Sankhoo Laxmangarh
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Sankhu or Sankhoo (सांखू) is a village in Laxmangarh tehsil in Sikar district in Rajasthan. It is between Laxmangarh and Mukundgarh.
Location
Origin
The Founders
History
अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रयास
सीकर ठिकाने में किसानों पर होने वाली ज्यादतियों के बारे में अखिल भारतीय जाट महासभा भी काफी चिंतित थी. उन्होंने कैप्टन रामस्वरूप सिंह को जाँच हेतु सीकर भेजा.कैप्टन रामस्वरूप सिंह ने चौधरी जगनाराम मौजा सांखू तहसील लक्ष्मनगढ़ उम्र 50 वर्ष बिरमाराम गाँव चाचीवाद तहसील फतेहपुर उम्र 25 वर्ष के बयान दर्ज किये. चौधरी जगनाराम ने जागीरदारों की ज्यादतियों बाबत बताया. बिरमाराम ने 10 अप्रेल 1934 को उसको फतेहपुर में गिरफ्तार कर यातना देने के बारे में बताया. उसने यह भी बताया कि इस मामले में 10 -15 और जाटों को भी पकड़ा था. इनमें चौधरी कालूसिंह बीबीपुर तथा लालूसिंह ठठावता को मैं जानता हूँ शेष के नाम मालूम नहीं हैं. कैप्टन रामस्वरूप सिंह ने जाँच रिपोर्ट जाट महासभा के सामने पेश की तो बड़ा रोष पैदा हुआ और इस मामले पर विचार करने के लिए अलीगढ में जाट महासभा का एक विशेष अधिवेशन सरदार बहादुर रघुवीरसिंह के सभापतित्व में बुलाया गया. सीकर के किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल भी इस सभा में भाग लेने के लिए अलीगढ गया. सर छोटू राम के नेतृत्व में एक दल जयपुर में सर जॉन बीचम से मिला. बीचम को कड़े शब्दों में आगाह किया गया कि वे ठिकाने के जुल्मों की अनदेखी न करें. नतीजा कुछ खास नहीं निकला पर दमन अवश्य ठंडा पड़ गया. [1]
ठाकुर देशराज[2] द्वारा जाट जन सेवक में प्रकाशित सिहोट ठाकुर के दमनचक्र के भुक्त भोगी सांखू के लोगों के बयान यथावत नीचे दिये जा रहे हैं:
मैं चौधरी जगन राम मौजा सांखू ठिकाना सीकर तहसील लक्ष्मणगढ़ का हूं। उम्र 50 वर्ष भगवान को जानकर ठीक ठीक कहता हूं।
15-16 वर्ष के अंदर जमीन का लगान दुगना हो गया है। यानी जिस जमीन का हम लोग 4 आना या 8 आना दिया करते थे, अब आठ आना या 1 रु. देते हैं। गांव कटराथल जिसमें कि हम बैठे हुए हैं, पूरे गांव का लगान 5000/- रुपये दिया करते थे जो अब बढ़ाकर 10000/- कर दिया है। (इसकी ताईद चौधरी लछमन जी, चौधरी गुमाना जी, चौधरी हनुतराम जी, चौधरी कुशाला राम जी, चौधरी किशना रामजी ने की जो कि कटराथल के चौधरी हैं।)
[पृ.241]: साथ ही और भी हम लोगों से लाल बाग के जरिए से लेते हैं। लगान के बाद जो कुछ बचा है वह भी लिया जाता है। उसे पूरा नहीं पड़ता तो मजबूरन हम को तंग किया जाता है और यहां तक कहा जाता है कि अपने बाल बच्चे को बेचकर जो कुछ राज का बाकी है जल्दी पाई-पाई अदा कर दो। उसकी रिपोर्ट और समाचार नामों के साथ तरतीबवार जाटवीर, तारीख 21 अप्रैल 1934 में छप चुका है। उसमें तो सिर्फ अपने लड़कों को बेचने की बातें लिखी हैं मगर यह तो बिल्कुल सही और चौड़े में आई हुई रात दिन की बात है। जो होती है हम लोग राज की खातिर अपनी आत्माओं के टुकड़े लड़कियों के दिल के न चाहने पर भी रोते हुये बेच डालते हैं। और फिर राज का कर चुकाते हैं।
"जग्गू राम"
यह बयान देते हुये अंतिम शब्दों पर चौधरी साहब का दिल रो पड़ा और भारी बोलने लग गए।
Jat Gotras
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Population
Notable Persons
- Mahavir Singh Jakhar -Jat Historian from village Sankhu in Laxmangarh tehsil of Sikar district in Rajasthan. Mob: 9887167621
- Bohit Ram Jakhar (चौधरी बोहितराम जी) was from village Sankhu, Laxmangarh, Sikar, Rajasthan. He was Freedom fighter of Shekhawati farmers movement. [3]
- Chaudhari Jagna Ram - Freedom fighter, took part in Shekhawati farmers movement
- Prof. Jawahar Singh Jakhar - An educationist and social worker, born on 14 September 1938 at village Sankhu in family of Ladu Ram Jakhar and Jiwani Devi. His role in Jat Arakshan Sangharsh was commendable. [4]
- Banwari Lal Jakhar - Accountant Rajasthan Health Project, Ph:01572-258521
- Mr. Shiv Prasad Jakhar - Govt. Service, Parliament Interpretor, Lok Sabha Secretriat, New Delhi, Vill & P O: Sankhu, Via - Balaran, Dist. - Sikar (Rajasthan) Ph: 9953721921, Email: shivjakhar@gmail.com (PP-644)
- Jawahar Singh Jakhar - Brigadier, Rashtrapati Bhawan Delhi.
External Links
References
- ↑ डॉ पेमाराम: शेखावाटी किसान आन्दोलन का इतिहास, 1990, p.97
- ↑ Thakur Deshraj: Jat Jan Sewak, 1949, p.240-241
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.322a-323
- ↑ Jat Samaj Patrika:Agra, September 2001, p.26
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