Bhita

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Allahabad District Map

Bhita (भीटा) is a village in Allahabad district of Uttar Pradesh. It is located about 20 km south-west of Prayaga on the bank of Yamuna River. Its ancient name was Sahajati.

Variants

  • Bhita भीटा, जिला इलाहाबाद, उ.प्र., (AS, p.668)
  • Sahajati सहजाति, इलाहाबाद, उ.प्र., (AS, p.944)

Location

Bhita is a Village in Jasra Block in Allahabad District of Uttar Pradesh State, India. It belongs to Allahabad Division . It is located 19 KM towards South from District head quarters Allahabad. 5 KM from Jasra. 223 KM from State capital Lucknow Bhita Pin code is 212107 and postal head office is Jasra. Manakwar (2 km) , Amreha (2 km) , Ghurpur ( 2 km) , Chitauri ( 2 km) are the nearby Villages to Bhita. Bhita is surrounded by Chaka Block towards East , Kaudhiyara Block towards South , Allahabad Block towards North , Shankargarh Block towards west. Allahabad , Phulpur , Lal Gopalganj Nindaura , Mauganj are the near by Cities to Bhita.[1]

History

भीटा, इलाहाबाद

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...भीटा (AS, p.668): जिला इलाहाबाद, उ.प्र. में प्रयाग से लगभग बारह मील दक्षिण-पश्चिम की ओर यमुना के तट पर कई विस्तृत खण्डहर हैं, जो एक प्राचीन समृद्धशाली नगर के अवशेष हैं। इन खण्डहरों से प्राप्त अभिलेखों में इस स्थान का प्राचीन नाम सहजाति है। भीटा, सहजाति इलाहाबाद से दस मील पर स्थित है।

उत्खनन: 1909-1910 में भीटा में भारतीय पुरातत्त्व विभाग की ओर से मार्शल ने [p.669]:उत्खनन किया था। विभाग के प्रतिवेदन में कहा गया है कि खुदाई में एक सुन्दर, मिट्टी का बना हुआ वर्तुल पट्ट प्राप्त हुआ था, जिस पर सम्भवतः शकुन्तला-दुष्यन्त की आख्यायिका का एक दृश्य अंकित है। इसमें दुष्यन्त और उनका सारथी कण्व के आश्रम में प्रवेश करते हुए प्रदर्शित हैं और आश्रमवासी उनसे आश्रम के हिरण को न मारने के लिए प्रार्थना कर रहा है। पास ही एक कुटी भी है, जिसके सामने एक कन्या आश्रम के वृक्षों को सींच रही है। यह मृत्खंड शुंगकालीन है (117-72 ई. पू) और इस पर अंकित चित्र यदि वास्तव में दुष्यन्त व शकुन्तला की कथा (जिस प्रकार वह कालिदास के नाटक में वर्णित है) से सम्बन्धित हैं, तो महाकवि कालिदास का समय इस तथ्य के आधार पर, गुप्तकाल (5वीं शती ई.) के बजाए पहली या दूसरी शती से भी काफ़ी पूर्व मानना होगा। किन्तु पुरातत्त्व विभाग के प्रतिवेदन में इस दृश्य की समानता कालिदास द्वारा वर्णित दृश्य से आवश्यक नहीं मानी गई है।

भीटा से, खुदाई में मौर्यकालीन विशाल ईंटें, परवर्तिकाल की मूर्तियाँ, मिट्टी की मुद्राएँ तथा अनेक अभिलेख प्राप्त हुए हैं। जिनसे सिद्ध होता है कि मौर्यकाल से लेकर गुप्त काल तक यह नगर काफ़ी समृद्धशाली था। यहाँ से प्राप्त सामग्री लखनऊ के संग्रहालय में है। भीटा के समीप ही मानकुँवर ग्राम से एक सुन्दर बुद्ध प्रतिमा मिली थी, जिस पर महाराजाधिराज कुमारगुप्त के समय का एक अभिलेख उत्कीर्ण है.(129 गुप्त संवत्=449)

व्यापारिक नगर: सहजाति या भीटा, गुप्त और शुंग काल के पूर्व एक व्यस्त व्यापारिक नगर के रूप में भी प्रख्यात था क्योंकि एक मिट्टी की मुद्रा पर सहजातिये निगमस यह पाली शब्द तीसरी शती ई. पू. की ब्राह्मीलिपि में अंकित पाए गए हैं। इससे प्रमाणित होता है कि इतने प्राचीन काल में भी यह स्थान व्यापारियों के निगम या व्यापारिक संगठन का केन्द्र था। वास्तव में यह नगर मौर्यकाल में भी काफ़ी समुन्नत रहा होगा, जैसा कि उस समय के अवशेषों से सूचित होता है।

सहजाति

विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ... सहजाति (AS, p.944): इलाहाबाद ज़िला, उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन और बौद्ध कालीन नगर था। इस नगर का अभिज्ञान इलाहाबाद के वर्तमान 'भीटा' नामक कस्बे के साथ किया गया है। बौद्ध काल के अनेक अवशेष यहाँ से प्राप्त हुए हैं। इस स्थान से प्राप्त एक मुहर पर ‘सहजातिये निगमस’ शब्द अंकित है, जिससे इस स्थान का प्राचीन काल में व्यापारिक महत्व सिद्ध होता है। (रिपोर्ट, पुरात्व विभाग 4911-12, पृ. 38) 'निगम' व्यापारिक संघ को कहा जाता था। राइस डेवीज़ के अनुसार सहजाति गंगा नदी के तट पर स्थित व्यापारिक नगर था। (बुद्धिष्ट इंडिया, पृ. 103) 'अंगुत्तरनिकाय' नामक पाली ग्रंथ में इस नगर को चेदि जनपद (पाली चेति) का नगर बताया गया है- 'आयस्मा महाचुंडो चेतिसु विहरति सहजातियभ्।' बौद्ध धार्मिक ग्रंथ 'महावंश' (महावंश 4, 23) में भी सहजाति नगर का उल्लेख हुआ है।

External links

References