Randhir Singh Kurmali

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Randhir Singh Kurmali (चौधरी रनधीरसिंह), Bharatpur was a Social worker in Rajasthan. He belonged originally to village Kurmali in Muzaffarnagar, Uttar Pradesh. He was born in the family of Hari Singh Kurmali, one of the founder members the All India Jat Mahasabha. [1]

जाट जन सेवक

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....चौधरी रनधीरसिंह - [पृ.41]: मुजफ्फरनगर जिले में कुरमाली एक जाटों का प्रसिद्ध गाँव है। यहाँ प्रकृति ने एक सी सूरत शक्ल के दो हरीराम सिंहों को जन्म दिया। दोनों ही खेती के महकमे में सुपरिन्टेंडेंट से ऊंचे पदों पर काम किया। एक के बड़े पुत्र का नाम वारसेन जी और दूसरों के बड़े पुत्र का नाम रणधीरसिंह जी है। चौधरी रणधीर सिंह ने अपनी योग्यता, ईमानदारी और कार्यशीलता के कारण भरतपुर में नाम पाया है।

आप साधु बना श्री रत्नाकर जी शास्त्री के दामाद हैं। जाट लोगों का सिर कभी भी रिश्वत न लेकर और ईमानदारी के साथ काम करके श्री सास्त्री जी ने ऊंचा किया था उसको चौधरी रणधीरसिंह जी ने और भी ऊंचा किया है। आपसे पितृ और श्वसुर दोनों कुल उज्जवल हुए हैं। उन्होंने किसी भी जाट संस्था में क्रियात्मक भाग नहीं लिया है किंतु अपने लिए आदर्श योग्य साबित करके जाट लोगों को यह गर्व करने का मौका दिया है कि हमारे अंदर इस प्रकार के संजीदा और ईमानदार आदमी भी पैदा होते हैं जो दूसरों के लिए उदाहरण हैं।


चौधरी रणधीर सिंह BA, LLB हैं। इन्होने भरतपुर की सर्विस में मुंसिफ़ के ओहदे से प्रवेश किया है और आज एडीएम हैं।

जीवन परिचय

आपका जन्म उत्तर प्रदेश राज्य में मुजफ्फरनगर जिले के गाँव कुरमाली में चौधरी हरीराम सिंह के यहाँ हुआ।

गैलरी

संदर्भ


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