Jaipal Singh Chalka

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Jaipal Singh Chalka

Jaipal Singh Chalka (17.08.1977 - 22.07.2006) was from Chalka Ki Dhani (Khinwasar) village in tahsil Lakshmangarh of Sikar district, Rajasthan. He became martyr on 22 July 2006 in Operation Rakshak at Gurej in Bandipora district of Jammu and Kashmir.

नायक जयपाल सिंह चलका

नायक जयपाल सिंह चलका

17-08-1977 - 22-07-2006

नंबर - 3188007

सेना मेडल (मरणोपरांत)

वीरांगना - श्रीमती भंवरी देवी

यूनिट - 7 जाट रेजिमेंट

CI/IS ऑपरेशन्श

नायक जयपाल सिंह का जन्म 17 अगस्त 1977 को राजस्थान के सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील की जेपी नगर खींवासर (चलका की ढाणी) में श्री शिशुपाल सिंह चलका एवं श्रीमती बनारसी देवी के परिवार में हुआ था। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे।

प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 7 जाट बटालियन में सिपाही के पद पर नियुक्त किया गया था। अपनी बटालियन में भिन्न-भिन्न स्थानों और परिचालन परिस्थितियों में सेवाएं देते हुए वर्ष 2006 तक वह नायक के पद पर पदोन्नत हो गए थे।

22 जुलाई 2006 को, नायक जयपाल सिंह जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर में चलाए जा रहे SEARCH & DESTROY अभियान में खोज दल के 1 नंबर रॉकेट लॉन्चर डिटेचमेन्ट के पद पर थे। घिर जाने पर अपरान्ह 12:45 बजे आतंकवादियों ने आकस्मिक अंधाधुंध फायरिंग आरंभ कर दी, जिसमें दल का स्कॉउट और 1 नंबर लाइट मशीन गन डिटेचमेन्ट के सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए।

नायक जयपाल सिंह अत्यंत साहस प्रदर्शित करते हुए आगे बढ़े, उसी समय उनको गोलियों की बौछार लगी। अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की घोर उपेक्षा करते हुए नायक जयपाल सिंह ने रॉकेट लॉन्चर फायर किया और साथ ही आतंकवादियों पर एक हथगोला फेंका, जिससे दो आतंकवादी वहीं पर ही ढेर हो गए।

गंभीर रूप से घायल होने के उपरांत भी, अपने साथियों की रक्षा के लिए नायक जयपाल सिंह उसी स्थान पर डटे रहे और घायलों को निष्कासित कर रक्षण का कार्य करते रहे। अंततः अपने घातक घावों से वह वीरगति को प्राप्त हुए। इस ऑपरेशन में कुल आठ आतंकवादी मारे गए और उनसे भारी मात्रा में शस्त्र और गोला-बारूद पाए गए थे।

नायक जयपाल सिंह ने अभूतपूर्व उत्साह भावना, उच्च रणक्षेत्र कौशल, अदम्य साहस से भारी फायरिंग और कठिन परिस्थियों में विजय प्राप्त की और अपने साथियों के जीवन की रक्षा की। इस साहस, वीरता, सौहार्द की भावना और सर्वोच्च बलिदान के लिए नायक जयपाल सिंह को मरणोपरांत सेना मेडल (वीरता) से अलंकृत किया गया।

22 जुलाई 2008 को महामहिम राज्यपाल श्री एस. के. सिंह द्वारा गांव में बने इनके स्मारक पर इनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया था।

स्रोत: रमेश शर्मा

देशभक्तों की भूमि

शेखावाटी वीरबाँकुरो योद्धाओं व देशभक्तों की भूमि रही है। यहाँ के जाबांज वीर जवानों ने जब-जब देश के सामने संकट आया है, तब-तब वीर बहादुरों ने देश के लिए त्याग एवं बलिदान किया है तथा दुश्मन की ललकार का जबाब दिया है। इस वीर प्रसूता धरती ने देश में आन बान और शान के साथ अपना मस्तक ऊँचा किया है तथा देश के इतिहाश में एक गौरवशाली पृष्ठ जोड़ा है। इन्ही अमर शहीदों की परम्परा में खींवासर ग्राम के अमर शहीद जयपाल सिंह ने अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखाया है। जयपाल सिंह बचपन से ही साहसी एवं राष्ट्रीय विचारों वाला था। जयपाल सिंह एक साल का प्रक्षिशण प्राप्त करने के उपरान्त जाट रेजीमेंट में परस्तपित हो गया, तथा उनकी यूनिट जम्मू कश्मीर स्थानान्तरित होने से जयपाल भी वहीँ मोर्चे पैर तैनात हो गया| सेवा में रहने के दौरान उनकी पदोन्नति नायक के पद पर हो गयी|

सेना मेडल (वीरता)

नायक जयपाल सिंह चलका जम्मू कश्मीर के गुरेज ज़िले में 22 जुलाई 2006 को एक सर्च और डिस्ट्रॉय पार्टी के रॉकेट लांचर डिटेचमेन्ट न. 1 के पद पर थे| 12 :45 बजे आतंकवादियो ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी जिसमे स्कॉउट और एल एम जी डिटेचमेन्ट न. 1 के जवान बुरी तरह जख्मी हो गए थे| नायक जयपाल सिंह साहस दिखाते हुए आगे बढे तभी उनको गोलियों का एक बर्सट लगा| अपनी जान की परवाह किये बिना नायक जयपाल सिंह रॉकेट लॉन्चर से एक फायर किया और साथ ही एक हथ गोला आतंकवादियो पर दागा जिससे दो आतंकवादी वहीँ पर ढेर हो गए| नायक जयपाल सिंह पूर्ण रूप से घायल होने के बाद भी अपने साथियों की रक्षा के लिए उसी स्थान पर डटे रहे और घायलों को भी बाहर निकाल कर बचाते रहे जबतक की वीरगती को प्राप्त हुए| बरामद बैग से मिली जानकारी के बाद किये गए ऑपरेशन में आठ आतंकवादी मारे गए और बहुत अधिक मात्रा में अस्ला बारूद भी बरामद हुआ| इस अभूतपूर्व उत्साह भावना, उच्च रणक्षेत्र कौशल, अदम्य साहस से नायक जयपाल सिंह ने भारी फायरिंग और कठिन परिस्थियों में भी विजय प्राप्त की और अपने साथियो की जान बचायी और इस सर्वोच्च बलिदान के लिए नायक जयपाल सिंह को मरणोपरान्त सेना मेडल (वीरता) से अलंकृत किया जाता है|

शहीद मेला तथा जय फुटबॉल प्रतियोगिता आयोजित

22.7.2018 को शहीद मेला आयोजित किया गया
जय फुटबॉल प्रतियोगिता 22.7.2018

खींवासर में शहीद जयपाल सिंह चलका की पुण्य तिथि पर 22.7.2018 को शहीद मेला आयोजित किया गया. गणमान्य अतिथियों व आमजन ने श्रद्धांजलि दी और श्रद्धासुमन भेंट किए. इस अवसर पर जेपी नगर खींवासर में शहीद जयपालसिंह चलका की स्मृति में आयोजित जय फुटबॉल प्रतियोगिता का बुधवार 22.7.2018 को शुभारंभ किया गया। अतिथियों ने शहीद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्य अतिथि शिक्षाविद् चैनसिंह आर्य ने उद्घाटन मैच की टीमों के खिलाडिय़ों से परिचय प्राप्त किया। इसके बाद गेंद को किक कर प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होने दोनों टीमों के खिलाडिय़ों शुभकामनाएं दी। साथ ही मैच के दौरान खेलभावना के साथ खेलने की नशीहत भी दी। इस अवसर पर शिक्षाविद् दयाराम महरिया, सरपंच रामस्वरूप चलका , शहीद स्मृति संस्थान के हरलालसिंह चलका व रिछपालसिंह फगेडिय़ा सहित अनेक खिलाड़ी उपस्थित रहे। शहीद के पिता शिशुपालसिंह चलका ने बताया कि प्रतियोगिता का उद्घाटन मैच कोलीड़ा व बिड़ोदी बड़ी की टीमों के बीच खेला गया। निर्धारित समय में दोनों टीमें गोल नहीं कर पाई। इसके बाद टाईब्रेकर में कोलीड़ा ने बिड़ोदी की टीम को 5-4 से हराया। दूसरे मैच में गोठड़ा ने पनलावा को 2 - 0 से हराया। प्रतियोगिता संयोजक प्यारेलाल ने बताया की गुरूवार को डूडवा व यालसर, जेरठी व पालड़ी, खीरवा व थोरासी के मैच खेले जाऐंगे।

Shaheed Jaipal Singh Chalka Seva Samiti

Shaheed Jaipal Singh Chalka Smriti Sansthan was established on 14th September of 2006 in village Khinwasar (Laxmangarh), District Sikar (Rajasthan). Contact: 9413647899, 9314653732 Website: http://www.shaheedjp.com/ Email: shaheedjp@yahoo.com

Monument

Shaheed Jaipal Singh Chalka Smarak has been constructed in Shaheed J.P. Nagar (Khinwasar) which is located on Kolida to Bidasar Road.

https://goo.gl/maps/XNg9zS2kGYT2

Honour

Chalka Ki Dhani (Khinwasar) was renamed as Shaheed J.P. Nagar in the memory of the martyr Jaipal Singh.

Gallery

References

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