Kare Singh Pahalwan
कारे सिंह पहलवान Sinsinwar: भरतपुर "अजय हिन्द केशरी" के कोरेर गाँव मैं एक शेर जाट का जन्म हुआ जिसमें 7 मन 30 किलो वजन था ओर 7 फ़ुट 1 इंच उसकी लम्बाई थी. उन्हे बचपन से ही पहलवानी करने का जुनून था. पहलवानी करते वे हिन्द केशरी बन गये ओर हिन्द केशरी बनने के बाद दुनिया में देश विदेश की बड़ी रोमांचक 57 कुश्तीयो में हिस्सा लिया. हर कुश्ती में जीत हासिल की ओर भरतपुर का नाम किया.
बडे बुजुर्ग बताते है कि कारे पहलवान जी जब दंगल में प्रवेश करते थे तो शेर की तरह दहाडते थे जिससे आसपास के पेड़ों से पंछी उड जाते थे और सामने वाला पहलवान के पसीने छूट जाते थे. एक बार हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में एक भव्य दंगल का आयोजन हुआ था जिसमें पाकिस्तान के लाल वेग नाम के पहलवान ने उस दंगल में हिस्सा लिया ओर भरे दंगल में सभी पहलवानों को ललकारा ओर कहा हिन्दुस्तान में कोई भी पहलवान मेरे से लडके दिखाये ओर मुझे हराके दिखाये मैं पहलवानी छोड दूँगा. तब शिमला में भरतपुर के राजा ब्रजेन्द्र सिंह जी भी थे. उन्हें इस बात पर बहुत गुस्सा आया. तब उन्होनेे वीर पहलवान कारे सिंह जी के पास संदेश भेजा ओर सारी बात बतायी. लेकिन उस वक्त कारे पहलवान जी की उम्र भी बहुत हो गयी थी जिस वजह से उन्होने 3 साल पहले ही कुश्ती छोड दी थी फ़िर भी अपने महाराजा पर गिरी गाज को बचाने के लिए कारे पहलवान जी उसी समय शिमला के लिए रवाना हुए. अगले दिन उस भव्य दंगल को देखने के लिए एक बहुत ही बड़ी भीड उमड पडी. इस रोमांचक दंगल में पाकिस्तान का लालवेग हमारे शेर कारे पहलवान जी के सामने 4 मिनिट भी नहीं डट पाया ओर शर्मसार ओर बेइज्जत होकर वापिस पाकिस्तान भाग गया ओर हमारे वीर पहलवान कारे सिंह जी ने भरतपुर का सिर ऊचा कर दिया.
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