Kheri Chachu

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Kheri Chachu (खेरी चाचू ) is a village in Indergarh tahsil of Datia district in Madhya Pradesh.

Location

Origin

Jat Gotras

History

जाट जागृति में योगदान

ठाकुर देशराज[1] ने लिखा है .... ठाकुर भूपसिंह - [पृ.551]: दतिया में सबसे अधिक लोकप्रिय जाट जिन्हें ग्वालियर धौलपुर से लेकर झांसी तक के लोग जानते हैं वह हैं ठाकुर भूपसिंहइंदरगढ़ से 17 मील पूर्व में खेरी चाचू नामक एक गांव है। आप वही के रईस ठाकुर किलोलसिंह जी के पुत्र हैं। आपका जन्म संवत 1946 विक्रमी (1889 ई.) में भादवा महीने में हुआ है। आपने अपने गांव के करीब सेंथरी में पंडित गजाधर प्रसाद जी कान्यकुब्ज से शिक्षा प्राप्त की। आप का गोत्र क्या कैथोलिया है।

आज से लगभग 700 वर्ष पहले आप के पूर्वज कैथोल से मध्य भारत के पंचमहाल इलाके में आकर आबाद हुए। वहां से चोमू खेड़ी फिर वीरमढा वहां से खेरी में आकर आबाद हुए। पहले यह गांव बख्शी की खेड़ी नाम से फिर खेरी चाचू के नाम से और अब भूपसिंह की खेरी के नाम से मशहूर है। ठाकुर बक्सी सहाय एक अत्यंत प्रसिद्ध व्यक्ति इस इलाके में हुए हैं। मगरौरा राज्य और कड़वास राज्य में भी आपके रिश्ते हुए हैं।

ठाकुर भूपसिंह जी की लोकप्रियता का पता इससे चलता है कि वह दतिया राज्य की नव स्थापित लेजिस्लेटिव


[पृ.552]: काउन्सिल के 3 वर्ष तक सदस्य रहे हैं।

आप बहु-बुद्धि व्यक्ति हैं। आपका दिमाग खेती की उन्नति और व्यापार दोनों और चलता है। खेती को आधुनिक रूप देने के लिए अपने गांव की जमीदारी के कुएं में इंजन लगाया हुआ है। अन्न की खेती के साथ ही टमाटर और पपीते जैसे साग सब्जी आदि पैदा करके ग्रामीणों के सामने अच्छी खेती का पाठ रखते हैं। किसानों अथवा देहातियों के पास खेती के अलावा दूसरा सहायक धंधा पशुपालन का होता है। आप एक बड़ी संख्या में गाय और भैंस में रखते हैं।

व्यापारिक रुचि के कारण आपने पहले डबरा मंडी में आढ़त की दुकान खोली। दूसरे कई वर्ष बाद दतिया में फ्लोर मिल कायम की और अब आइस फैक्ट्री लगा रहे हैं। दतिया में आपकी एक बगीची और पक्के मकान हैं। आप सेवड़ा नामक स्थान में भी एक फ्लोर मिल खोलने का विचार कर रहे हैं। आपका विचार ग्वालियर और आगरा में भी अच्छे साथी मिलने पर कुछ कारोबार आरंभ करने का है।

आपके हृदय में देशभक्ति और परस्ती आरंभ से ही है। बुंदेलखंड और मध्य भारत के प्राय सभी साहित्यिक और राष्ट्रप्रेमी लोगों से आपका परिचय है। भारत के प्रसिद्ध कवि श्री मैथिलीशरण जी चिरगांव के साथ आपके घनिष्ट संबंध हैं।

आप की संतानों में दो पुत्रियां और एक पुत्र हैं। इन बच्चों की मां इन्हें बहुत ही छोटे छोड़कर स्वर्ग सिधार गई। तब से इनका लालन-पालन ठाकुर मिहीलाल जी पहलवान की धर्मपत्नी श्रीमती कमला देवी जी करती हैं। आप उन बच्चों की पोशिका और शिक्षिका दोनों ही हैं। सभी बच्चे


[पृ.553]: कमला देवी की बदौलत विनम्र और समझदार हैं। इनमें से बड़ी पुत्री रामश्री देवी जी का विवाह जाट महासभा के प्रसिद्ध उपदेशक राजवैद्य ठाकुर भोलासिंह जी के सुपुत्र डॉक्टर रतन सिंह के साथ और छोटी लड़की सूरज देवी का विवाह चित्तौरा के राणा वंशी ठाकुर रघुवीरसिंह जी के पुत्र ठाकुर निहाल सिंह जी के साथ हुआ है। वह दोनों ही नौजवान सुरक्षित हैं।

ठाकुर भूपसिंह जी के पुत्र हरिसिंह जी दतिया में शिक्षा पा रहे हैं। इसमें संदेह नहीं बुंदेलखंड और मध्य भारत के जाटों को जगाने, संगठन करने और उनमें जातीयता पैदा करने के लिए ठाकुर भूपसिंह जी ने काफी प्रयत्न किए हैं। जहां तक आप से बन पड़ा है आपने बाहर के जाट महोत्सव में भाग लिया है तथा जाट अखबारों की आर्थिक सहायता देते है। आपसे सभी जातियों के लोग प्रेम करते हैं। आप अत्यंत मिलनसार और नम्र आदमी है। यह आप की विशेषताएं हैं।

वर्तमान स्थिति

ठाकुर भूपसिंह की बड़ी पुत्री रामश्रीदेवी जी का विवाह जाट महासभा के प्रसिद्ध उपदेशक राजवैद्य ठाकुर भोलासिंह जी (मगोरा) के सुपुत्र डॉक्टर रतनसिंह के साथ हुआ था। ठाकुर देशराज ने उपरोक्त विवरण वर्ष 1948 ई. की स्थिति में दिया था। वर्तमान स्थिति जानने के लिए डॉक्टर रतनसिंह के बड़े पुत्र वीरेंद्रसिंह जाट (खुंटेला) (Mob: 8959820191) से लेखक की चर्चा दिनांक 16.1.2018 को हुई। उनके द्वारा बताया गया कि आप वर्तमान में खेरी चाचू में बसे हुये है। आपके छोटे भाई सुरेन्द्र सिंह हैं। दोनों भाई जमीदारी करते है।

ठाकुर भूपसिंह के पुत्र हरीसिंह के दो पुत्र हैं - 1. नरेंद्र सिंह, 2. सागर सिंह

Notable persons

External links

References


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