Gayatri Devi

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Gayatri Devi
Gayatri Devi with Chaudhary Charan Singh

Gayatri Devi (गायत्री देवी) (b:5.12.1905-d.10.5.2002) daughter of Chaudhary Ganga Ram Jatrana of village Garhi-Kundal in Sonipat. She was a former Member of Parliament from Uttar Pradesh state. She was the wife of former Prime Minister of India, Chaudhary Charan Singh

Career in Politics

Gayatri Devi (गायत्री देवी) was elected Member of Legislative Assembly of Uttar Pradesh in 1969 from Iglas, a seat contested under the aegis of Bharatiya Kranti Dal, the political party founded by her husband, Chaudhary Charan Singh. Later, she was also elected MLA from Gokul (distt. Mathura) constituency.

In 1980, Gayatri Devi was elected Member of Parliament from Kairana Lok Sabha Constituency. This election was contested under the banner of Janta Party (Secular), a political party which was also founded by Chaudhary Charan Singh. [1]

Death

Gayatri Devi expired 10 May 2002.

गायत्री देवी का जीवन परिचय

हरयाणा प्रान्त के जिला सोनीपत में ग्राम कुण्डलगढ़ी में एक प्रतिष्ठित जटराणा गोत्र के जाट परिवार में चौ० गंगारामजी की पुत्री गायत्री देवी के साथ, 4 जून 1925 को, जब वह एम० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके थे, चौ० चरणसिंह का विवाह कर दिया गया। श्रीमती गायत्री देवी जालन्धर कन्या विद्यालय की मैट्रिक पास अत्यन्त मृदुभाषी, सुशील और चतुर महिला है। वह चौ० चरणसिंह के गांव में रहकर परिवार का कृषि आदि का प्रत्येक कार्य देखती रही। पढ़े लिखेपन का बनावटीपन उनमें लेशमात्र भी नहीं है। ग्रामीण किसानों की हर समस्या को सुनना और उनके उचित निराकरण का प्रयास करना उनके स्वभाव में निहित है। जब देश के कोने-कोने से आये दल के कार्यकर्त्ता चौधरी साहब से मुलाकात नहीं कर पाते या किसी कारण निराश होकर जाते तो मात्र माताजी गायत्री देवी ही उनकी आशा का केन्द्र होती थी। वह अब तक भी कार्यकर्त्ताओं के बीच घिरी देखी जा सकती हैं। वह अनेकों की समस्याओं को सुलझाती हैं और अनेकों को धैर्य व साहस का पाठ पढ़ाती हैं।

माताजी अपने जीवन में दो बार विधान सभा की सदस्या क्रमशः ईंगलास (जिला अलीगढ़) और गोकुल (जिला मथुरा) से चुनी गयीं। फिर कैराना (मुजफ्फरनगर) से लोकसभा की सदस्या चुनी गई।

श्रीमती गायत्री देवी ने चौधरी चरणसिंह को ऊंचे पद तक पहुंचाने में अपना आवश्यक योगदान दिया। जीवन के साथी होने के नाते वह अपने पति को प्रामाणिक आवश्यकता पड़ने पर सूचित करती थीं। दो अवसरों पर गायत्री देवी ने चौधरी साहब पर उचित समय पर, उचित निर्णय लेने के लिए, अपना प्रभाव डाला। पहला, जब सन् 1965 में चौ० साहब ने कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र दिया। दूसरे, जब वे देसाई सरकार में वरिष्ठ उपप्रधानमन्त्री एवं आर्थिक (Finance) मन्त्री थे, देसाई सरकार से त्यागपत्र दिया। गायत्री देवी केवल चौधरी साहब की भक्तिपूर्वक पत्नी ही न थी बल्कि उनके प्रधानमन्त्री कार्यों में अपना बड़ा सहयोग प्रदान किया। उसने सदा अपने पति के स्वास्थ्य का ध्यान रखा।

यदि चौधरी चरणसिंह और गायत्री देवी की तुलना महाराजा सूरजमल व महारानी किशोरी से की जाए तो उचित होगा।

चौ० चरणसिंह और गायत्री देवी का परिवार

श्रीमती गायत्री देवी ने अपनी कोख से चौ० चरणसिंह के घर पांच पुत्रियों और एक पुत्र को जन्म दिया जो सभी शादीशुदा हैं। चौ० चरणसिंह ने अपने आर्यसमाजी सिद्धान्तों के अनुसार अपनी दो पुत्रियों की अन्तर्जातीय शादी कराकर आर्यसमाजी कट्टरपन का परिचय दिया है। स्वयं को कभी जातिवाद के घेरे में कैद नहीं किया और अपनी ईमानदारी और नेकनीयती के समक्ष जाति या धर्म को आड़े नहीं आने दिया। यद्यपि देश के कुछ कुत्सित मनोवृत्ति के लोग और निकृष्ट प्रकार के राजनीतिज्ञ उनके ऊपर जातिवाद का आरोप थोपने का पूर्णतया निष्फल प्रयास करते रहे हैं। चौधरी साहब जब गाजियाबाद में वकालत कर रहे तो उनके घर का रसोइया एक सामान्य हरिजन था। वे कहा करते थे कि मुझे जाट जाति में जन्म लेने का गौरव है लेकिन यह मेरी इच्छा से नहीं हुआ। बल्कि ईश्वर की कृपा से हुआ है। मेरे लिए भारतवर्ष में निवास करने वाले सभी जातियों के मनुष्य एक समान हैं। चौधरी साहब को जाट परिवारों से कहीं अधिक यादव, राजपूत, लोधे, कुर्मी, गुर्जर, मुसलमान और पिछड़े वर्ग में अधिक सम्मान प्राप्त था। माताजी गायत्री देवी को सन् 1978 में यादव महासभा के अखिल भारतीय सम्मेलन बम्बई में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। यही नहीं, अनेक ब्राह्मण एवं वैश्य परिवारों में जहां जातीय कट्टरपन नहीं है, चरणसिंह जी की एक आदर्शवादी सिद्धान्तनिष्ठ नेता और विचारशील तथा संघर्षशील, राजनैतिक व्यक्ति के रूप में मानो पूजा होती थी।

चौ० चरणसिंह की सबसे बड़ी पुत्री सत्या का विवाह एक विद्वान् प्रो० गुरुदत्तसिंह सोलंकी के साथ हुआ। वह आगरा के पास कस्बा कागारौल के मूल निवासी थे। वह खेरागढ विधान सभा क्षेत्र (जिला आगरा) से उत्तर प्रदेश विधानसभा के एम० एल० ए० चुने गये और इसी सदस्य के रूप में ही उनका मार्च 1984 ई० में निधन हो गया।

डॉ जयपाल सिंह और पत्नी वेदवती, पुत्री चौधरी चरणसिंह, 1959

दूसरी पुत्री वेदवती का विवाह, राम मनोहर लोहिया हस्पताल के एक योग्य डाक्टर जे० पी० सिंह के साथ हुआ।

तीसरी पुत्री ज्ञानवती, जो मेडिकल ग्रेजुएट है, सरकारी नौकरी से त्यागपत्र देकर जेनोआ में अपने पति के पास चली गई। वह आई० पी० एस० अफसर है।

चौथी पुत्री सरोज का विवाह श्री एस० पी० वर्मा के साथ हुआ है जो कि उत्तरप्रदेश में गन्ना विभाग में अफसर है। इनका यह अन्तर्जातीय विवाह है।

पांचवीं बेटी का विवाह वासुदेव सिंह से हुआ ।

चौ० चरणसिंह का एक ही पुत्र अजीतसिंह है जिसने यन्त्रशास्त्र विश्वविद्यालय की उपाधि धारण की है। वह अमेरिका में नौकरी करते थे। वहां से त्यागपत्र देकर भारत आ गये और लोकदल के प्रमुख मन्त्री (General Secretary) चुने गये। आप लोकसभा के सदस्य भी हैं।

चौ. अजीतसिंह (12.02.1939 - 06.05.2021) का विवाह राधिका सिंह से 15 जून सन 1967 में हुआ जिनसे एक पुत्र जयंत चौधरी (जन्म 27 दिसम्बर 1978) और दो पुत्रियां (निधी, दीप्ति) हुईं। श्रीमती राधिका सिंह (1947-2014) पुत्री कुंवर सुखवीर सिंह विशनोई निवासी फतेहपुर विशनोई (244504) जिला मुरादाबाद उ प्र से थी । जयंत चौधरी की शादी चारु सिंह से 2003 में हुई जिनसे दो पुत्रियां (साहिरा, इलेशा) हुईं।

संदर्भ: जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, pp. 942-943

Bio Profile at the website of Lok Sabha

http://164.100.47.194/loksabha/writereaddata/biodata_1_12/1478.htm

7th Lok Sabha
Members Bioprofile


GAYATRI DEVI, SHRIMATI [Janata (S)—Uttar Pradesh, Kairana, 1980] d. of Shri Ganga Ram; b. at Garh Kundal Village, Sonepat District, Haryana, 1905; ed. at Kanya Mahavidayalaya, Jullundur, studied upto Tenth Standard; m. Choudhary Charan Singh, June 5, 1925; 1 s. and 5 d.; Political and Social Worker; previously associated with Indian National Congress, Bharatiya Kranti Dal and Bharatiya Lok Dal; actively participated in freedom movement and was arrested in 1930; President, (i) Arya Samaj, Ghaziabad for 11 years and (ii) Uttar Pradesh Women Association; Member, Uttar Pradesh legislative Assembly, 1969 and 1974.

Favourite pastime and recreation: Meeting people and discussing their personal, social and other problems.

Special interests: Improvement in the status of rural women.

Sports and clubs: Indoor games.

Travels abroad: U.S.A.

Permanent address: 56-2, Shivaji Road, Meerut, Uttar Pradesh.

External Links

References

  1. Dndeswal (talk) 21:31, 28 April 2016 (EDT)

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