Hansalpur

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Hansalpur Gurdwara Chhatari
Location of Villages around Sheopur

Hansalpur (हांसलपुर) or Hasalpur (हासलपुर)is a village and site of Jat Fort in Sheopur district in Madhya Pradesh.

Location

Jat Gotras

History

Akodia gotra Jats were in the army of Maharaja Suraj Mal. After the death of Maharaja Jawahar Singh sardar Charandas Akodia came to Sheopur and settled here. He originally belonged to Ballabhgarh. He constructed a grand Laxman temple in Hasalpur, which is a unique example of architecture. He established his Jagir here. There are 8-9 villages of Akodia Jats at present out of these Talavra village is main.[1] Akodia Jats are influential in the area. There are 8-9 villages of Akodia clan in Sheopur tahsil. Talabada is major village of Akodia Jats. [2]

सूसवाड़ा के अकोदिया गोत्र का इतिहास

ग्राम सूसवाड़ा के निकटतम गांव झिरनिया, भूरवाड़ा, पहेला, चक बुखारी आदि हैं. लगभग 400 सालपूर्व ग्राम आकोदा, जो राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले में स्थित है, से निकलकर भेला गांव जो श्योपुर से 15 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा की ओर है में आकर बस गए थे. यह गांव अब पूरी तरह खाली हो गया है. यहां केवल आदिवासी निवासरत हैं. यहां से कुछ वर्षों उपरांत तलाबड़ा गांव जो श्योपुर के दक्षिण में 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित है में आकर बस गए. इसके उपरांत लगभग 200 वर्ष पूर्व तलाबड़ा से ग्राम सूसवाड़ा में आकर अपना स्थान बनाया. तभी से यहां निवासरत हैं. ग्रंथावली के अनुसार आकोदा के पहले बल्लभगढ़ से निकासी को दर्शाता है और बल्लभगढ़ के समय हमारा गोत्र चौहान हुआ करता था. आज अकोदिया गोत्र के नाम से हम अपनी पहचान को दर्शाते हैं जोकि आकोदा गांव की निकासी के कारण संज्ञान में आया.

अकोदिया गोत्र का श्योपुर के पास हासिलपुर गांव में एक भव्य मंदिर जिसे गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है. वहां हमारे इष्ट देव लक्ष्मण जी विराजमान हैं. इससे यह स्पष्ट होता है कि हमारे पूर्वज गुरु के मार्गदर्शन और उसी में आस्था के आधार पर धार्मिकता को पहचान देते थे. हासिलपुर गुरुद्वारे में आज भी गुरुओं की भव्य छतरियां निर्मित हैं और वहां गुरु पूर्णिमा को अकोदिया गोत्र के सभी बंधु एकत्रित होकर गुरु की आराधना करते हैंं. यह गुरुद्वारा एक किला की भांति ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है जिसके चारों तरफ परकोटा है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि आतताईओं के आक्रमण से स्वयं की रक्षार्थ यह गुरुद्वारा बनाया गया है जो गुरु के सानिध्य में अकोदिया गोत्र के लोग एकत्रित होकर आत्मरक्षा करते होंगे!

ग्राम सूसवाड़ा में प्राचीन शिव मंदिर, हनुमान मंदिर एवं राम जानकी मंदिर हैं. नवीन धार्मिक स्थानों में माता मंदिर, हनुमान जी मंदिर हैं गांव के पास ही नवीन स्थापित तालाब है ग्राम सुसवाड़ा कोसम नदी के किनारे बसा हुआ है जो भौगोलिक दृष्टि से मध्यप्रदेश और राजस्थान की एक सीमा निर्धारित करती है. (स्रौत चौधरी धर्मसिंह 9340121921 / 9755141198)

Notable Persons

External links

Reference

  1. Girraj Singh, Jat-Veer Smarika, Gwalior, 1987-88,p.81
  2. S S Jat, Jat-Veer Smarika, Gwalior, 1992, p.20

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