Jat History Dalip Singh Ahlawat/Detailed Index
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विस्तृत विषय सूची |
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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प्रथम अध्याय: सृष्टि प्रकरण | ||||||||||||
1. सृष्टि प्रकरण, सृष्टि की रचना | 1-2 | |||||||||||
2. वेद विषय विचार और रचना | 3-4 | |||||||||||
3. सृष्टि की आयु, युग, मन्वन्तर, सृष्टि संवत् | 4-7 | |||||||||||
4. सृष्टि की आयु और पाश्चात्य विद्वान् | 7-9 | |||||||||||
5. हमारे देव और ऋषि, ब्रह्मा, विष्णु, महेश | 9-15 | |||||||||||
6. आर्य कौन हैं? उनका मूलस्थान कौन सा है? | 15-25 | |||||||||||
7. सृष्टि से आर्यों का चक्रवर्ती राज्य | 25-30 | |||||||||||
8. ब्रह्मा की वंशावली | 30-62 | |||||||||||
(क) ब्रह्मा, विराट् स्वायम्भव मनु, प्रियव्रत की वंशावली | 31-33 | |||||||||||
(ख) सूर्यवंशी राजाओं की ब्रह्मा के पुत्र मरीचि से वंशावली | 33-40 | |||||||||||
(ग)ब्रह्मा के पुत्र पुलस्त्य की वंशावली | 40-44 | |||||||||||
(घ) ब्रह्मा के पुत्र क्रतु, अंगिरस, पुलह, भृगु और दक्ष की वंशावली | 44-45 | |||||||||||
(ङ) ब्रह्मा के पुत्र अत्रि की चन्द्रवंश की वंशावली | 46-62 | |||||||||||
9. वर्णाश्रम धर्म | 62-66 | |||||||||||
10. वंश प्रचलन व्यक्ति, देश या स्थान, काल, उपाधि भाषा के नाम पर | 66-67 | |||||||||||
द्वितीय अध्याय: जाट विषयक प्रसंग | ||||||||||||
1. जाटों की संख्या और आवास भूमि | 68-74 | |||||||||||
2. पहचान, चरित्र, स्वभाव और विशेषतायें | 74-77 | |||||||||||
3. धर्म, समाज, विवाह | 77-79 | |||||||||||
4. पंचायत | 79-80 | |||||||||||
5. भाषा | 80-82 | |||||||||||
6. उपाधियां | 83-85 | |||||||||||
7. जाट के भिन्न-भिन्न देशों में पुकारे जाने वाले नाम | 85-87 | |||||||||||
8. जट से जाट शब्द | 87-89 | |||||||||||
9. जाट वीरों की उत्पत्ति | 90-109 | |||||||||||
10. जाट आर्य हैं | 109-132 | |||||||||||
11. जाट भारतीय हैं | 132-137 | |||||||||||
12. जाट क्षत्रिय वर्ण के हैं | 138-148 | |||||||||||
13. जाटों के क्षत्रिय होने के कुछ ठोस प्रमाण | 148-154 | |||||||||||
तृतीय अध्याय: आदि सृष्टि से देश-विदेश में जाट वीरों का राज्य | ||||||||||||
1. विद्या का इतिहास | 155-161 | |||||||||||
2. भवन निर्माण आदि | 161-163 | |||||||||||
3. अस्त्र-शस्त्र विज्ञान | 163-164 | |||||||||||
4. वैदिक काल से अमेरिका में विज्ञान | 164-166 | |||||||||||
5. महाभारत काल में विज्ञान आदि | 166-171 | |||||||||||
6. हड़प्पा और मोहनजोदड़ो | 171 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xiii
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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7. आदि सृष्टि से कृषि विज्ञान | 171-175 | |||||||||||
8. हमारे वेद शास्त्रों के लेखों पर विदेशी इतिहासज्ञों का मण्डन व खण्डन | 176-177 | |||||||||||
9. भारतवर्ष के इतिहास का पतन | 177-182 | |||||||||||
वैदिक काल में जाटवंशों का निर्माण तथा राज्य | ||||||||||||
(क) चन्द्रवंशज जाट | ||||||||||||
1. अत्रि | 183 | |||||||||||
2. बुधवार | 183-184 | |||||||||||
3. यादववंश | 184-187 | |||||||||||
महाराजा कृष्ण जी जाट थे (प्रमाण) | 187-190 | |||||||||||
4. तंवर तोमर | 190-192 | |||||||||||
5. पुरु-पौरव | 192-194 | |||||||||||
6. नव या नौवर | 194 | |||||||||||
7.8.9. कृमि, दर्व, भद्रक | 194-195 | |||||||||||
10. शिवि/ शैवल/ शैव्य/ शैव | 195-197 | |||||||||||
11. यौधेय या जोहिया | 197-199 | |||||||||||
12. मद्र | 199-201 | |||||||||||
13. अहलावत | 201-211 | |||||||||||
14. दहिया | 211-217 | |||||||||||
15. जाखड़ | 217-219 | |||||||||||
16.17.18. अंजना, भिम्भरौलिया और कल्हन | 219 | |||||||||||
19. पौनिया-पूनिया | 219-221 | |||||||||||
20. चीना या चीमा | 222-223 | |||||||||||
21. आन्ध्रवंश | 223-225 | |||||||||||
(ख) सूर्यवंशज जाट | ||||||||||||
1. कश्यप/ काश्यप | 225 | |||||||||||
2. नेहरा | 225-226 | |||||||||||
3. काकुस्थ या काकवंश | 226-230 | |||||||||||
4. श्री रामचन्द्र महाराज जाट थे | 230-232 | |||||||||||
5. गौर वंश | 232-234 | |||||||||||
6. बल/ बालान/ बालियान | 234-238 | |||||||||||
(ग) नागवंश | 238-242 | |||||||||||
रामायणकाल में जाटवंश तथा उनका राज्य | ||||||||||||
1. वसाति या वैस (नागवंश) | 243-246 | |||||||||||
2. तक्षक (नागवंश की शाखा) | 246-248 | |||||||||||
3. काला, कालीधामन-कालखण्डे (नागवंश की शाखा) | 248 | |||||||||||
4. औलक (नागवंश की शाखा) | 248 | |||||||||||
5. कलकल (नागवंश की शाखा) | 248-249 | |||||||||||
6. लाम्बा-लोवंसी (सूर्यवंशी) | 249-250 | |||||||||||
7. मोहिल-महला-माहिल (चन्द्रवंशी) | 250-251 | |||||||||||
8. मांगध-महला-माहिल (चन्द्रवंशी) | 251-253 | |||||||||||
9. दरद या दराल (चन्द्रवंशी) | 253-254 | |||||||||||
10. मल्ल या मालव (चन्द्रवंशी) | 254-255 | |||||||||||
11. क्षुद्रक या शूद्रक (सूर्यवंशी) | 255 | |||||||||||
12. मत्स्य-माछर | 255-256 | |||||||||||
13. वृष्णि | 256-257 | |||||||||||
14. शूरसेन/ शूर | 257-258 | |||||||||||
15. दशार्ण-दशपुरिया | 258 | |||||||||||
16. भोज या कुन्तिभोज | 258 | |||||||||||
17. पांचाल | 259 | |||||||||||
18. वाल्हीक-वाहिक-वरिक | 259-263 | |||||||||||
19. शक 20. बर्बर 21. पल्हव 22. विदेह 23. पुण्ड्र 24. पाण्ड्य 25. चोल 26. वंग 27. कुरु 28. विदर्भ | 264-265 | |||||||||||
29. सिन्धु | 265-269 | |||||||||||
30. ऋषिक-तुषार-मलिक-लल्ल गठवाला मलिक | 269-279 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xiv
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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महाभारत काल में जाटवंश तथा उनका राज्य | ||||||||||||
1. भीष्मपर्व अध्याय 9 के अनुसार भारतवर्ष में जाटवंश के 83 जनपदों के नाम | 280 | |||||||||||
2. पाण्डवों की दिग्विजय में उनका जाट वंशज नरेशों तथा जनपदों से युद्ध | 280-282 | |||||||||||
3. महाराजा युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में जाटवंश राजा द्रव्य (धन) लाये | 282-284 | |||||||||||
4. महाभारत वनपर्व में जाटवंश | 284 | |||||||||||
5. महाभारत युद्ध में कौरव तथा पाण्डव पक्ष के जाटवंशज नरेश तथा सैनिक | 284-287 | |||||||||||
6. महाभारत मौसलपर्व द्वारिकापुरी में जाटवंश आपस में लड़कर मर गये | 287-289 | |||||||||||
7. महाप्रस्थानिक पर्व पाण्डवों का राज्य छोड़कर चले जाना तथा उनकी मृत्यु | 289 | |||||||||||
8. महाभारत काल के जाटवंशों तथा उनके जनपदों का वर्णन | ||||||||||||
1.-12. कौसल, काशि, चेदि, काम्बोज, कुण्डल, अर्ह, पारद, तंगण-परतंगण, वल्लव-वल्लभी, केकय, सौवीर, आभीर | 289-290 | |||||||||||
13. गोपाल, गौपराष्ट्र | 290-292 | |||||||||||
14. गान्धार | 292-293 | |||||||||||
15. गोधा | 293 | |||||||||||
16. झिल्लिक-झल्ल | 294 | |||||||||||
17. वत्स | 294-295 | |||||||||||
18. कुन्दा-कुन्डू | 294-295 | |||||||||||
19-20-21. भारद्वाज-भदौतिया, वाटधान, शिशि | 295 | |||||||||||
22. लोहित-लोहर क्षत्रिय (खत्री) | 295-297 | |||||||||||
23. शाल्व-शिलाहार-सालार | 297 | |||||||||||
24. कुन्तल, खूंटेल | 297-298 | |||||||||||
25. सुकन्द-सौकन्दे-शिवस्कन्दे | 298-299 | |||||||||||
26. कंक-कन्क-कंग | 299-300 | |||||||||||
27. मान (भुल्लर-हेर शाखा गोत्र) | 300-303 | |||||||||||
28. सिहाग, सुहाग, सिवाग | 303-304 | |||||||||||
29. जनवर | 304-305 | |||||||||||
30. भरंगुर भंगु-भरंगर | 305 | |||||||||||
31. जंघारा | 305 | |||||||||||
32. बाना | 305 | |||||||||||
33. राठ-राठी-राष्ट्रकुल | 306-309 | |||||||||||
34. मौर्य-मौर | 309-314 | |||||||||||
35. चट्ठा-चगता | 315 | |||||||||||
चतुर्थ अध्याय: महाभारत युद्ध के बाद विदेशों में जाट राज्य | ||||||||||||
1. भौगोलिक ब्यौरा | 316-320 | |||||||||||
2. मुख्य इतिहासकार | 320-321 | |||||||||||
3. जाट के भिन्न-भिन्न देशों में पुकारे जाने वाले नाम | 321 | |||||||||||
4. शक, सिथियन, कुषाण, तुर्किस्तान, तुर्क, यवन | 321-323 | |||||||||||
I. चीन तथा मंगोलिया | ||||||||||||
1. चीन में शासक जाट गोत्र | 323-326 | |||||||||||
2. श्वेत हूण या हेफताल | 326 | |||||||||||
3. चीन में तांग वंश के जाट राजाओं का शासन | 326-327 | |||||||||||
4. हूणों के आक्रमण तथा उनके साथ ऋषिक-तुषार गोत्र के जाटों का युद्ध | 327-329 | |||||||||||
5. चंगेजखां बोगदा या बोगदावत जाट | 329 | |||||||||||
6. सम्राट कनिष्क कुषाण वंशीय जाट का चीन से युद्ध | 329-300 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xv
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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7. चीन तथा मध्य एशिया में भारतीय संस्कृति तथा धर्म के फैलाने में जाटों का योगदान | 330-332 | |||||||||||
II. सीथिया तथा मध्य एशिया | ||||||||||||
1. सीथिया, मध्य एशिया, कैस्पियन सागर | 332-333 | |||||||||||
2. टर्की, यूनान, ताशकन्दी | 333-334 | |||||||||||
3. मुगल, समरकन्द, ईरान | 334-335 | |||||||||||
4. ऐशिया माइनर | 335-336 | |||||||||||
5. अरमेनिया, ऐजरबैजान, जियोर्जिया, इराक, पर्थिया | 336-337 | |||||||||||
6. बल्ख, अफगानिस्तान, गजनी | 337-338 | |||||||||||
7. हिन्दुकुश, कौंचवन | 338-339 | |||||||||||
8. यूरोप देश | 339-340 | |||||||||||
9. वैदिक संस्कृत भाषा का संसार की अन्य भाषाओं से सम्बन्ध | 340-341 | |||||||||||
10. सीथिया और मध्य एशिया में जाटवंश | 341-342 | |||||||||||
11. जाटों के विषय में कलविन केफर्ट तथा पी. साइकेस के लेख | 342-343 | |||||||||||
12. कुरु वंश | 343 | |||||||||||
13. मद्रवंश | 343 | |||||||||||
14. वाल्हीक-विक-विर्क | 343-344 | |||||||||||
15. दहिया | 344-345 | |||||||||||
16. वेन, मान | 345 | |||||||||||
17. शक वंश | 345-347 | |||||||||||
18. रूस निवासियों का भारतीय जाटों से सम्बन्ध | 346-350 | |||||||||||
19. शिवि और कंग/ कांग वंश | 350-351 | |||||||||||
20. तोमर/तंवर हंस पूनिया डागर, पल्हव (पार्थियन) वंश | 351-352 | |||||||||||
21. कश्यप, दरद, कालखन्डे, कुन्डू, गिल, खूंटेल वंश, चहल | 352 | |||||||||||
22. जाट महारानी तोमरिस का सम्राट् साईरस से युद्ध | 353-355 | |||||||||||
23. जाट सेना का मिश्र पर आक्रमण | 355 | |||||||||||
24. डेरियस का सीथिया तथा थ्रेस राज्य के शासक जाटों से युद्ध | 355-356 | |||||||||||
25. सीथिया तथा मध्य एशिया के जाटों की विशेषताएं | 356-357 | |||||||||||
26. सीथियन जाटों का मिश्र सेना से युद्ध | 357 | |||||||||||
27. मकदूनिया के शासकों से जाटों का युद्ध | 357-358 | |||||||||||
28. सम्राट् सिकन्दर और जाट | ||||||||||||
(क) सिकन्दर का सोग्डियाना के जाटों से युद्ध | 358-360 | |||||||||||
(ख) सिकन्दर और दारा | 360-361 | |||||||||||
(ग) राजा आम्भी | 361 | |||||||||||
(घ) राजा पुरु-पोरस | 361-62 | |||||||||||
(ङ) छोटा पुरु और अगलासाई जाति | 362 | |||||||||||
(च) सिकन्दर की वापिसी | 363-364 | |||||||||||
29. खोतन का जाटराज्य | 364-366 | |||||||||||
30. कुषाणवंशज जाटराज्य | 366-371 | |||||||||||
31. श्वेत हूण या हेफताल जाटराज्य | 371 | |||||||||||
32. तुर्कों का राज्य | 371-373 | |||||||||||
33. इस्लाम धर्म एवं साम्राज्य | 373-374 | |||||||||||
34. चंगेज खां का आक्रमण | 374-376 | |||||||||||
35. तैमूरलंग और जाट | 376-383 | |||||||||||
III. यूरोप तथा अफ्रीका | ||||||||||||
1. यूरोप में जाटों का प्रवेश | 383-385 | |||||||||||
2. यूरोप में जाट के भिन्न-भिन्न नाम | 385-387 | |||||||||||
3. स्कण्डेनेविया (नार्वे, स्वीडन, डेन्मार्क) | 387-389 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xvi
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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4. रोमन राज्य | 389-390 | |||||||||||
(क) अद्भुत जाट विजेता अलारिक | 390-392 | |||||||||||
(ख) रोम व स्पेन के जाट शासक | 392-393 | |||||||||||
(ग) विजेता जाट अत्तीला | 393-395 | |||||||||||
(घ) जर्मनी | 395-397 | |||||||||||
5. ब्रिटेन या इंग्लैंड द्वीप समूह | 397-398 | |||||||||||
6. ब्रिटेन पर रोमनों का शासन | 398-399 | |||||||||||
7. ब्रिटेन पर जूट्स, सेकसन्स, ऐंगल्स की विजय | 399-401 | |||||||||||
8. इंग्लैंड पर डेनों के आक्रमण तथा राज्य | 401-403 | |||||||||||
9. इंग्लैंड पर नॉरमन विजय | 403-406 | |||||||||||
10. इंग्लैंड पर नॉरमन राज्य | 406-410 | |||||||||||
मध्यपूर्व (Middle East) | ||||||||||||
1. मध्यपूर्व के वह देश जिनमें जाटों का निवास व राज्य रहा | 410-413 | |||||||||||
2. मध्यपूर्व में जाट गोत्र जिनका शासन तथा निवास था | 413-423 | |||||||||||
3. शक्तिशाली मांडा जाट साम्राज्य के कुछ विशेष मनुष्यों के नाम | 424-426 | |||||||||||
4. मांडा सम्राट् डियोसिज/ देवका | 426-428 | |||||||||||
5. जाट सम्राट् फ्रावर्ती | 428 | |||||||||||
6. जाट सम्राट् साईक्षयरज या हूवाक्षत्र | 428-429 | |||||||||||
7. जाट सम्राट् ईश्तवेगु | 429-431 | |||||||||||
8. सम्राट् साईरस | 431-434 | |||||||||||
9. सम्राट् कैम्बाइसिज | 434 | |||||||||||
10. जाट सम्राट् डेरियस | 434-436 | |||||||||||
11. जाट सम्राट् क्षेरक्षेज | 436 | |||||||||||
12. मांडा जाट साम्राज्य का अन्त तथा मध्यपूर्व पर अन्य शासक | 438-439 | |||||||||||
13. इस्लाम धर्म व जाट | 438-439 | |||||||||||
14. इस्लाम शासनकाल में मध्यपूर्व में जाटों की शक्ति का स्म्क्षिप्त ब्यौरा | 439-443 | |||||||||||
15. बृहत्तर भारत का क्षेत्र - दक्षिण-पूर्वी एशिया | 443-444 | |||||||||||
16. जाट वीरों की वीरता पर चौ० ईश्वरसिंह गहलोत का एक श्रेष्ठ भजन | 444-448 | |||||||||||
पंचम अध्याय: महाभारत युद्ध के बाद भारतवर्ष में जाटराज्य एवं शक्ति | ||||||||||||
महाराजा युधिष्ठिर से सम्राट् हर्षवर्धन तक जाटों का स्वर्णयुग
(समय 3100 वर्ष ई० पू० से सन् 647 ई० तक = 3747 वर्ष) | ||||||||||||
1. महाभारत युद्ध के बाद महाराजा युधिष्ठिर का राजतिलक, द्वारकापुरी में यादवों की कलह तथा वज्र व परीक्षित का राजसिंहासन पर बैठना | 449-450 | |||||||||||
2. श्रीकृष्ण महाराज की वंशावली | 450-451 | |||||||||||
3. महाराजा युधिष्ठिर से यशपाल तक जाट नरेशों का ब्यौरा | 451-453 | |||||||||||
4. जाट वंशीय महाराजा हरबाहु आदि 25 नरेशों का इन्द्रप्रस्थ (दिल्ली) राजधानी पर 729 वर्ष तक शासन | 453-456 | |||||||||||
5. ढिल्लों जाटों के नाम पर देहली नगर का नाम पड़ा | 456-458 | |||||||||||
6. सूर्यवंशीय कुशवंशज जाट राज्य | 458-459 | |||||||||||
7. चन्द्रवंशीय जाट राजा कुश | 459-460 | |||||||||||
8. महाराजा जटासुर | 460 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xvii
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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9. क्षत्रियों के समान ब्राह्मण वंश | 461-462 | |||||||||||
10. भारतवर्ष में बौद्धकालीन 16 महाजनपद | 462-467 | |||||||||||
11. जैन धर्म व बौद्ध धर्म की स्थापना के कारण | 467-468 | |||||||||||
12. महात्मा महावीर | 468-471 | |||||||||||
13. महात्मा गौतम बुद्ध | 471-472 | |||||||||||
14. बौद्ध धर्म का देश-विदेश में फैलावा | 472-473 | |||||||||||
15. बौद्ध धर्म के पतन के कारण | 473-475 | |||||||||||
16. मगध साम्राज्य पर शासन करने वाले जाटवंश (विष्णु पुराण के अनुसार) | 475-476 | |||||||||||
मगध साम्राज्य के शासकों का विस्तार से वर्णन | ||||||||||||
1. सम्राट् बिम्बसार | 476-477 | |||||||||||
2. सम्राट् अजातशत्रु | 477 | |||||||||||
3. नांदल या नन्द जाटवंश | 477-479 | |||||||||||
मगध साम्राज्य पर मौर्य-मौर वंशज नरेशों का शासन | ||||||||||||
4. मौर्य-मौर जाट होने के प्रमाण | 479-480 | |||||||||||
5. सम्राट् चन्द्रगुप्त मौर्य-मौर | 480-482 | |||||||||||
6. सम्राट् बिन्दुसार | 482 | |||||||||||
7. सम्राट् अशोक महान् | 482-483 | |||||||||||
8. मौर्य-मौर साम्राज्य के पतन के कारण | 483 | |||||||||||
9. मगध पर ब्राह्मण शुंग वंश का शासन | 484 | |||||||||||
10. मगध पर ब्राह्मण कण्व वंश का शासन | 484 | |||||||||||
11. सम्राट् विक्रमादित्य (विक्रम) | 484-485 | |||||||||||
12. आन्ध्र वंश का मगध तथा अन्य प्रदेशों पर शासन | 485-486 | |||||||||||
भारतवर्ष पर विदेशी आक्रमणकारी | ||||||||||||
1. यवन (यूनानी) | 486-487 | |||||||||||
2. शक जाति (जाटवंश) | 487-488 | |||||||||||
3. कुषाण वंशज जाटराज्य | 488-489 | |||||||||||
4. भिवानी क्षेत्र पर कुषाणों तथा अन्य जाटों के शासन का कुछ विशेष ब्यौरा | 489-491 | |||||||||||
(क) नागवंशी भारशिव (भराईच) | 489-491 | |||||||||||
(ख) लिच्छवि जाट राज्य | 491-492 | |||||||||||
गुप्त साम्राज्य (धारण गोत्र के जाट शासक) | ||||||||||||
1. गुप्तवंशज सम्राट धारण गोत्र के जाट थे इसके प्रमाण | 492-495 | |||||||||||
2. श्रीगुप्त और घटोत्कच | 495 | |||||||||||
3. चन्द्रगुप्त प्रथम | 495-496 | |||||||||||
4. सम्राट् चन्द्रगुप्त | 496-501 | |||||||||||
5. रामगुप्त | 501 | |||||||||||
6. सम्राट् चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य | 501-504 | |||||||||||
7. कुमारगुप्त प्रथम | 504 | |||||||||||
8. स्कन्दगुप्त तथा बाद के गुप्त शासक | 505 | |||||||||||
9. गुप्तसाम्राज्य के पतन के समय भारतवर्ष में अन्य राज्यों की स्थापना | 505-507 | |||||||||||
(क) सम्राट् यशोधर्मा वरिक (जाटवंशज) | 507-508 | |||||||||||
(ख) सम्राट् हर्षवर्धन वसाति या वैस जाटवंशी | 508-510 | |||||||||||
(ग) विशाल हरयाणा सर्वखाप पंचायत का निर्माण | 511-514 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xviii
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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षष्ट अध्याय: सम्राट् हर्षवर्धन के बाद से महाराजा पृथ्वीराज चौहान तक जाटराज्य एवं शक्ति
(समय 647 ई० से 1192 ई० तक = 545 वर्ष) | ||||||||||||
1. जाट, गुर्जर, राजपूत, अहीर मराठा क्षत्रिय आर्य एक ही श्रेणी इए लोग हैं | 515 | |||||||||||
2. गुर्जरों की उत्पत्ति एवं राज्य | 515-517 | |||||||||||
3. गुर्जरों के प्राचीन और अर्वाचीन राज्य | 517-518 | |||||||||||
4. जाट गोत्र जो गुर्जर संघ में मिल गए | 518 | |||||||||||
5. अहीर जाति की उत्पति तथा राज्य | 518-519 | |||||||||||
6. जाट गोत्रों से मिलने वाले अहीर गोत्र | 519-520 | |||||||||||
7. राजपूत जाति की उत्पत्ति तथा राज्य | 520-526 | |||||||||||
8. जाट गोत्र जो राजपूत गोत्रों से मिलते हैं | 526 | |||||||||||
9. मराठा जाति की उत्पत्ति एवं राज्य | 526-528 | |||||||||||
10. मराठा राज्य की स्थापना और शिवाजी | 528-531 | |||||||||||
11. कन्नौज राज्य | 531-532 | |||||||||||
12. बिहार, बंगाल के पाल तथा सेनवंश | 532-533 | |||||||||||
13. कश्मीर राज्य | ||||||||||||
कारकोट वंश व उत्पल जाटराज्य: लोहित-लोहर-क्षत्रिय | 533-534 | |||||||||||
14. सिन्ध प्रदेश पर जाटराज्य | ||||||||||||
सिन्ध पर ब्राह्मण राज्य की स्थापना | 534-536 | |||||||||||
मुहम्मद-बिन-कासिम का सिंध पर आक्रमण | 536-537 | |||||||||||
15. बलहारा जाटवंश का राज्य | 537-538 | |||||||||||
16. पंजाब में जाटराज्य | ||||||||||||
पूर्ण भगत, शालिवाहन, राजा रिसालू | 538-539 | |||||||||||
17. नागवंसी भारशिव (भराईच) जाटों का पंजाब में जाटराज्य | 539-540 | |||||||||||
दक्षिण में जाटराज्य | ||||||||||||
1. अहलावत जाटवंश | 540 | |||||||||||
2. राष्ट्रकूट-राठी जाटवंश | 540 | |||||||||||
3. पल्लव जाटवंश | 540-541 | |||||||||||
4. चोल जाटवंश | 541-542 | |||||||||||
5. पाण्ड्य जाटवंश | 542 | |||||||||||
6. मान जाटराज्य | 542 | |||||||||||
7. जनवार जाटराज्य | 542 | |||||||||||
8. शौर्य-मौर जाटराज्य | 543 | |||||||||||
9. काकुस्थ या काक जाटराज्य | 543 | |||||||||||
10. शल्व-शिलाहार-सालार जाटराज्य | 543-544 | |||||||||||
गुजरात में जाटराज्य | ||||||||||||
1. सिन्धु जाट | 544 | |||||||||||
2. बल-बालान जाटवंश | 544 | |||||||||||
राजस्थान में जाटराज्य | ||||||||||||
1. मौर्य-मौर जाटराज्य | 544-545 | |||||||||||
2. नेहरा जाटराज्य | 545-546 | |||||||||||
3. मद्रक-भादा जाट | 546 | |||||||||||
4. शिवि जाट | 546 | |||||||||||
5. जाखड़ जाट | 546 | |||||||||||
6. गौर जाट | 546 | |||||||||||
7. दहिया जाटवंश का राज्य | 546 | |||||||||||
8. सिहाग या सुहाग जाटराज्य | 546-547 | |||||||||||
9. काक जाटों का राज्य | 547 | |||||||||||
10. मोहिल-माहिल-महला जाटराज्य | 547 | |||||||||||
11. पूनिया-यौधेय या जोहिया, बेनीवाल, गोदारा, सारन, असियाग, मोहिल-माहिल, बांगर, खारा जाटों का बीकानेर क्षेत्र पर राज्य | 547-550 | |||||||||||
12. कसवां जाटराज्य | 550 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xix
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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13. टोंक रियासत पर तक्षक जाटों का राज्य | 550 | |||||||||||
14. खोजा जाटवंश का राज्य | 550-551 | |||||||||||
15. गौर जाटवंश का राज्य | 551 | |||||||||||
16. रणथम्भोर पर जाटराज्य | 551 | |||||||||||
17. सांगवाण-सांगा जाटों का राज्य | 551-552 | |||||||||||
मालवा में जाटराज्य | ||||||||||||
1. पंवार का परमार गोत्र | 552 | |||||||||||
2. राजा भोज पंवारवंशी जाट | 552-553 | |||||||||||
3. राजा उदयादित्य | 553 | |||||||||||
4 जगदेव पंवार | 553-554 | |||||||||||
5. लोहचब पंवार | 554-555 | |||||||||||
बुन्देलखंड के चंदेले | 555-556 | |||||||||||
चेदि के कुलचुरी (जाटराज्य) | 556 | |||||||||||
आल्हा, उद्दल, मलखान वत्स गोत्र के जाट | 556-557 | |||||||||||
आल्हा, उद्दल, मलखान का दिल्ली के सम्राट् पृथ्वी चौहान से युद्ध | 557 | |||||||||||
राजा चकवा बैन का राज्य | ||||||||||||
1. बेनीवाल/ बैन/ वैन जाट गोत्र | 557-559 | |||||||||||
2 दिल्ली पर चौहानों से पूर्व तंवर-तोमर जाटों का राज्य | 559 | |||||||||||
3. पृथ्वीराज चौहान | 560 | |||||||||||
भारतवर्ष पर मुसलमान आक्रमणकारी और जाट | ||||||||||||
1. अलप्तगीन | 560 | |||||||||||
2. सुबुक्तगीन | 560-561 | |||||||||||
3. महमूद गजनवी | 561 | |||||||||||
4. महमूद गजनवी और जाट | 561-565 | |||||||||||
5. शहाबुद्दीन गौरी और जाट | 565 | |||||||||||
6. पृथ्वीराज चौहान से युद्ध | 565-567 | |||||||||||
7. गौरी का जयचन्द से युद्ध | 567 | |||||||||||
8. खोखर जाटों का विद्रोह और गौरी की मृत्यु | 567-568 | |||||||||||
सप्तम अध्याय: दिल्ली साम्राज्य के शासक मुसलमान बादशाह और जाट (सन् 1206 से 1857 ई० तक) | ||||||||||||
1. कुतुबुद्दीन ऐबक और जाट (सन् 1206-1210 ई०) | 569-572 | |||||||||||
2. सुल्तान अल्तमश और जाट (सन् 1211 से 1235 ई०) | 572 | |||||||||||
3. रजिया बेगम और जाट (सन् 1236 से 1266 ई०) | 573 | |||||||||||
4. बादशाह नसीरुद्दीन और जाट (सन् 1246 से 1266 ई०) | 573-574 | |||||||||||
5. बादशाह बलबन और जाट (1266 से 1286 ई०) | 574 | |||||||||||
6. चाहर गोत्र की राजकुमारी सोमादेवी की अद्भुत वीरता | 574-575 | |||||||||||
7. अलाउद्दीन खिलजी और जाट (सन् 1296 से 1316 ई०) | 575-576 | |||||||||||
8. मुबारकशाह खिलजी के समय 262 वीरांगनाओं का बलिदान (सन् 1316 से 1320 ई०) | 576 | |||||||||||
9. मुहम्मदशाह तुगलक और जाट (सन् 1325 से 1351 ई०) | 577 | |||||||||||
10. फिरोजशाह तुगलक और पंचायती वीरों का बलिदान (सन् 1351 से 1388 ई०) | 577-578 | |||||||||||
11. बादशाह महमूद तुगलक और जाट (सन् 1394 से 1412 ई०) | 578 | |||||||||||
12. सन् 1398 में तैमूर का आक्रमण और जाट | 578-579 | |||||||||||
13. बादशाह महमूद तुगलक के समय सर्वखाप पंचायत का अधिवेशन | 579 | |||||||||||
14. सैयदवंश के बादशाह और जाट (सन् 1414 से 1451 ई०) | 579-580 | |||||||||||
15. सिकन्दर लोदी और जाट (सन् 1488 से 1517 ई०) | 580 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xx
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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16. इब्राहीम लोदी और जाट (सन् 1517 से 1526 ई०) | 580-581 | |||||||||||
17. मुगल बादशाह बाबर और जाट (सन् 1526 से 1530 ई०) | 581-582 | |||||||||||
18. हुमायूं एवं शेरशाह और जाट | 582-583 | |||||||||||
19. शेरशाह सूरी और जाट (सन् 1540 से 1545 ई०) | 583 | |||||||||||
20. सम्राट अकबर और जाट (सन् 1556 से 1605 ई०) | 583-587 | |||||||||||
21. सम्राट जहांगीर और जाट (सन् 1605 से 1627 ई०) | 588 | |||||||||||
22. सम्राट शाहजहां और जाट (सन् 1627 से 1658 ई०) | 588 | |||||||||||
23. सम्राट औरंगजेब और जाट (सन् 1658 से 1707 ई०) | 588-593 | |||||||||||
24. शाह आलम बहादुरशाह और जाट (सन् 1707 से 1712 ई०) | 593 | |||||||||||
25. बादशाह नसीरुद्दीन मुहम्मदशाह और जाट (सन् 1719 से 1748 ई०) | 593-594 | |||||||||||
26. मराठा सेनापति सदाशिवराव भाऊ और जाट | 594-595 | |||||||||||
27. बहादुरशाह जफर के शासनकाल में 1857 ई० के प्रथम स्वतन्त्रता युद्ध में जाटों का योगदान | ||||||||||||
(क) स्वतन्त्रता संग्राम के मुख्य कारण | 595-600 | |||||||||||
(ख) स्वतन्त्रता संग्राम के मुख्य संयोजक चार वेदज्ञ योगी सन्यासी | 600-605 | |||||||||||
(ग) स्वतन्त्रता संग्राम का आरम्भ तथा घटनायें | 605-610 | |||||||||||
(घ) बल्लभगढ़ के जाट राजा नाहरसिंह की वीरता एवं देशभक्ति | 610-612 | |||||||||||
(ङ) सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में हरयाणा के जाटों की वीरता एवं बलिदान | 612-615 | |||||||||||
(च) हरयाणा प्रान्त के महान् योद्धा राव राजा तुलाराम | 615-616 | |||||||||||
(छ) नानासाहब पेशवा | 616 | |||||||||||
(ज) झांसी की रानी लक्ष्मीबाई | 616-617 | |||||||||||
(झ) वीर तांत्या टोपे | 617-618 | |||||||||||
(ञ) राजा कुंवरसिंह | 618 | |||||||||||
(ट) विद्रोह के परिणाम | 618-619 | |||||||||||
अष्टम अध्याय: भरतपुर जाट राज्य की स्थापना | ||||||||||||
1. ब्रजमण्डल में यादववंशी जाट सिनसिनवाल, सोगरवार जाट | 620-621 | |||||||||||
2. मुशिंद कुली खां और जात | 621-622 | |||||||||||
3. सिनसिनवाल गोत्री जाट मृदुसिंह एवं सिंघा की वीरता | 622-624 | |||||||||||
4. ब्रजमण्डल में औरंगजेब के हिन्दुओं पर अत्याचारों का परिणाम | 624 | |||||||||||
5. वीर गोकुला (गोकुलदेव/ गोकुलराम) | 624-629 | |||||||||||
6. निडर वीर योद्धा राजाराम जाट | 629-636 | |||||||||||
7. वीरशिरोमणि भज्जासिंह | 637 | |||||||||||
8. सिनसिनी गढ़ी पर प्रथम विफल आक्रमण | 637-638 | |||||||||||
9. द्वितीय आक्रमण, सिनसिनी का पतन | 638 | |||||||||||
10. राजा बिशनसिंह का जाटों के साथ संघर्ष | 638-639 | |||||||||||
11. राजा बिशनसिंह की विफलता | 639-640 | |||||||||||
12. जाटों का सिनसिनी गढ़ी पर अधिकार तथा दूसरी बार पतन | 640-641 | |||||||||||
13. युगनिर्माता ठाकुर चूड़ामन | 641-654 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xxi
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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14. भरतपुर जाटराज्य के संस्थापक राजा बदनसिंह | 655-660 | |||||||||||
15. महाराजा सूरजमल | 661-704 | |||||||||||
16. सवाई महाराजा जवाहरसिंह भारतेन्द्र | 704-719 | |||||||||||
17. महाराजा रतनसिंह | 719-720 | |||||||||||
18. महाराजा केहरीसिंह | 720-722 | |||||||||||
19. महाराजा रणजीतसिंह | 722-728 | |||||||||||
20. महाराजा रणधीरसिंह | 728 | |||||||||||
21. महाराजा बलदेवसिंह | 728-729 | |||||||||||
22. महाराजा बलवन्तसिंह | 729-730 | |||||||||||
23. महाराजा यशवन्तसिंह | 730-731 | |||||||||||
24. महाराजा रामसिंह | 731-732 | |||||||||||
25. महाराजा श्रीकृष्णसिंह | 732-733 | |||||||||||
26. महाराजा ब्रजेन्द्रसिंह | 734-736 | |||||||||||
27. भरतपुर राज्य का क्रमिक विकास | 736-737 | |||||||||||
28. भरतपुर का राजवंश | 738-739 | |||||||||||
29. राजा मानसिंह | 739-740 | |||||||||||
धौलपुर जाट राज्य | ||||||||||||
1. शासक जाटों की उत्पत्ति एवं उनका प्रारम्भिक राज्य | 741-742 | |||||||||||
2. गोहद पर राणा जाटों का राज्य | 742-743 | |||||||||||
3. महाराजा राणा श्री लोकेन्द्रसिंह | 743-744 | |||||||||||
4. राणा कीरतसिंह जी धौलपुर का प्रथम राजा | 744 | |||||||||||
5. श्री भगवन्तसिंह जी | 744 | |||||||||||
6. राजा निहालसिंह जी | 745 | |||||||||||
7. राणा रामसिंह | 745 | |||||||||||
8. श्री सवाई राणा उदयभानसिंह जी | 745-747 | |||||||||||
9. धौलपुर राज्य की विशेष जानकारी | 747-748 | |||||||||||
नवम अध्याय: पंजाब में सिक्ख जाटों का राज्य | ||||||||||||
1. सिक्खों की 12 मिसलें | 749-753 | |||||||||||
2. पंजाब केसरी महाराजा रणजीतसिंह | 753-769 | |||||||||||
3. प्रथम सिक्ख युद्ध | 769-770 | |||||||||||
4. द्वितीय सिक्ख युद्ध | 770-771 | |||||||||||
5. पंजाब का विलय | 771-772 | |||||||||||
6. महाराजा दलीपसिंह | 772-774 | |||||||||||
7. सिद्धू-बराड़ जाटवंश | 774-775 | |||||||||||
8. कोटकपूरा तथा फरीदकोट राज्य | 775-779 | |||||||||||
9. पटियाला राज्य | 779-783 | |||||||||||
10. नाभा राज्य | 783-784 | |||||||||||
11. जींद राज्य | 784-786 | |||||||||||
12. कैथल-अरनौली राज्य | 786-787 | |||||||||||
संयुक्त प्रान्त में जाट राज्य | ||||||||||||
1. रोरा-रोर वंश | 787-788 | |||||||||||
2. ठेनुआं राजवंश मुरसान रियासत | 788-791 | |||||||||||
3. रियासत हाथरस | 791-793 | |||||||||||
4. स्वतन्त्रता सेनानी राजा महेन्द्रप्रताप | 793-796 | |||||||||||
5. दलाल जाटों का राजवंश | 796-798 | |||||||||||
6. राज्य साहनपुर | 798-801 | |||||||||||
हरयाणा प्रान्त में जाट राज्य | ||||||||||||
1. तेवतीया/ भटौनिया जाटों का बल्लभगढ़ एवं भटौना राज्य | 801-803 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xxii
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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दशम अध्याय: आधुनिक युग में जाटों की महत्ता (भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में जाटों का योगदान) | ||||||||||||
1. जाट आर्य, भारतीय, क्षत्रिय होने के कुछ उदाहरण | 804-805 | |||||||||||
2. अंग्रेजों के विरुद्ध तीन मोर्चों पर युद्ध | 805 | |||||||||||
3. भारतवासियों में धार्मिक आन्दोलनों द्वारा जागृति | 806-808 | |||||||||||
4. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म | 808-809 | |||||||||||
5. बंगाल विभाजन | 809-810 | |||||||||||
6. अखिल भारतीय मुस्लिम लीग की स्थापना | 810 | |||||||||||
7. प्रथम विश्वयुद्ध और भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन | 810-812 | |||||||||||
8. जलियांवाला बाग का हत्याकांड | 812 | |||||||||||
9. खिलाफत तथा असहयोग आन्दोलन | 812-814 | |||||||||||
10. हरयाणा प्रान्त में कांग्रेस तथा असहयोग आन्दोलन का प्रभाव | 814-817 | |||||||||||
11. चौ० छोटूराम एक सच्चे देशभक्त तथा अंग्रेज सरकार के विरोधी | 817-825 | |||||||||||
12. हरयाणा में असहयोग आन्दोलन | 825 | |||||||||||
13. स्वराज्य पार्टी | 826 | |||||||||||
14. सविनय अवज्ञा आन्दोलन | 826 | |||||||||||
15. साईमन कमीशन | 826-827 | |||||||||||
गैर-कांग्रेसी देशभक्त जाटों का स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए बलिदान | ||||||||||||
1. सरदार अजीतसिंह | 827-828 | |||||||||||
2. अमर शहीद भगतसिंह | 828-832 | |||||||||||
3. गदर पार्टी की स्थापना | 832-833 | |||||||||||
4. कोमागातामारु जहाज की दुर्घटना | 833 | |||||||||||
5. बजबज का गोली कांड | 833-834 | |||||||||||
6. सरदार रामसिंह | 834 | |||||||||||
7. सरदार बन्तासिंह | 834 | |||||||||||
8. रंगासिंह | 834 | |||||||||||
9. वीरसिंह | 834 | |||||||||||
10. सरदार करतारसिंह | 834-835 | |||||||||||
11. बाबा बैशाखासिंह | 835 | |||||||||||
12. श्री हरीकिशनसिंह | 836 | |||||||||||
13. मास्टर रामजीलाल | 836-837 | |||||||||||
14. देशभक्त ऊधमसिंह | 847-839 | |||||||||||
15. जाट सरदार करतारसिंह के नेतृत्व में पंजाब में क्रान्ति की योजना | 839-840 | |||||||||||
16. पूर्ण स्वराज्य की घोषणा | 840 | |||||||||||
17. सविनय अवज्ञा आन्दोलन | 840-841 | |||||||||||
18. प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय गोलमेज कांफ्रेंस, गांधी-इरविन समझौता | 841 | |||||||||||
19. हरयाणा में प्रतिक्रिया | 841-842 | |||||||||||
20. इस क्रांति में प्रमुख जाट नेताओं की गिरफ्तारी | 842-843 | |||||||||||
21. गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 | 844 | |||||||||||
22. पाकिस्तान बनाने की मांग | 845-845 | |||||||||||
23. द्वितीय विश्वयुद्ध और राष्ट्रीय आन्दोलन | 845-846 | |||||||||||
देश की आजादी के लिए दूसरा मोर्चा: आजाद हिन्द फौज | ||||||||||||
1. स्वतन्त्रता सेनानी राजा महेन्द्रप्रताप | 847 | |||||||||||
2. सरदार अजीतसिंह | 848 | |||||||||||
3. महान् क्रान्तिकारी देशभक्त नेताजी सुभाषचन्द्र बोस तथा INA युद्ध मोर्चों पर | 848-855 | |||||||||||
4. आजाद हिन्द फौज के जाट सैनिकों की वीरता | 855-859 | |||||||||||
5. आजाद हिन्द फौज की रंगून से वापसी | 859-860 | |||||||||||
6. नेताजी की अन्तिम यात्रा | 860-861 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xxiii
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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7. आई.एन.ए. के बन्दी सैनिकों के साथ अंग्रेजों का दुर्व्यवहार | 861-862 | |||||||||||
8. दिल्ली के लाल किले में आजाद हिन्द फौज पर इतिहास प्रसिद्ध मुकदमा | 862-863 | |||||||||||
देश की आजादी के लिए तीसरा मोर्चा - भारतीय सेना का सशस्त्र विद्रोह | ||||||||||||
1. ब्रिटिश सरकार की नजरों में आर्यसमाज | 863-864 | |||||||||||
2. 10 नम्बर जाट पलटन का विद्रोह | 864-866 | |||||||||||
3. दूसरी बटालियन छठी जाट लाइट इन्फेन्टरी का विद्रोह | 866-868 | |||||||||||
4. 21 नं० रिसाले (C.I.H.) के सिक्ख स्क्वाडर्न का विद्रोह | 868 | |||||||||||
5. 4/19 हैदराबाद रेजिमेंट का विद्रोह | 868-870 | |||||||||||
6. 47 कैवलरी के सैनिकों द्वारा विद्रोह की योजना | 870 | |||||||||||
7. देशभक्त एवं महान् क्रान्तिकारी मेजर जयपालसिंह | 870-872 | |||||||||||
8. 6 नम्बर रिसाला का विद्रोह | 872-873 | |||||||||||
9. 8, 9 फरवरी 1946 को भारतीय जलसेना के जवानों का जल विद्रोह | 873-877 | |||||||||||
भारत को स्वतन्त्रता प्राप्ति | 877-878 | |||||||||||
दानवीर सेठ चौधरी छाजूराम | 878-891 | |||||||||||
दीनबन्धु चौ० सर छोटूराम | 891-892 | |||||||||||
1. विशेषताएं | 891-892 | |||||||||||
2. जन्म, बाल्यकाल और शिक्षा | 893-895 | |||||||||||
3. नौकरी तथा वकालत (कालाकंकर में नौकरी सन् 1905 ई०) | 895-896 | |||||||||||
4. लाहौर लॉ कालेज में दाखिला, पुनः कालाकंकर | 896 | |||||||||||
5. आगरा लॉ कालेज में दाखिला | 896-897 | |||||||||||
6. आगरा में वकालत के समय मुकदमे | 897 | |||||||||||
7. आगरा से रोहतक | 897-898 | |||||||||||
8. जाट हाई स्कूल रोहतक की स्थापना | 898-899 | |||||||||||
9. प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918 ई०) | 899-900 | |||||||||||
10. सन् 1916 ई० में पंजाब जमींदार एसोसिएशन की स्थापना | 900 | |||||||||||
11. मांटेग्यू कमीशन से भेंट | 900-901 | |||||||||||
12. सन् 1916 ई० में उर्दू साप्ताहिक जाट गजट | 901-902 | |||||||||||
13. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्त्ता तथा कांग्रेस से त्याग-पत्र | 902 | |||||||||||
राजनीति में प्रवेश | ||||||||||||
1. राष्ट्रवादी संयुक्त दल या जमींदार लीग की स्थापना | 803 | |||||||||||
2. चौ० छोटूराम एक सच्चे देशभक्त तथा अंग्रेज सरकार के विरोधी थे | 903-906 | |||||||||||
3. कांग्रेस छोडने पर चौ० छोटूराम का निश्चय | 906 | |||||||||||
4. किसानों की दुर्दशा | 906-909 | |||||||||||
5. किसान पर अन्य संकट | 909-911 | |||||||||||
6. किसानों पर कर्जे का भार तथा साहूकारों द्वारा उनकी लुटाई | 911-912 | |||||||||||
7. मंडियों में किसानों की लुटाई | 912 | |||||||||||
8. किसानों का, अदालतों में न्याय न मिलने से शोषण | 912-915 | |||||||||||
9. चौ० छोटूराम की सन् 1920 में हुए पहले चुनाव में असफलता | 915-916 | |||||||||||
10. चौ० छोटूराम की सन् 1923 में दूसरे चुनाव में जीत तथा जमींदार लीग की स्थापना | 916-917 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xxiv
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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11. चौ० छोटूराम 22 सितम्बर 1924 से 26 दिसम्बर 1926 तक मन्त्री तथा उनके कार्य | 917-919 | |||||||||||
12. पंजाब में गवर्नर मालकम हेली (1924-28) के साथ संघर्ष | 919 | |||||||||||
13. पं० मदनमोहन मालवीय से सम्पर्क | 920 | |||||||||||
14. चौ० छोटूराम को सन् 1926 में तीसरे चुनाव में जीत, परन्तु मन्त्री नहीं बने | 920-921 | |||||||||||
15. कश्मीर का प्रधानमन्त्री बनने से इन्कार | 921 | |||||||||||
16. मियां सर फजले हुसैन और सर सिकन्दर हयात खां | 921-923 | |||||||||||
17. चौ० छोटूराम को सर की उपाधि | 923-924 | |||||||||||
18. अप्रैल सन् 1937 में छोटूराम मन्त्रीमंडल में | 924 | |||||||||||
19. सुनहरी कानून | 924-928 | |||||||||||
20. मजदूर हितों की रक्षा | 928 | |||||||||||
21. चौ० छोटूराम की जमींदारों के लिए एक विशेष सूचना | 928-929 | |||||||||||
22. स्वराज्य का अर्थ | 929-930 | |||||||||||
23. चौ० छोटूराम द्वारा अछूतोद्धार का कार्य | 930-931 | |||||||||||
24. चौ० छोटूराम का एक पत्र | 931-932 | |||||||||||
25. हीरक जयन्ती समारोह | 932-935 | |||||||||||
26. अकाली दल द्वारा पेश की गई योजना का विरोध | 935 | |||||||||||
27. सर सिकन्दर हयात खां की मृत्यु | 935-936 | |||||||||||
28. चौ० छोटूराम को रहबरे-आजम का सत्कार | 936 | |||||||||||
29. दीनबन्धु सर छोटूराम प्रभु की गोद में | 936-939 | |||||||||||
30. चौ० सर छोटूराम की यादगार में स्मारक (Memorials) | 939 | |||||||||||
चौधरी चरणसिंह | ||||||||||||
1. चौ० चरणसिंह का वंश परिचय | 940-941 | |||||||||||
2. चौ० चरणसिंह की शिक्षा प्राप्ति | 941-942 | |||||||||||
3. चौ० चरणसिंह का विवाह व संतान | 942-943 | |||||||||||
4. चौ० चरणसिंह का राजनीति में प्रवेश | 943-945 | |||||||||||
5. चौ० चरणसिंह का सक्रिय राजनैतिक जीवन | 945-947 | |||||||||||
चौ० चरणसिंह की सन् 1937 से 1967 तक जनता की सेवायें | ||||||||||||
(क) कृषि एवं राजस्व मन्त्रालय एवं जनता सरकार में केन्द्रीय गृहमन्त्री रहकर ग्रामीण विकास | 947-952 | |||||||||||
(ख) उत्तरप्रदेश में गृहमन्त्री रहकर कार्य | 953-954 | |||||||||||
(ग) अन्य विविध विभागों में रहकर कार्य | 954-956 | |||||||||||
(घ) जनहित के लिए दिए गए त्यागपत्र | 956 | |||||||||||
1. जनता पार्टी की उत्पत्ति | 956-957 | |||||||||||
2. आपातकाल 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक | 957-959 | |||||||||||
3. सरदार पटेल के बाद दूसरा फौलादी पुरुष चौ० चरणसिंह | 959-961 | |||||||||||
4. 23 मार्च, 1977 को जनता पार्टी का शासन स्थापित होने के बाद की घटनायें | 961-964 | |||||||||||
5. प्रजातन्त्र भारत का पहला किसान प्रधानमन्त्री | 964-965 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xxv
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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6. प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम पहला भाषण | 965 | |||||||||||
7. स्वतन्त्रता दिवस पर चौ० चरणसिंह का भाषण | 965-966 | |||||||||||
8. चौ० चरणसिंह व उनके मन्त्रिमण्डल का त्यागपत्र | 966-967 | |||||||||||
9. लोकसभा भंग होने के बाद की घटनाएं | 967-968 | |||||||||||
10. चौ० चरणसिंह का देहान्त | 968-969 | |||||||||||
चौधरी देवीलाल | ||||||||||||
1. विशेषताएं, जन्म, बाल्यकाल और शिक्षा | 969-970 | |||||||||||
2. चौ० देवीलाल का राजनीति में प्रवेश | 970-973 | |||||||||||
3. हरयाणा राज्य का निर्माण तथा राजनीति | 973 | |||||||||||
4. हरयाणा प्रान्त के मुख्यमंत्री | 973-976 | |||||||||||
5. चौ० देवीलाल की मुख्यमन्त्री बंसीलाल द्वारा कराई गई गिरफ्तारियां | 976-977 | |||||||||||
6. चौ० देवीलाल हरयाणा मुख्यमंत्री पद पर | 977-978 | |||||||||||
7. मुख्यमंत्री चौ० देवीलाल के कारनामे | 978-979 | |||||||||||
8. प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा देवीलाल सरकार को हटाने का पहला षड्यन्त्र | 979 | |||||||||||
9. चौ० देवीलाल के जगह चौ० भजनलाल मुख्यमंत्री | 980 | |||||||||||
10. 19 मई 1982 को हरयाणा विधानसभा के चुनाव | 980-982 | |||||||||||
11. संघर्ष समिति का गठन तथा उसके आन्दोलन | 982-984 | |||||||||||
12. मुख्यमन्त्री बनते ही चौ० देवीलाल द्वारा किये गये जनकल्याण कार्य | 984-985 | |||||||||||
13. राष्ट्र की विपक्षी पार्टियों का संगठन | 985-986 | |||||||||||
14. उपप्रधानमंत्री चौ० देवीलाल | 986-988 | |||||||||||
15. चौ० देवीलाल द्वारा ग्रामीणों के उत्थान के लिए कार्य | 988 | |||||||||||
चौधरी बंसीलाल | ||||||||||||
1. विशेषतायें, जन्म, शिक्षा तथा व्यवसाय | 989 | |||||||||||
2. चौ० बंसीलाल का राजनीति में प्रवेश | 989 | |||||||||||
3. चौ० बंसीलाल हरयाणा मुख्यमंत्री पद पर | 989-992 | |||||||||||
4. मुख्यमन्त्री चौ० बंसीलाल द्वारा हरयाणा में उन्नति | 992-993 | |||||||||||
5. चौ० बंसीलाल की अन्य घटनायें | 993-994 | |||||||||||
एकादश अध्याय: कुछ जाट गोत्रों का संक्षिप्त वर्णन | ||||||||||||
1. उत्पल-उप्पल | 995 | |||||||||||
2. कादयान-कदियान-कादू | 995-996 | |||||||||||
3. शिवराण-श्योराण | 996-997 | |||||||||||
4. फौगाट | 997-998 | |||||||||||
5. गुलिया-गुल्या-गुलेया | 998-999 | |||||||||||
6. देशवाल | 999-1000 | |||||||||||
7. दलाल | 1000-1003 | |||||||||||
8. डबास | 1003-1004 | |||||||||||
9. हूडा-हूड्डा-हाडा | 1004-1006 | |||||||||||
10. खोखर | 1006-1010 | |||||||||||
11. धनखड़, धनकड़, धनकर | 1010-1012 | |||||||||||
12. चाहर-चाहल | 1012-1014 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xxvi
विषय | पृष्ठ | |||||||||||
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13. | 1014 | |||||||||||
14. | 1014 | |||||||||||
15. | 1014 | |||||||||||
16. गढ़वाल | 1015 | |||||||||||
17. राणा | 1016 | |||||||||||
18. गुहिलोत, गुहिलावत-मुण्डतोड़ गहलावत | 1017-1021 | |||||||||||
19. रघुवंशी सिकरवार | 1021 | |||||||||||
20. सलकलान | 1021-1022 | |||||||||||
21. भिण्ड तंवर | 1022 | |||||||||||
22. तंवर आनन्द | 1023 | |||||||||||
23. रावत | 1023 | |||||||||||
24. राव या सराव | 1024 | |||||||||||
25. सहरावत | 1024 | |||||||||||
26. खिरवार या खरे | 1024 | |||||||||||
27. डागर-डागुर-डीगराणा | 1024-1025 | |||||||||||
28. ग्रेवाल-ग्रहवार-गहरवार | 1025-1026 | |||||||||||
29. हाला | 1026-1027 | |||||||||||
30. सारन | 1028 | |||||||||||
31. रणधावा | 1028 | |||||||||||
32. गिल-शेरगिल | 1028-1030 | |||||||||||
33. हंसा | 1030 | |||||||||||
34. लौरे या लौरा | 1030-1031 | |||||||||||
35. भयाण एवं जागलान | 1031 | |||||||||||
जाट पताका गान | 1032 | |||||||||||
परिशिष्ट-1 | ||||||||||||
जाटगोत्रावली | 1033-1057 | |||||||||||
परिशिष्ट-2 | ||||||||||||
जाट वीरों के नाम पर देश-विदेश में प्रचलित संवत्, महाद्वीप, देश, प्रांत, क्षेत्र, नगर, गांव, दुर्ग, पर्वत, सागर, झील, नदी आदि की सूची | 1058-1064 | |||||||||||
संदर्भ स्रोतों की सूची | 1065-1067 | |||||||||||
कुशल उद्योगपति चौ० चेतीलाल वर्मा | 1068-1069 | |||||||||||
दानी वीरों की सूची | 1070 |
जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-xxvii