Fardoda
Fardoda (फरडोदा) Pharroda (फर्रोड़ा) Farroda (फर्रोड़ा) gotra of Jats[1] live in Rajasthan.
Origin
Originated from village named Phardod.
Jat Gotras Namesake
Mention by Pliny
Pliny[2] mentions 'The Seres'....After the Attacori, we find the nations of the Phruri and the Tochari, and, in the interior, the Casiri, a people of India, who look toward the Scythians, and feed on human flesh. Here are also numerous wandering Nomad tribes of India. There are some authors who state that in a north-easterly direction these nations touch upon the Cicones11 and the Brysari.
11 See B. iv. c. 18.
History
तेजाजी के ननिहाल दो जगह थे – त्योद (किशनगढ़, अजमेर) और अठ्यासन (नागौर)। तेजाजी के पिता ताहड़ जी धौलिया का दूसरा विवाह कोयलापाटन (आठ्यासन) निवासी अखोजी (ईंटोजी) के पौत्र व जेठोजी के पुत्र करणोजी की पुत्री रामीदेवी के साथ वि.स. 1118 (=1061 AD) में सम्पन्न हुआ। इस विवाह का उल्लेख फरड़ोदों के हरसोलाव निवासी भाट जगदीश की पोथी में है। रामी देवी के कोख से तेजाजी के पाँच बड़े भाई उत्पन्न हुये – रूपजी, रणजी, गुण जी, महेशजी और नगजी। सभी भाईयों ने छोटे होते हुये भी तेजाजी को राज्य का उत्तराधिकारी स्वीकार किया यह भ्रातृ प्रेम का उत्कृष्ट उदाहरण है।
तेजाजी के द्वितीय ननिहाल अठ्यासन में फरडोद जाटों के 3 ही घर हैं। इनके पूर्वजों ने फरड़ोद गोत्र से ही नया गाँव फरड़ोद बसाकर वहीं बस गए। अठ्यासन का प्राचीन नाम कोयलापाटन था। यह गाँव 2 से 3 हजार साल पुराना बताया जाता है। ऐतिहासिक कारणों से यह गाँव उजड़ गया। गाँव के पास खाती की ढ़ानी में 8 साधू महात्माओं के धुणे थे। आठ आसनों के चलते गाँव का यह नाम अठ्यासन पड़ा। इस गाँव के मूल निवासी फरड़ोद गोत्र के जाट थे। इन्हीं फरड़ोद गोत्र के जाटों से मेघवालों की कटारिया गोत्र का उद्भव हुआ। आज भी इन दोनों के भाट एक ही हैं। बाद में फरड़ोद जाट गोत्र के लोगों ने गाँव छोड़ दिया और नया गाँव फरड़ोद बसाकर वहाँ रहने लगे।
अब यहाँ जाटों के फरड़ोद गोत्र के 3 परिवार ही हैं। इनके अलावा झिंझा व गटेला (घिटाला) गोत्री जाट यहाँ निवास करते हैं। ये तथ्य फरड़ोद गोत्र के जाटों के भाट जगदीश की पोथी में दर्ज हैं। वर्तमान में इस गाँव में छोटा सा मगर भव्य तेजाजी का मंदिर है। इसके पुजारी हरीराम झिंझा हैं। मुख्य मंदिर के पीछे एक छोटा सा प्राचीन (मान्यता अनुसार तेजाजी काल का) मंदिर है जिसमें तेजाजी और बहिन राजल की देवली हैं। यह इस गाँव की प्राचीनता तथा तेजाजीके ननिहाल की जीवटता को प्रदर्शित करता है।
संदर्भ – विश्वेन्द्र चौधरी ‘वीर तेजाजी विशेषांक’ (M:9983202007), लेखक: बलबीर घींटाला (M: 9024980515) , शोधकर्ता व लेखक – संत कान्हाराम सुरसुरा (M:9460360907)
Villages founded by Fardoda clan
- Pharrodo Ki Dhani - village in Gudha Malani Tahsil of Barmer district in Rajasthan.
Phardoda Bhat
Distribution in Rajasthan
Villages in Jaipur district
Surajpura (1)
Villages in Nagaur district
Barnel (Parbatsar), Bhakrod, Deh, Dharna Nagaur, Gajoo, Lunsara, Motoos, Mundiyar (300), Palri Jodha, Phardod, Sathani,
Villages in Tonk district
Villages in Barmer district
Villages in Chittorgarh district
Kunwaliya (1),
Notable persons
- Dr Prahlad (Sunny) Pharroda - जाट समाज के सदस्यों ने विदेशी धरती पर अपनी पहचान बहुत ही शानदार तरीक़े से बना रखी है. Terminal 6 Lounge Hotel, लंदन मे बहुत महशुर होटलों मे एक होटल है. इसके मालिक Dr Prahlad (Sunny) Pharroda और Kuldeep Rajian है। Sunny भाई गाँव परोद (Pharrod), ज़िला नागौर, राजस्थान के रहने वाले हैं ! और Kuldeep Rajian भाई गाँव धौड़, ज़िला झजजर, हरियाणा निवासी है। Sunny और Kuldeep भाईयो का जाट समाज को मज़बूत बनाने में बहुत बड़ा योगदान है ।
- मेहराम फरड़ोदा (पूर्व सरपंच) - of Gajoo village.
External Links
References
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