्ण बलदेव भी जल गए होंगे। वह अपने देश को लौट गया। जरासंध के लौट जाने पर श्रीकृष्ण जी ने बहुत कुछ सोच विचार के बाद ब्रज को छोड़ दिया। उन्होंने वही किया जो विद्रोही लोग किसी राज्य को नष्ट करने के लिए करते हैं। बहुत दूर और दुर्गम स्थानों को पार करके काठियावाड़ में उन्होंने द्वारिका नगरी बसाई। ब्रज से उनके साथ समस्त वृष्णी, अंधक, शूर और माधव लोग चले गए थे। उन्होंने द्वारिका में जाकर ज्ञाति राज्य की स्थापना की। ज्ञाति के साधारण अर्थ जाति के होते हैं। साम्राज्य का ठीक विरोधी वास्तव में ज्ञाति राष्ट्र ही है। श्रीकृष्ण चाहते थे कि सारे देश में जाति राष्ट्र कायम हो जाए। वास्तव में किसी भी जाति की अपनी सभ्यता और अपने रस्मो-रिवाज होते हैं। जिनकी रक्षा जाति राष्ट्र ही में हो सकती है।
घाटा गुर्जर-प्रतिहार राजा भोजदेव का शिलालेख 905 ई.
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...कामवन से 6 मील दूर घाटा नामक स्थान स्थान से एक शिलालेख प्राप्त हुआ था जिससे सूचित होता है कि 905 ई. में गुर्जर-प्रतिहार वंश के शासक राजा भोजदेव ने कामेश्वर महादेव के मंदिर के लिए भूमि दान की थी. इससे इस स्थान का नाम कामेश्वर शिव के नाम पर ही पड़ा मालूम होता है.
Population
Notable persons
External Links
References
Back to Jat Villages