Ramanagara

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(Redirected from Rammanagari)
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Ramanagara (रामनगर) is a city in Varanasi district in the Indian state of Uttar Pradesh.

Origin

Variants

History

Ramnagar, Varanasi

Ramnagar has a fort known as Ramnagar Fort which is still the residence of King of Varanasi (Benares). He was known as Kashi Naresh meaning king of Kashi (Ancient name of Beneras) and is still regarded by old residents of the city of Varanasi. Ramnagar Fort and its museum are the repository of the history of the kings of Benares and since the 18th century has been the home of Kashi Naresh. Even today the Kashi Naresh is deeply revered by the people of Benares. He is the religious head and the people of Benares consider him the incarnation of Shiva. He is also the chief cultural patron and an essential part of all religious celebrations.[1]

रामनगर

विजयेन्द्र कुमार माथुर [2] ने लेख किया है ...1. रामनगर (AS, p.790) = रामनगर कोंकण, महाराष्ट्र का ऐतिहासिक स्थान है। 'महाराष्ट्र केसरी' छत्रपति शिवाजी के समय में यह एक छोटा-सा राज्य था। सलहेरि के युद्ध के पश्चात् 1672 ई. में शिवाजी ने रामनगर राज्य को जीत लिया था। इस कार्य में शिवाजी को अपने सेनापति मोरोपंत पिंगले से काफ़ी सहायता मिली थी। महाकवि भूषण ने इस घटना का उल्लेख किया है- 'भूषन भनत रामनगर जवारि तेरे वैरपरबाह बहे रुधिर नदीन के।'-- शिवराजभूषण, 173.

2. रामनगर (AS, p.790) = रामनगर वाराणसी ज़िला, उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक स्थान है। यह काशी की सुप्रसिद्ध रियासत का मुख्य स्थान था, जो वाराणसी के सामने गंगा के उस पार स्थित है। यह पश्च मध्यकालीन रियासत थी, जो अब वाराणसी ज़िले में विलीन हो गई है। बौद्ध साहित्य में काशी का एक नाम 'रामानगरी' मिलता है। संभव है 'रामनगर' का इस नाम से संबंध हो।

रामानगरी

रामानगरी: बौद्ध साहित्य में काशी का एक नाम 'रामानगरी' (पाली-रम्मानगरी) है. संभवत: यह नाम वर्तमान 'रामनगर' के रूप में आज भी जीवित है. [3]

External links

References

  1. Mitra, Swati (2002). Good Earth Varanasi city guide. Eicher Goodearth Limited. p. 216. ISBN 978-81-87780-04-5.
  2. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.790
  3. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.792