Kushal Singh

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Smt Kushal Singh

Smt Kushal Singh is IAS - 1974 batch , Ex. Chief Secretary, Rajasthan. She is D/o Late Ch. Ram Singh Dalal IPS/IG Punjab (old) Vill. - Tandaheddi in Rohtak district in Haryana. This village now falls in Jhajjar district, under Bahadurgarh Tehsil. She joined IAS on 14/07/1974 and retired from IAS on 31 October 2009.

Prior to to she became the chief secretary of Rajasthan she was CHAIRMAN, BORAD OF REVENUE, RAJASTHAN, AJMER. Born on 11th Oct 1949 in Rohtak district of Haryana, she was the first women to be appointed for the most coveted post in the state. She had wide experience at her disposal in various post in state and centre accompanied by a special training in England.

Her appointment to the post of Chief Secretary was viewed as an attempt by the Ashok Gehlot government to woo Jat community ahead of the Lok Sabha elections. She was earlier the chairperson of Board of Revenue, Ajmer, the post she held since September 29, 2007.

During her tenure as IAS officer in the Rajasthan cadre, Singh has served as principal secretary (social welfare and social security), chairman (Rajasthan Pollution Control Board), secretary (environment, forest, panchayati raj), chairman and managing director (Rajasthan Finance Corporation), secretary (art and culture) and collector, Kota.

श्रीमती कुशल सिंह का परिचय

इंडिया टुडे का हाल ही 23वीं वर्षगांठ विशेषांक जारी किया गया है। इस बेहतरीन विशेषांक में महिला सशक्तिकरण पर प्रकाशित बेहतरीन आलेख 'तटबंध तोडऩे को हैं तत्पर' में विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी महिलाओं को शामिल किया गया है। श्री रोहित परिहार ने इस विशेष आलेख में राजस्थान की पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती कुशल सिंह को भी शामिल किया है। श्री परिहार ने इस आलेख में जो कुशल सिंह जी के बारे में लिखा वह इंडिया टुडे से साभार हम यहां दे रहे हैं -

'उनके रूप में राजस्थान को इसी साल फरवरी में पहली महिला मुख्य सचिव मिली थी। इसके लिए राजस्थान को पूरे 60 वर्ष तक इंतजार करना पड़ा था। पुरुषों के दबदबे वाली प्रशासनिक सेवा के जरिए इस मुकाम तक पहुंचना वाकई आसान नहीं था। दरअसल उनके बाद तीन वरिष्ठ महिला प्रशासनिक अधिकारियों को सरकार ने नजरअंदाज कर दिया, क्योंकि उसे एक पुरुष मुख्य सचिव जो चाहिए था। इस लिहाज से वे वाकई स्त्री शक्ति का प्रतीक हैं। वे हरियाणा में रोहतक के पास के एक गांव की हैं और उनके अतिरिक्त पुलिस निरीक्षक रहे पिता, दादा के बाद गांव के दूसरे शिक्षित थे। कुशल सिंह ने डलहौजी में पढ़ाई की। वे 1974 बैच की आईएएस अधिकारी थीं और इसी वर्ष 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो गईं। अपने प्रशासनिक तजुर्बे के आधार पर वे कहती हैं, 'विकास के लिए सोच में बदलाव लाना जरूरी है।' उन्हें ताज्जुब होता है कि लोग आज भी अंधविश्वासी क्यों बने हुए हैं। मुश्किल घड़ी में गांधी और नेहरू उनके लिए प्रेरणा बने रहे।'

श्रीमती कुशल सिंह को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।

तारावती भादू का अमृत महोत्सव

सीकर. शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी तारावती भादू को उनके जीवन के 75 वर्ष पर साहित्य संसद की ओर से सम्मानित किया गया। रेलवे के सामुदायिक भवन में आयोजित अमृत महोत्सव समारोह में उनके सहयोगी रहे कई रिटायर्ड अधिकारी भी यहां पहुंचे। भादू परियोजना निदेशक महिला विकास भी रहीं थीं, इसलिए पूर्व में महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव एवं राजस्थान की मुख्य सचिव रही राष्ट्रीय बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशल सिंह ने भी यहां बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। अध्यक्षता कार्यवाहक सभापति विमल कुलहरि ने की। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशल सिंह ने शिशुपाल सिंह नारसरा द्वारा तारावती भादू के व्यक्तित्व पर लिखी पुस्तक माटी की महक, का विमोचन भी किया। समारोह में स्कूली बच्चों ने महिला शिक्षा, भ्रूण हत्या आदि पर कार्यक्रम पेश करते हुए लोगों को भाव विभोर कर दिया। समारोह में स्वामी राघवाचार्य वेदांती, स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, प्रदेश के पूर्व लोकायुक्त पीपी सिंह, सीकर के पूर्व एडीएम ताराचंद सहारण, ईएसआई निदेशक एमपी बुडानिया, उप जिला प्रमुख पूरण कंवर सहित अनेक लोग मौजूद रहे।[1]

References


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