Rudra Devi
Rudra Devi (रुद्रादेवी), from Jodhpur (Rajasthan), was a brave lady who fought bravely with scoundrels.[1]
जाट जन सेवक
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....रुद्रा देवी – [पृ.194]: उसने किसी सभा संस्था में शामिल होकर कौम की सेवा नहीं की किंतु पतिव्रत मय साहस से जाट नाम की इज्जत को, जितना उससे बन पड़ा, बढ़ाया है। वह जोधपुर शहर में अपने परिवार के साथ रहती थी। उस के पति का नाम क्या था यह हमें मालूम नहीं है। दिल्ली प्रसिद्ध दैनिक नवयुग में जोधपुर का 25 जुलाई 1934 का निज संवाददाता द्वारा प्रेषित समाचार जो रुद्रा के समाचार में छपा था उसी को हम यहां ज्यों का त्यों प्रकाशित किए देते हैं -
"कल रूद्रा नमक जाट स्त्री का ठाकुर उमेद सिंह फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट की अदालत में दफा 326 पैनल ग्रेड के मातहत चालान हुआ। किस्सा इस प्रकार बताया जाता है –
कहते हैं कि गुंडे रुद्रा जाटनी को बाईजी के तालाब
[पृ.195]:पर तंग किया करते थे। एक दिन वह उस रास्ते से होकर जा रही थी कि एक गुंडा, जिसका नाम मोहम्मद बताया जाता है, ने उस से छेड़छाड़ करनी चाही । रुद्रा ने उस समय गुस्से में अपनी इज्जत को बचाने के लिए उसके ऊपर एक चाकू मार दिया। जिससे उसके चोट आई। इतने में हो हल्ला हो जाने के कारण बाकी के गुंडे वहां से चंपत हो गए। पुलिस ने रुद्रा का चालान चाकू मारने के अपराध में किया है। कोर्ट ने चोधराइन को जमानत पर छोड़ दिया है।
गुंडों का सामना करने का है यह पहला ही मौका है।
गैलरी
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Jat Jan Sewak, p.194
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Jat Jan Sewak, p.195
बाहरी कड़ियाँ
संदर्भ
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.194-195
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.194-195
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