Pabubera
Pabubera (पाबूबेरा) is a village in Gudha Malani tehsil of Barmer district in Rajasthan.
Founder
पाबूबेरा के संस्थापक पाबूराम जी हूडा है जो पहले यहां निवास करते थे उन्होंने पानी के लिए कुआं खुदवाया था कुएं को स्थानीय बोली में बेरा कहते है आज भी गांव में नीम खड़ा है जो उनके घर में था बाद में पाबूराम जी तारातरा चले गए और लोग कुएं को पाबू का बेरा नाम से पुकारने लगे फिर पाबूबेरा गांव का नाम पड़ गया था।
Location
Pabubera is a small Village/hamlet in Dhorimanna Tehsil in Barmer District of Rajasthan State, India. It comes under Pabubera Panchayath. It belongs to Jodhpur Division . It is located 78 KM towards South from District head quarters Barmer. 14 KM from Dhorimana. 546 KM from State capital Jaipur
Pabubera Pin code is 344704 and postal head office is Dhorimana .
Neri Nadi ( 9 KM ) , Barasan ( 10 KM ) , Arniyali ( 12 KM ) , Berigaon ( 13 KM ) , Dhorimana ( 15 KM ) are the nearby Villages to Pabubera. Pabubera is surrounded by Sanchore Tehsil towards South , Sindhari Tehsil towards North , Bhinmal Tehsil towards East , Chohtan Tehsil towards west .
Sanchore , Barmer , Bhinmal , Tharad are the near by Cities to Pabubera.
Jat gotras
History
जाणी गोत्र के बारे में रोचक जानकारी - रामलाल जाणी द्वारा बताया गया कि मेरी 75 वर्षीय दादी माँ के अनुसार हम पहले मथानिया जोधपुर में रहते थे। राजतन्त्र था कर तो देना ही पड़ता था। राजा का आदमी नियुक्त था जो फसल का कुंता करता था जिसे कणवारिया कहा जाता था। एक दिन एक अजीब घटना घटी पुरूष व महिलाऐं खेत में काम पर गए हुए थे। घर पर बहू अकेली थी। अनाज का बंटवारा किया हुआ नहीं था। बहू ने सोचा मैं बिना बंटे अनाज को पीस दूँ। सुबह का समय था वह सुबह जल्दी अनाज पीस रही थी तभी अचानक कणवारिया आ गया। जब वह झोपड़े में घुसने लगा तो बहू को लगा कि मैं अन्दर से दरवाजा बंद कर दूँ। जैसे ही वह कणवारिया अंदर घुसने लगा वैसे ही बहू ने दरवाजा बंद किया और वह कणवारिया दरवाजे में फंसकर मर गया। अब बड़ी उलझन हुई। बहु दौड़ी दौड़ी खेत में गई। वहां उनको बात बताई तो हमारे पूर्वज चिंता में पड़ गए कि अब क्या किया जाए। अब यहाँ रहना भी उचित नहीं है क्योंकि राजा फांसी दे देगा। तब हमारे पूर्वज वहाँ से निकल पड़े। उनको यह भी डर था राजा पीछा करेगा। तब तक हम हनुमान जी को अपना इष्ट देव मानते थे । वहां से निकलने के बाद थोडा दूर भंसेर गांव पड़ता है वहां माता काली का मंदिर था। पास में एक देवासी का रेवड़ था उसमे से दो बकरे उठाये और माता जी को चढ़ा दिए। तब फिर मन ने आशीर्वाद दिया और बकरों का मास गेंहू की लापसी बन गया और चमड़ी ऊन की लोवडी (वस्त्र) बन गई। तब राजा की वार (सैनिक) पीछा करती हुई आ गई लेकिन वो वार मंदिर की ओरण में घुसने पर अंधी हो गई। फिर हमारे पूर्वज पाबूबेरा में आकर बस गए। अब पाबुबेरा में जाणियों के 40 घर है ।हमारी सातवी पीढ़ी यहाँ आकर बसी । कणवारिये को मारने वाली बहादुर जाटणी हमारी सातवीं पीढ़ी में थी।[1]
सन 1800 ईसवी के लगभग जाणी भैंसेर से पलायन करके पाबूबेरा आए थे यह आकर बसने वाले हमारे पूर्वज का नाम जगनाथ था उनके भेरा राम, दीपा राम दो पुत्र थे, दीपा राम रामनगर में बस गए और जगन्नाथ अपने पुत्र भेरा के साथ पाबुबेरा में निवास करने लगे। और भैराराम के पुत्र हिमताराम थे, हिमताराम के पुत्र शेराराम और मघाराम उन्हीं दो पुत्रों से हमारे गांव में अब जाणियों के 40 से ज्यादा घर है अब हमारे गांव से हमारे कुछ भाई डूंगरी जालौर में रहते हैं तो कुछ कोठाला जाकर बस गए। अब काफी जागृति और शिक्षा का स्तर बढ़ा है और हमारा गोत्र भी काफी शिक्षित है एक हमारा भाई आर्मी में है और गांव में नजदीक ही मिडिल स्कूल है वहां लड़के लड़कियां पढ़ने के लिए जाते हैं।
Population
According to Census-2011 information:
- With total 162 families residing, Pabubera village has the population of 1016 (of which 544 are males while 472 are females).[2]
Notable persons
- Ram Lal Jani, S/O Shri Harkharam Jyani (Father) and Veeran Devi (Mother), Born: 14 July 1995
- 10th (2012) with 58.67%, 12th (2014) Arts with 83.80%
- Education : Bachelor of Arts, Diploma in Elementary Education
- Hobby : समाज सेवा शिक्षा,शिक्षा, जाट इतिहास और वर्तमान पर ब्लॉग लेखन,जागरूकता
- Occupation : Student, Blogger and CEO / Founder at https://jatguru.blogspot.in
- Ram Lal S/O Mala Ram Godara is MN Grade 1st joing at Bhimthal
- Duda Ram Jani S/O Teekma Ram Jani is a Soldier GD at Indian Army
- Satish Kumar S/O Khema Ram Godara is a AEn at Rajasthan Energy Department.
External Links
References
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