Ramganga

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Ramganga River (रामगंगा) flows to south west from Pithoragarh district in Kumaun Himalaya. It is a tributary of the river Ganges.

Variants

Ramganga West

Ramganga West River originates from Doodhatoli ranges in the district of Pauri Garhwal, Uttarakhand state of India. The Ramganga River flows to south west from Kumaun Himalaya. It is a tributary of the river Ganges, originates from the high altitude zone of 800m-900m. Ramganga flows by the Corbett National Park near Ramnagar of Nainital district from where it descends upon the plains. Ramganga West River passes through the districts in Uttar Pradesh:

The Ramganga Dam crosses the river at Kalagarh (Partially in Bijnor District & Pauri Garhwal District) for irrigation and hydroelectric generation. An annual festival of Ganga Dassahra is organised on its banks annually during the months of September and October at Chaubari village near Bareilly. It has a drainage basin of 30,641 km2.

Maps of districts in Uttar Pradesh crossed by Ramganga West River

Ramganga East

Another Ramganga called Ramganga East originates from the Namik Glacier in Pithoragarh district of Uttarakhand and flows towards South-East.[1][2] The river is fed by numerous small and big rivers and finally joins river Sarju at Rameshwar near Ghat of Pithoragarh.[3] The Sarju in turn confluences with the Kali Nadi (Sharda).

Historical places on Ramganga

रामगंगा

रामगंगा, उ.प्र. (AS, p.787): मध्य काल के मुसलमान साहित्यकारों ने इसी नदी को 'राहिब' लिखा है। यह नदी शायद वाल्मीकि रामायण, अयोध्या काण्ड 71, 14 ('वासंकृत्वा सर्वतीर्थे तीर्त्वाचोत्तरंगा नदीम्, अन्यानदीश्च विविधै: पार्वतीयैस्तुरंगमै:।') में वर्णित उत्तरगा नदी है। यह नदी उत्तराखंड के गढ़वाल ज़िले के कुमाऊ की पहाड़ियों से निकल कर गंगा में कन्नौज के पास गिरती है.

रामगंगा परिचय

रामगंगा नदी लघु हिमालय पर्वत शृंखलाओं से निकलती है। उत्तराखंड के गढ़वाल ज़िले के कुमाऊ क्षेत्र हिमालय श्रेणी के दक्षिणी भाग से नैनीताल के निकट निकलती हुई उत्तर प्रदेश में बहती है। यह नदी शायद वाल्मीकि रामायण, अयोध्या काण्ड 71, 14 में वर्णित 'उत्तरगा नदी' है। 'वासंकृत्वा सर्वतीर्थे तीर्त्वाचोत्तरंगा नदीम्, अन्यानदीश्च विविधै: पार्वतीयैस्तुरंगमै:।'

यह नदी 144 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा करके कालागढ़ ज़िले के निकट बिजनौर ज़िले के मैदानों में उतरती है। मैदानी यात्रा के 24 कि.मी. के उपरान्त कोह नदी इसमें मिलती है। रामगंगा नदी 600 कि.मी. बहने के उपरान्त कन्नौज के निकट हरदोई जनपद की सवायजपुर तहसील में गंगा में मिल जाती है। मुरादाबाद, बरेली, बदायूँ, शाहजहाँपुर, फ़र्रुख़ाबाद, हरदोई आदि ज़िलों से यह गुजरती है। इस नदी के जल का प्रयोग सिंचाई में अधिक नहीं हो पाता, क्योंकि इसका मार्ग अनिश्चित और परिवर्तनशील है। नदी से सिंचाई का लाभ उठाने के लिए कालागढ़ में एक बाँध भी बनाया गया है।

संदर्भ: भारतकोश-रामगंगा नदी

बाहुदा नदी

विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है .....बाहुदा नदी (AS, p.626): महाभारत में उल्लिखित नदी. 'ततश्च बाहुदां गच्छेद् ब्रह्मचारी समाहित: तत्रोष्य रजनीमेकां स्वर्गलोके महीयते'-- वन पर्व 84, 67. 'बाहुदायां महीपाल चक्रु: सर्वेभिषेचनम्, प्रयागे देवयजने देवानां पृथिवीपते,'वन पर्व 85,4. महाभारत शांति पर्व 22 के अनुसार लिखित ऋषि का कटा बाहु इस नदी में स्नान करने से ठीक हो गया था जिससे इसका नाम बहुदा हुआ. 'स गत्वा द्विज शार्दूलो हिमवन्तं महगिरिम्, अभ्यगच्छन्नदीं पुण्यां बाहुदां धर्मशालिनीम्'. अनुशासन पर 19,28 से ज्ञात होता है कि यह नदी हिमालय से निकलती थी. यह शायद उत्तर भारत की रामगंगा है. अमरकोश में बाहुदा को सैतवाहिनी भी कहा गया है.

उत्तरगा

उत्तरगा (AS, p.92): उत्तरगा रामायण अयोध्या काण्ड 71, 14 में उल्लिखित एक नदी थी। 'वासं कृत्वा सर्वतीर्थे तीर्त्वा चोत्तरगां नदीम्, अन्यानदीश्च विविधै: पार्वतीयैस्तुरंगमै:'। संभवत: यह रामगंगा (उत्तर प्रदेश) है जो कन्नौज के पास गंगा में गिरती है।[5]

राहिब

राहिब (AS, p.796): राहिब महमूद ग़ज़नवी के इतिहासकारों ने रामगंगा नदी को लिखा है। कन्नौज के राजा त्रिलोचनपाल और महमूद ग़ज़नवी में परस्पर युद्ध 1019 ई. में रामगंगा के तट पर ही हुआ था। उस समय त्रिलोचनपाल कन्नौज के निकट बारी नामक स्थान पर रहता था।[6]

External links

References

  1. Negi, Sharad Singh. Himalayan Rivers, Lakes, and Glaciers. Indus Publishing. p. 115. ISBN 9788185182612.
  2. Rawat, Ajay Singh. Forest Management in Kumaon Himalaya: Struggle of the Marginalised People. Indus Publishing. p. 18. ISBN 9788173871016.
  3. Negi, Sharad Singh. Himalayan Rivers, Lakes, and Glaciers. Indus Publishing. p. 115. ISBN 9788185182612.
  4. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.626
  5. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.92
  6. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.796

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