Chichroli

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Location of Chichroli in Jhunjhunu district

Chichroli (चिंचड़ोली) is a medium-size village in Khetri tahsil of Jhunjhunu district in Rajasthan. It is known for temple of Baba Bandev Budania.

Founder

  • चिचडोली - इस ग्राम को संवत् 1535 (1478 ई.) में चौधरी राणूराम जी बुडानिया और इसकी औरत चिड़ीया द्वारा बसाया गया। बाबा बनदेव जी की बणी और अब एक विशाल मंदिर है। [1]

Location

Chichroli village is located in Khetri Tehsil of Jhunjhunun district in Rajasthan, India. It is situated 28km away from sub-district headquarter Khetri and 62km away from district headquarter Jhunjhunun. As per 2009 stats, Hardiya is the gram panchayat of Chichroli village.[2]

Jat Gotras

बाबा बनदेव जी का मंदिर चिचड़ोली

बाबा बनदेव जी का मंदिर चिचड़ोली

चिचड़ोली गाँव का इतिहास : गांव चिचड़ोली के इतिहास के पीछे लोगों की मान्यता है कि चिचड़ोली गांव राणुराम जी बुडानिया द्वारा बसाया गया था। वह श्री डालूराम जी बुडानिया के पुत्र थे। इनकी दो शादी हुई पहली पत्नी का नाम धर्माणी अर्थात धर्मा था जो सेवदा गोत्र की थी। उनके पिताजी का नाम टीलाराम था। दूसरी भड़ुन्दा ग्राम की रहने वाली चिड़ीया थी जो झाझड़िया गोत्र की थी। इनके पिताजी का नाम नाथूराम जी झाझड़िया था। चिड़ीया का ससुराल चूलीखेड़ा था।

दोनों ही औरतों से संतान नहीं थी। इस कारण राणुराम जी हमेशा उदास रहते थे और इस चिंता के कारण चिड़ीया अक्सर अपने पीहर भड़ुन्दा में ही रहती थी। चौधरी राणूराम जी गांव चूलीखेड़ा को छोड़कर गांव भड़ुन्दा आकर रहने लगे। समय निकलता गया। एक दिन रात को चिड़िया सो रही थी तब उसको सपने में बाबा बनदेव जी के दर्शन हुए। बाबा सपने में बोले कि यदि तुम मेरी समाधि में से जोत लेकर आओ तो तुम्हारे पुत्र प्राप्त हो जाएगी क्योंकि गांव बनगोठड़ी में मेरी समाधि पर कोई धूप करने वाला भी नहीं है। मेरे वंश का कोई भी परिवार वहां नहीं रह रहा है। अगर तुम मेरी पूजा अर्चना कर सकती हो तो तुम्हें पुत्र प्राप्ति हो जाएगी। तुम जाओ और समाधि से जोत लेकर आओ। इतने में चिड़िया की नींद उड़ गई। उसने अपने पति राणू राम जी बुडानिया से सपने का सारा किस्सा सुनाया। रानू राम और चिड़ीया दोनों सुबह नहा-धोकर जोड़े से बाबा का ध्यान कर बाबा की समाधि की ओर रवाना हो गए और बनगोठड़ी जाकर बाबा की समाधि पर जोतली। जोत को लेकर वहां से रवाना हो गए। उस जोत को लेकर जैसे ही भड़ुन्दा के कांकड़ पर पहुँचे, जहां वर्तमान में बनदेव जी का मंदिर है, वहां आकर जोत रुक गई। वहां बाबा बनदेव जी का चबूतरा बनवाया और बनी छोड़ी गई। भगवान की कृपा और बाबा बन देव जी के आशीर्वाद से चिड़िया के चार संतान हुई- दो लड़के और दो लड़कियां। एक का नाम लुहण राम और दूसरे का नाम दुर्जन राम। चिड़ीया के नाम से भड़ुन्दा के कांकड़ को तोड़कर गांव चिचड़ोली बसाया। चिड़ीया के नाम से गांव का नाम चिचड़ोली रखा। चिचड़ोली बसाई संवत 1535 में वैसाख के महीने में आखा तीज के दिन। बाबा बनदेव जी की बनी छोड़ी गई।

उसके बाद में चिचड़ोली गांव में तीन बार बाबा की चबूतरे का निर्माण हुआ और बाद में एक विशाल मंदिर का निर्माण हुआ।

1. पहली बार संवत 1535 में गांव बसाया गया।

2. दूसरी बार संवत 1713 लगभग चबूतरे का निर्माण हुआ,

3. तीसरी बार संवत 2003 में चबूतरे का निर्माण हुआ और

4. अब एक भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है जो शिखर बंध है।

यह जगह एसे स्थान पर है जो कि 8-10 किलोमीटर से भी देख सकते हैं। इस जगह का वातावरण बहुत ही सराहनीय है। इस मंदिर की मर्यादा यह है कि इसकी जो बनी है उस बनी में कोई भी मदिरा का सेवन नहीं कर सकता। औरतें व पुरुष अपने जूते-चप्पल बाहर ही खोलते हैं। यह मंदिर गांव चिचड़ोली से उत्तर दिशा में है और गांव में सबसे ऊंची जगह पर है। इस मंदिर तक जाने के लिए इस्लामपुर से भड़ुन्दा रोड पर एक बड़े दरवाजे का निर्माण कराया गया है। यह निर्माण रामनारायण बुडानिया पूर्व विधायक और उनकी पुत्री रीटा सिंह पुत्री श्री राजेंद्र सिंह गांव हेतमसार वालों ने करवाया। इसके आगे जो सड़क है जोहड़ से निकलने के बाद जमीन सड़क के लिए दी जो चौधरी हनुमान राम पुत्र श्री राम, रोहिताश्व, विद्याधर, हरिराम, धर्मपाल, अमीलाल पुत्र माधाराम जी ने। गेट से जो सड़क बनी बनदेव जी के मंदिर तक जाती है इस सड़क का निर्माण करवाया सांसद शीशराम ओला ने। बनी के अंदर दो पानी टंकी हैं जिसमें से पहली टंकी का निर्माण रामकुमार जी पुत्र खम्मा राम जी बुडानिया ने करवाया और दूसरी टंकी का निर्माण ग्राम रुकणसर वाले बुडानिया परिवार ने करवाया। इसके अलावा एक कुआं भी है जिसका निर्माण हरियाणा सरकार में मंत्री संपत सिंह जी द्वारा करवाया गया। उसके बाद कई भामाशाहों ने मंदिर प्रांगण और बनी में कमरों का निर्माण करवाया।

स्रोत

स्रोत:- पुस्तक 'बुडानिया (जाट) इतिहास', 2010, लेखक बड़वा श्री शिशुपाल सिंह और महीपाल सिंह, दादिया, किशनगढ़, आजमेर-305813. Mob:9829846234, 9829807064

चित्र गैलरी

Population

As per Census-2011 statistics, Chichroli village has the total population of 1496 (of which 729 are males while 767 are females).[3]

History

Notable persons

चिचड़ोली गाँव का इतिहास

External links

References

  1. पुस्तक 'बुडानिया (जाट) इतिहास', 2010, लेखक बड़वा श्री शिशुपाल सिंह और महीपाल सिंह, दादिया, किशनगढ़, आजमेर-305813. Mob:9829846234, 9829807064
  2. https://villageinfo.in/rajasthan/jhunjhunun/khetri/chichroli.html
  3. http://www.census2011.co.in/data/village/71560-chichroli-rajasthan.html

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