Wai Jatt

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Location of villages around Hindaun

Wai Jatt (वाई जट) (Bai Jatt) is a village in Hindaun tehsil of Karauli district of Rajasthan.

Jat gotras

History

जगरोटी की खाप

हिंडोन करौली जिले में है। जगरोटी शब्द जटरोति शब्द का ही बिगड़ा रूप है। आज भी यहाँ पर कई गाँव के नाम के पीछे जट शब्द का उपयोग हुआ है। जैसे कलवारी जट, जटवारा ,बर्रा जट ,वाई जट , जट्स्थाना, और भी कई गाँव है। इस खाप में जाटों के 84 से अधिक गाँव है हिंडौल गोत्र के जाटो ने हिंडोन को बसाया था महाराजा सूरजमल ने वहान सिंह हिंडौल को कोसी अलीगढ में जागीर दे दी थी।

आज अलीगढ जिले में हिंडोल गोत्र के 22 गाँव है जिनमें से कुछ के नाम दिसवारा , रनसुरा हैं। वहान सिंह के चार बेटे थे उनके चार बेटों के नाम मानसिंह, विजयराम, जीवर राम, चुरामन था । मानसिंह ने मान गाँव, चुरामन ने चुहरा गाँव , विजयराम ने पिठैर गाँव व जीवरराम ने दिसवार गाँव बसाया जो अलीगढ़ जिले में है। इस तरह हिंडोल गोत्र राजस्थान छोड़ कर उत्तर प्रदेश में चला गया और हिंडोन की जागीरी बेनीवाल जाटों के पास आगयी।

कुछ सालों के बाद बेनीवालों के सरदार के केवल एक लड़की हुई। पंडित को एक अच्छा रिश्ता लाने को कहा। पंडित जी ने बताया कि एक डागर जाटों का काफिला पास ही में रुका हुआ है। उनमे एक सुन्दर लड़का है। लड़का सरदार को पसंद आ गया और उस बेनीवाल सरदार की लड़की की शादी डागुर लड़के से हो गयी | धीरे धीरे बेनीवाल जाट कोसी के इलाके में चले गये और डागुर जाट जांगल प्रदेश से आकर बसते गये बेनीवालों का दामाद होने के कारण जागीरी डागर जाटों को मिल गयी डागर जाट जांगल प्रदेश से आये थे कुछ समय बाद और डागर गोत्र के काफिले हिंडोन एरिया में बस गये और बेनीवाल गोत्र कोशी की तरफ चले गये जहा आज भी बेनीवालों के गाँव है। उन में ही लक्ष्मी नारायण चौधरी का जन्म हुआ है जो उत्तर प्रदेश में मिनिस्टर रहे हैं।

डागुर जाटों की जनसंख्या बढ गयी। यहाँ पर डागर को डागुर बोला जाता है आज डागुर जाटों के 24 गाँव है, बेनीवाल जाटों के 8 गाँव, हंस गोत्र के 3 गाँव, तंवर (तोमर ) गोत्र के 6 गाँव है। सोलंकी गोत्र के 10 गाँव हैं। सबसे बड़ा गाँव भी सोलंकी जाटो का है। देशवालों के 2 गाँव , इन्दोलिया , भाकर, बसरे , अकोदिया , जखौदिया (तंवर ), नशवारिया, और भी कई गोत्र है। खाप में करौली जिले के कुछ गाँव तथा दौसा, सवाईमाधोपुर जिलों के कुछ गाँव आते है। खाप के गाँव में शादी के अवसर पर बैंड बजाने की पाबन्दी है।

लेखक: मानवेन्द्र सिंह तोमर

Notable persons

External Links

References


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