Rajendra Prasad Jat

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Major Rajendra Prasad Jat, Shaurya Chakra

Rajendra Prasad Jat (Major), Shaurya Chakra, played an important role of bravery in Operation Water Hall against militants on 10 August 2022 in Badgam district of Jammu and Kashmir. He was awarded Shaurya Chakra 15 August 2023. He is from Giroodi village in Bansur tahsil of Alwar district in Rajasthan. Unit: 62 Rashtriya Rifles/Dogra Regiment.

मेजर राजेन्द्र प्रसाद जाट

मेजर राजेंद्र प्रसाद जाट

शौर्य चक्र

यूनिट - 62 राष्ट्रीय राइफल्स/डोगरा रेजिमेंट

ऑपरेशन वॉटरहेल

आतंकवाद विरोधी अभियान

मेजर राजेंद्र प्रसाद का जन्म श्री रामसिंह जाट एवं श्रीमती संतोष देवी के परिवार में हुआ। वह राजस्थान के अलवर (वर्तमान कोटपूतली-बहरोड़) जिले की बानसूर तहसील के गिरूडी गांव के निवासी हैं और भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट में सेवारत हैं। वर्ष 2022 में वह प्रतिनियुक्ति पर जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद विरोधी अभियानों में 62 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ संलग्न थे।

10 अगस्त 2022 की रात्रि 10:00 बजे 62 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन को गोपनीय सूत्रों से जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के खानसाहिब क्षेत्र के वॉटरहेल में आतंकवादियों के छिपे होने की विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई। सूचना के आधार पर मेजर राजेंद्र प्रसाद को वहां ऑपरेशन चलाकर आतंकवादियों को निष्क्रिय करने का कार्य सौंपा गया।

मेजर जाट ने योजना निर्मित कर कठोर मौसम और भूभाग में नीरवता से सैनिकों का नेतृत्व किया और संदिग्ध घेर लिया। संपर्क स्थापित होते ही आतंकवादियों ने फायरिंग आरंभ कर दी। मेजर जाट ने भयानक फायरिंग में अपने दल का नेतृत्व किया और आतंकवादियों से संघर्ष किया व संपूर्ण रात्रि उन्हें घेरे रखा।

प्रातः के समय यह स्पष्ट हो गया की घर में कुल तीन आतंकवादी छिपे हैं, जो स्थान परिवर्तित कर फायरिंग कर रहे हैं। मेजर जाट ने सामरिक कौशल के प्रदर्शन में रेंगत हुए प्रभावी ढंग से आतंकवादियों से संघर्ष किया। एक आतंकवादी ने उनके साथी पर प्रभावी फायरिंग की। अपने साथी पर घातक संकट को भांपते हुए और अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की घोर उपेक्षा करते हुए, मेजर जाट आड़ से बाहर आए आतंकवादी पर प्रचंड फायरिंग की।

इस फायरिंग में एक कट्टर और पुरस्कार घोषित आतंकवादी लतीफ राठर को मार गया। इसके पश्चात, द्वितीय आतंकवादी उनके दल पर हथगोले फेंकता हुआ और फायरिंग करता हुआ घर से बाहर भागा, मेजर जाट ने पुनः अपनी स्थिति परिवर्तित की और उस आतंकवादी को घायल कर दिया। रात्रि लगभग 10:00 बजे से आरंभ हुई मुठभेड़ अगले दिन रात्रि लगभग 8:00 बजे समाप्त हुई।

20 घंटे से अधिक समय तक चली मुठभेड़ में कुल तीन आतंकवादी मारे गए। तीनों आतंकवादियों के शव घर में और निकट के भिन्न-भिन्न स्थानों पर पड़े पाए गए। इन सभी आतंकवादियों से अत्याधुनिक स्वचालित शस्त्र और गोला-बारूद प्राप्त हुए थे। तीनों आतंकवादी लश्कर ए तैयबा के सदस्य थे। आतंकवादी लतीफ यूट्यूबर युवती आमरीन, कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या व सेना और नागरिकों पर हुए अनेक आक्रमणों में वांक्षित था।

इस ऑपरेशन में मेजर राजेंद्र प्रसाद जाट ने गंभीर संकट में अद्भुत वीरता और सुदृढ़ नेतृत्व का परिचय दिया।उन्हें "शौर्य चक्र" से सम्मानित किया गया।

चित्र गैलरी

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