Bawal Rewari
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Bawal is a town and tahsil headquarters in Rewari District in Haryana.
Location
Origin
Jat Gotras
Bawal Chaurasi Khap
Bawal Khap , known as Bawal Chaurasi, includes 84 villages spreas over Alwar district in Rajasthan and Rewadi and Mahendragarh districts of Haryana. Bawal village is their Head Quarter. [1]
बावल चौरासी खाप
48. बावल चौरासी खाप - इस गांव के 84 गांव राजस्थान के अलवर जिले से लगते हुये हरियाणा प्रदेश के रिवाडी और महेंद्रगढ़ जनपदों में फैले हुए हैं. बावल इनका मुख्यालय है.[2]
History
Bawal Khap , known as Bawal Chaurasi, includes 84 villages spread over Alwar district in Rajasthan and Rewadi and Mahendragarh districts of Haryana. Bawal village is their Head Quarter. [3]
स्वामी ओमानन्द लिखते हैं -
..... लेख को समाप्त करते हुए अन्तरात्मा रो उठती है कि आज भारतीय जनता उस वीर शिरोमणि राव तुलाराम के नाम से परिचित तक नहीं । मैं डंके की चोट पर कहता हूं कि यदि झांसी की लक्ष्मीबाई ने स्वातन्त्र्य-संग्राम में सर्वस्व की बलि दे दी, यदि तांत्या टोपे एवं ठाकुर कुंवरसिंह अपने को स्वतन्त्रता की बलिवेदी पर उत्सर्ग कर गये - यदि यह सब सत्य है तो यह भी सुनिर्धारित सत्य है कि सन् 1857 के स्वातन्त्र्य महारथियों में राव तुलाराम का बलिदान भी सर्वोपरि है । किन्तु हमारी दलित भावनाओं के कारण राजा तुलाराम का बलिदान इतिहास के पृष्ठों से ओझल रहा । आज भी अहीरवाल में जोगी एवं भाटों के सितारे पर राजा तुलाराम की अमर गाथा सुनी जा सकती है । किं बहुना, एक दिन उस वीर सेनापति राव तुलाराम के स्वतन्त्रता शंख फूंकने पर अहीरवाल की अन्धकारावृत झोंपड़ियों में पड़े बुभुक्षित नरकंकालों से लेकर रामपुरा (रेवाड़ी) के गगनचुम्बी राजप्रसादों की उत्तुंग अट्टालिकाओं में विश्राम करने वाले राजवंशियों तक ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध किये जा रहे स्वातन्त्र्य आन्दोलन में अपनी तलवार के भीषण वार दिखाकर क्रियात्मक भाग लिया था । आज भी रामपुरा एवं गोकुलगढ़ के गगन-चुम्बी पुरातन खंडहरावशेष तथा नसीबपुर के मैदान की रक्तरंजित वीरभूमि इस बात की साक्षी दे रहे हैं कि वे अपने कर्त्तव्य पालन में किसी से पीछे नहीं रहे ।
इस प्रान्त को स्वातन्त्र्य-युद्ध में भाग लेने का मजा तुरन्त ब्रिटिश सरकार ने चखा दिया । राव तुलाराम के राज्य की कोट कासिम की तहसील जयपुर को, तिजारा व बहरोड़ तहसील अलवर को, नारनौल व महेन्द्रगढ़ पटियाला को, दादरी जीन्द को, बावल तहसील नाभा को, कोसली के आस-पास का इलाका जिला रोहतक में और नाहड़ तहसील के चौबीस गांव नवाब दुजाना को पुरस्कार रूप में प्रदान कर दिया । यह था अहीरवाल का स्वातन्त्र्य संग्राम में भाग लेने का परिणाम, जो हमारे संगठन को अस्त-व्यस्त करने का कारण बना । और यह एक मानी हुई सच्चाई है कि आज अहीर जाति का न तो पंजाब में कोई राजनैतिक महत्व है और न राजस्थान में । सन् 1857 से पूर्व इस जाति का यह महान् संगठन रूप दुर्ग खड़ा था, तब था भारत की राजनीति में इस प्रान्त का अपना महत्व ।
अन्त में भारतवर्ष के स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास लेखकों से यह आशा करता हूं कि वे भारत के नवीन इतिहास में इस वीर प्रान्त की आहुति को उपयुक्त स्थान देना न भूलेंगे ।[4]
Villages in Bawal tahsil
Alawalpur, Anandpur, Aram Nagar, Asalwas, Asraka Majra, Badhoj, Badhrana, Bagthala, Balawas, Banipur, Bawal (MC), Behrampur Bharangi, Berwal, Bhagwanpur, Bidawas, Birjhabuwa, Bishanpur, Chanduwas, Chirhara, Dhani Suthani, Dhar Chana, Dharan, Dulhera Kalan, Dulhera Khurd, Gobindpur, Gujar Majri, Harchandpur, Ibrahimpur, Jai Singhpur Khera, Jalalpur, Jaliawas, Jhabuwa, Kalrawas, Kamalpur, Kanuka, Keshopur, Khandewra, Khar Khari, Khera Murar, Kheri Dalusingh, Kheri Motla, Khijuri, Khurampur (Bawal Rewar), Kishanpur Rewari, Mangaleshwar, Mohamadpur, Mohanpur Rewari, Mukandpur Basai, Nangal Shahbazpur, Nangal Teju, Nangal Ugra, Nangli Parsapur, Narsinghpur Garhi, Nechana, Odhi, Panwar, Patuhera, Pawti, Pragpura, Pranpura, Raipur, Raj Garh, Ramsinghpur, Ranoli (Bawal Rewari), Ransi Majri, Rasiawas, Rudh, Rughnathpur, Saban, Saidpur Alias Jaitpur, Sanjarpur, Shahpur (Bawal Rewari), Shekhpur Bawal, Subasheri, Sulkha, Suthana, Suthani, Tankri, Teekla, Tihara,
References
- ↑ Dr Ompal Singh Tugania: Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu, p. 19
- ↑ Dr Ompal Singh Tugania: Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu, p. 19
- ↑ Dr Ompal Singh Tugania: Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu, Agra, 2004, p. 19
- ↑ देशभक्तों के बलिदान (हरयाणा प्रान्त के महान् योद्धा राव राजा तुलाराम)