Jat Samaj Vikas Sansthan Churu
लेखक : प्रो. एचआर ईसराण, पूर्व प्राचार्य, कॉलेज शिक्षा, राजस्थान |
Jat Samaj Vikas Sanstha Churu is a registered organisation working for the welfare and healthy development of Jat people in Churu district, Rajasthan.
जाट समाज विकास संस्था चूरू के उद्देश्य
1. समाज में आपसी संपर्क, समन्वय, प्रेमभाव व वैचारिक समन्वय स्थापित करना।
2. जाट समाज के उत्थान के लिए जागृति पैदा करना व समाज में प्रचलित बुराइयों व कुरीतियों के उन्मूलन हेतु प्रयास करना।
3. शिक्षा का प्रचार-प्रसार व रोजगार आदि की प्रेरणा प्रदान करना।
4. जाट साहित्य के संवर्धन के प्रति रुचि पैदा करना एवं समाचार व पत्रिका आदि का प्रकाशन।
5 . प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रोत्साहन प्रदान करना।
6. छात्रावास, सामाजिक हितार्थ भवन निर्माण व अन्य सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु जाति हितार्थ कार्य करना।
7. जातीय प्रेम के साथ राष्ट्रीयता की निष्ठा, धर्मनिरपेक्षता व उच्च आदर्शों के साथ देश व समाज की शांति में भागीदार बनना। ख़राब आदतें, व्यसन व सामाजिक बुराइयां त्यागना। सभी धर्म, जाति, वर्गों में जाट जाति के प्रति आदर व प्रेम भावना संयोजित करना आदि।
जाट समाज विकास संस्था, चूरू का इतिवृत्त
चूरू जिला मुख्यालय पर समाज के सरकारी कर्मचारियों की संख्या में 1990 से हो रही बढ़ोतरी और गांवों से यहां शहर में आकर आवास बनाकर रहने का सिलसिला गति पकड़ रहा था। चूरू में समाज को राजनीतिक रूप से कमज़ोर करने की दिशा में जो चालबाजियां चली जा रही थीं, उनका मुकाबला किया जाना जरूरी था। इसके अलावा उस समय जाट जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करवाने की मांग जोर पकड़ती जा रही थी और इस मांग को पूरा करवाने का आंदोलन शुरू करने की मुहिम को गति दिया जाना आवश्यक था। इन सब स्थितियों को ध्यान में रखते हुए जाट समाज की एक संस्था के गठन पर गंभीरता से विचार किया जाने लगा। इस संबंध में समाज बंधुओं की पहली बैठक दिनांक 1.11.1992 को जैन श्वेतांबर स्कूल, चूरू में तथा दूसरी बैठक 25.12.1992 को बागला स्कूल, चूरू में आयोजित हुईं जिनमें जाट समाज की एक संस्था का निर्माण करने का निर्णय लिया गया। शुरुआत में संस्था का नाम जाट परिषद, चूरू रखने का निर्णय लिया गया परन्तु बाद में विचार- विमर्श के उपरांत 'जाट समाज विकास संस्था, चूरू के नाम से संस्था का रजिस्ट्रेशन करवाने पर सहमति बनी।
इसी क्रम में दिनांक 1.1.1993 को एक और बैठक आयोजित की गई जिसमें संस्था की कार्यकारिणी के निर्धारण के संबंध में चर्चा कर निर्णय लिया गया।
जाट समाज विकास संस्था चूरू, जिला चूरू का रजिस्ट्रेशन ( नंबर 145/ चूरू/ 92- 93) दिनांक 25 फरवरी 1993 को करवाया गया जिसकी कार्यकारिणी निम्न प्रकार गठित की गई-
1. श्री मालीराम सहाराण, अध्यक्ष
2. डॉ बी के चौधरी, उपाध्यक्ष
3. श्री रक्षपाल सिंह सिहाग, सचिव
4. श्री महावीर प्रसाद कस्वां, कोषाध्यक्ष
5. श्री हरफूल सिंह बेरवाल, संगठन सचिव
6.श्री आदूराम न्यौल, सह-सचिव
7. श्री मुखराम मील, सांस्कृतिक सचिव
संस्था के रजिस्ट्रेशन के बाद प्रबंधकारिणी की पहली बैठक दिनांक 11.4.1993 को मालजी के कमरे में आयोजित की गई जिसमें संस्था के सदस्यता अभियान को गति देने एवं चूरू में नौकरीपेशा से जुड़े और यहां आवास करने वाले सभी जाटों को संस्था की सदस्यता ग्रहण करने के लिए प्रेरित किए जाने का निर्णय लिया गया। प्रबंधकारिणी के सदस्यों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई।
संस्था का बैंक में खाता खुलवाकर संस्था के सदस्य बनाने के काम को गति दी गई। शुरुआती प्रयासों में ही सदस्य संख्या करीब 500 तक पहुंच गई।
संस्था की कार्यकारिणी की दूसरी बैठक दिनांक 11. 8. 1993 को रेस्ट हाउस, चूरू में तथा तीसरी बैठक 31. 8. 1993 को एवं इससे आगामी बैठक आगे की बढ़ता 30. 9. 1993 को आयोजित हुई। इसी क्रम में संस्था की एक विशेष बैठक 17. 10. 1993 को आयोजित की गई जिसमें संस्था की साधारण सभा की बैठक बुलाने पर विचार किया गया।
दिनांक 25.12. 1993 को संस्था की साधारण सभा की बैठक जैन श्वेतांबर विद्यालय, चूरू में वार्षिक सम्मेलन के रूप में आयोजित की गई जिसमें समाज हित के मुद्दों पर व्यापक विचार- विमर्श किया गया। संस्था की कुल सदस्य संख्या 681 तक पहुंची।
संस्था के अध्यक्ष श्री मालीराम सहारण का दिनांक 13. 4. 1994 को देहावसान होने के बाद उपाध्यक्ष डॉ बी. के. चौधरी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया।
कोषाध्यक्ष श्री महावीर प्रसाद कस्वां का दिनांक 26 . 8. 99 को देहावसान हो जाने के बाद कोषाध्यक्ष के दायित्व का निर्वहन श्री हरफूलसिंह बेरवाल को सौंपा गया।
आरक्षण आंदोलन में संस्था की अग्रणी भूमिका
जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने का राजस्थान में जो लंबा आंदोलन चला उसके अंतर्गत जाट बाहुल्य जिलों में जिला व तहसील मुख्यालयों पर जाट महासम्मेलन आयोजित करने की जो श्रृंखला शुरू की गई उसकी शुरुआत सीकर जाट महासभा के अध्यक्ष डॉ. ईश्वरसिंह नेहरा के प्रयासों से 25 दिसंबर 1995 (महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस) को सीकर में तीन लाख जाटों की प्रथम विशाल सभा के सफल आयोजन से हुई जिसमें जाट समाज विकास संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की उपस्थिति रही। इस महासम्मेलन में जाटों को ओबीसी में शामिल करवाने की आरक्षण मशाल प्रज्वलित कर इसकी ज्वाला दूसरे जिला मुख्यालयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया गया।
दिनांक 6. 1. 1996 को जाट समाज विकास संस्था की एक महत्त्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें झुंझुनू में दिनांक 28. 1. 1996 को होने वाले जाट महासम्मेलन की तैयारी के बारे में चर्चा की गई। झुंझुनूं में आयोजित हुए जाट महासम्मेलन में आरक्षण मशाल जाट समाज विकास संस्था, चूरू के पदाधिकारियों को सौंपी गई ताकि अगला महासम्मेलन चूरू में आयोजित किया जा सके।
दिनांक 13. 1. 1996 को संस्था की बैठक आयोजित की गई जिसमें चूरू जिला मुख्यालय पर 11 फरवरी 96 को होने वाले जाट महासम्मेलन के लिए एक स्मारिका प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया तथा जाट महासम्मेलन के लिए धन संग्रह के लिए एक कमेटी निम्नानुसार गठित की गई:
2. श्री महावीर प्रसाद कस्वां
3. श्री शिवराम पूनियां
4. श्री इंद्राज सिंह पूनियां
5. श्री हरफूल सिंह बेरवाल
दिनांक 20. 1. 1996 को संस्था की एक और बैठक आयोजित की गई जिसमें चूरू जिला मुख्यालय पर जाट महासम्मेलन आयोजन की समुचित तैयारी करने हेतु तुरंत प्रभाव से एक कार्यालय स्टेशन रोड पर पुराने बस स्टैंड के सामने स्थित श्री चिमनाराम चौधरी की दुकान में खोलने का निर्णय लिया गया।
चूरू जिला मुख्यालय पर जाट समाज विकास संस्था के तत्वावधान में दिनांक 11.2. 1996 को चूरू जाट महासम्मेलन आयोजित किया गया। लोहिया कॉलेज के खेल ग्राउंड (जहां वर्तमान में स्वामी गोपाल दास कन्या महाविद्यालय स्थित है) वहां पर जाट समुदाय की एक विशाल सभा डॉ ज्ञान प्रकाश पिलानिया के सानिध्य में संपन्न हुई जिसमें जाटों को ओबीसी में शामिल कर आरक्षण का लाभ देने की पुरज़ोर मांग करते हुए हुंकार भरी गई।
संस्था की कार्यकारिणी की दिनांक 8 .12. 1996 को जो बैठक आयोजित हुई उसमें यह प्रस्ताव रखा गया कि समाज के कुछ सक्रिय युवाओं द्वारा संचालित युवा जाट क्लब बतौर संस्था के अपना रेजिस्ट्रेशन करवाना चाहता है। इस पर यह निर्णय लिया गया कि अगर युवा जाट क्लब अपना रजिस्ट्रेशन एक संस्था के रूप में करवाता है तो यह संस्था सहयोग करेगी।
दिनांक 21. 3. 1997 को संस्था की एक महत्त्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें संस्था के भवन हेतु भूमि क्रय करने हेतु एक कमेटी गठित कर उसको आगामी कार्यवाही करने के लिए अधिकृत किया गया। कमेटी ने बिजली बोर्ड ऑफिस,चूरू के सामने रेलवे लाइन के पार एक भूखंड क्रय किया जिस पर कुल राशि ₹ 1,14, 545/- व्यय हुई। भूखण्ड की रजिस्ट्री दिनांक 5. 5. 1997 को निष्पादित की गई। दिनांक 2. 8.97 को संस्था की बैठक में कमेटी ने संस्था के भवन हेतु भूमि क्रय कर लिए जाने की सूचना साझा की। कार्यकारिणी की एक और बैठक दिनांक 13. 9. 98 को शिक्षक भवन, चूरू में आयोजित की गई।
चूंकि समाज के पास बैठक करने के लिए अपना कोई स्थान नहीं था, इसलिए बैठकों के लिए इधर-उधर स्थान तलाशना पड़ता था। बाबा हुणताराम को सैनिक बस्ती से उनके रहवास के स्थान से बेदख़ल करने की जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के बाद संस्था ने अपनी कई बैठकें बाबा की कब्जासुदा भूमि पर निर्मित वीर तेजा मंदिर के खुले प्रांगण में करना शुरू कर दिया। इसी खुले प्रांगण में दिनांक 7. 2. 99 को जो बैठक आयोजित हुई जिसमें जाट आरक्षण की मांग करते दिनांक 21. 2. 99 को राजगढ़ में होने वाले जाट महासम्मेलन को सफल बनाने हेतु विचार- विमर्श किया गया।
संस्था का ऑनलाइन अपडेशन
कई वर्षों तक संस्था की गतिविधियां विभिन्न कारणों से ठप्प रहीं। दिनांक 30. 4 . 1923 को इस संस्था के ऑनलाइन अपडेशन करवाने की प्रक्रिया नियमानुसार सम्पन्न की गई जिसमें कार्यकारिणी के पदाधिकारी निम्नानुसार दर्ज़ किए गए:-
डॉ बी. के. चौधरी, अध्यक्ष
श्री रक्षपाल सिंह, सचिव
श्री हरफूल सिंह बेरवाल, कोषाध्यक्ष
[[Adu Ram Nyol|श्री आदूराम न्यौल, उप सचिव
संस्था के नवीनीकरण के बाद ही इसका बैंक एकाउंट जो कि कई सालों से बंद पड़ा था, उसको एक्टिवेट करवाया जा सका।
संस्था को सक्रिय करने की क़वायद
चूरू में जाट समाज की सबसे पुरानी यह संस्था कतिपय कारणों से कई वर्षों तक निष्क्रियता के दौर से गुजर रही थी। यह संस्था जीवंत होकर समाज के उत्थान की दिशा में आगे सार्थक प्रयास करे, इसके लिए जरूरी समझा गया कि ज्यादा से ज्यादा अनुभवी एवं ऊर्जावान समाज बंधुओं को संस्था का सदस्य बनाकर समाज के विकास को गति प्रदान की जावे।
संस्था की कार्यकारिणी की दिनांक 30- 4-2024 और 16- 6-2024 को वीर तेजा भवन में आयोजित बैठक में संस्था को सक्रिय करने के लिए सदस्यता अभियान चलाकर सदस्यता नवीनीकरण एवं नए सदस्य बनाने पर विचार- विमर्श कर संस्था का सदस्यता शुल्क शुरुआत के ₹ 21से बढ़ाकर ₹ 500/- तय किया गया। जिन सदस्यों ने पूर्व में ₹ 21 मात्र जमा करवाकर सदस्यता ग्रहण कर रखी है उनको ₹ 480/- जमा करवाकर सदस्यता का नवीनीकरण करवाना होगा। सदस्यता नवीनीकरण की अंतिम तिथि 15 अगस्त तय की गई। इस संबंध में एक विज्ञप्ति दैनिक भास्कर अख़बार में प्रकाशित करवाई गई जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि जो पूर्व के सदस्य 15 अगस्त 2024 तक अपनी सदस्यता का नवीनीकरण नहीं करवाएंगे उनके नाम संस्था की सदस्यता सूची से स्वतः ही निरस्त समझे जावेंगे। इस तिथि के बाद संस्था का सदस्य बनना चाहता है तो उसको नई सदस्यता ग्रहण करने का फॉर्म भरकर ₹ 500/- सदस्यता फीस जमा करवानी होगी।
संस्था का सदस्यता अभियान 17 जून 2024 से चलाया गया। संस्था के पूर्व के कुल 681 सदस्यों में सिर्फ़ 86 सदस्यों ने दिनांक 15 अगस्त 2024 तक अपनी सदस्यता का नवीनीकरण करवाया। इन 86 सदस्यों एवं संस्था से जुड़े नए सदस्यों को मिलाकर दिनांक 10. 11. 2024 तक संस्था की कुल सदस्य संख्या 1280 पहुँच चुकी थी।
प्रतिभा सम्मान समारोह-03.11.2024
चूरू तहसील के जाट समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित करने के बारे में विचार- विमर्श करने हेतु वीर तेजा भवन में दिनांक 22. 9. 2024 को समाज की विस्तारित बैठक आयोजित की गई। इसमें दिनांक 3 नवंबर 2024 को वीर तेजा भवन, चूरू में जाट समाज विकास संस्था, चूरू के तत्वावधान में आयोजित होने वाले प्रतिभा सम्मान समारोह के आयोजन से संबंधित सभी तैयारियां करने का जिम्मा प्रो. हनुमाना राम ईसराण, श्री सोहनलाल फगेड़िया एवं श्री रामकुमार खीचड़ को सौंपा गया। भवन में समारोह आयोजन के लिए सीमित स्थान की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए सम्मानित की जाने वाली प्रतिभाओं के लिए सर्वसम्मति से क्राइˈटिअरिया तय किए गए और निम्नलिखित चार केटेगरी के अंतर्गत आने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया :
1. आल इंडिया सिविल सर्विसेज, (ICS ), राजस्थान प्रशासनिक सेवा( RAS), सैन्य भर्ती सेवाओं ( Defence services), केंद्रीय सरकार और राज्य सरकार की सेवाओं में राजपत्रित अधिकारी/ फर्स्ट ग्रेड पदों पर चयनोपरांत ड्यूटी जॉइन कर चुके युवक- युवती।
2. NEET, IIT JEE, CLAT) के माध्यम से सरकारी मेडिकल, इंजिनीएरिंग कॉलेज, इंस्टीट्यूट (जैसे IIT, NIT, IIIT) , लॉ यूनिवर्सिटी में तथा इंडियन कौंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन (ISER), नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च(NISER) में सरकारी सीट पर एडमिशन प्राप्त करने वाले विद्यार्थी।
3. भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा मान्यता प्राप्त खेल संगठन/ संस्था द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की खेलकूद प्रतियोगिताओं में पदक विजेता एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता में भाग ले चुके खिलाड़ी।
4. कृषि में नवाचार या अनुपम वीरता प्रदर्शित करने वाली शख्सियत सहित ऐसी कोई प्रतिभा जिसने किसी क्षेत्र में कोई बहुचर्चित विशेष उपलब्धि अर्जित कर समाज को गौरवान्वित किया हो।
जाट समाज प्रतिभा सम्मान समारोह -2024 दिनांक 3 नवंबर 2024 को वीर तेजा भवन, चूरू में जाट समाज विकास संस्था, चूरू के अध्यक्ष डॉ बी. के. चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया जिसमें समाज की 71 प्रतिभाओं को सम्मान पत्र, मैडल एवं प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि चूरू लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री राहुल कस्वां, अति विशिष्ट अतिथि तारानगर विधायक श्री नरेंद्र बुडानिया, प्रेरक वक्ता शिक्षाविद प्रोफेसर हनुमाना राम ईसराण, विशिष्ट अतिथि तारानगर पंचायत समिति प्रधान श्री संजय कस्वां, चूरू पंचायत समिति के पूर्व प्रधान श्री रणजीत सातड़ा, चूरू पंचायत समिति में नेता प्रतिपक्ष श्री धर्मेंद्र बुडानिया, जाट समाज विकास संस्था के सचिव श्री रक्षपाल सिंह सिहाग थे। प्रतिभा सम्मान समारोह समिति के संयोजक श्री सोहनलाल फगेड़िया ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत उद्बोधन देते हुए समारोह की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन श्री बेगराज कस्वां ने किया।
साधारण सभा की बैठक - 10.11.2024
चूरू जिले की सबसे पुरानी संस्था जाट समाज विकास संस्था, चूरू की साधारण सभा की बैठक दिनांक 10.11.2024 को वीर तेजा भवन, चूरू में आयोजित हुई जिसमें जिले की विभिन्न तहसीलों से सदस्यों ने उपस्थित होकर बैठक की गरिमा बढ़ाई। बैठक की अध्यक्षता डॉ बीके चौधरी ने की तथा बैठक की कार्यवाही का संचालन सचिव श्री रक्षपाल सिंह सिहाग ने किया। बैठक का कोरम पूरा होने के बाद बैठक के एजेंडा पर क्रमवार चर्चा कर उनका अनुमोदन किया गया। बैठक में संस्था की कार्यकारिणी के विगत फैसलों, सदस्यता अभियान के फलस्वरूप बने संस्था के कुल 1280 सदस्यों की सूची एवं आय-व्यय के विवरण का अनुमोदन किया गया।
बैठक के सबसे महत्त्वपूर्ण एजेंडा था संस्था की नई कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का चुनाव जो कि चुनाव अधिकारी श्री हवासिंह सहारण की उपस्थिति में संपन्न हुआ। तत्पश्चात संस्था के अध्यक्ष डॉ बीके चौधरी ने वर्तमान कार्यकरिणी को नई कार्यकारिणी के पदधिकारियों का निर्वाचन सम्पन्न किए जाने के अधीन भंग करने की घोषणा की। बैठक में कई सदस्यों द्वारा अपने विचार प्रकट किए जाने के बाद प्रो. हनुमाना राम ईसराण ने इस बात पर जोर दिया कि समाज में एकजुटता का भाव पुख्ता रहे और बाहर भी एकजुटता का संदेश पहुंचे इसके लिए पदाधिकारियों का निर्वाचन निर्विरोध किया जाना जरूरी है। हमारी राजनीतिक विचारधार विचारधाराएं, हमारी व्यक्तिगत सोच अलग हो सकती है, हमारे व्यक्तिगत पसंद- नापसंदगी अलग हो सकती है, पर समाज के व्यापक हित के लिए हम सबको एक राय होकर संस्था को मजबूती देने का सद्प्रयास सदैव करना चाहिए। संस्था की ताकत समाज की ताकत से ही बढ़ती है। समाज की एकजुटता और सहयोग से ही संस्था में ताकत का संचार होता है। इन बातों को रेखांकित करते हुए प्रो. हनुमाना राम ईसराण ने संस्था के अध्यक्ष पद के लिए श्री सोहनलाल फगेड़िया, सेवानिवृत्त सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर, का नाम प्रस्तावित किया जिसका समर्थन श्री सांवरमल बुडानिया ने किया। सभा में उपस्थित सभी सदस्यों ने करतल ध्वनि से एक राय होकर श्री सोहनलाल फगेड़िया जी को अध्यक्ष पद पर निर्वाचित करने का समर्थन एवं स्वागत किया। अन्य कोई प्रस्ताव नहीं आने पर चुनाव अधिकारी श्री हवासिंह सहारण ने श्री सोहनलाल फगेड़िया जी को विधिवत रूप से अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने की घोषणा कर निर्वाचन प्रमाण पत्र निवर्तमान पदाधिकारियों की मौजूदगी में सौंपा गया। कोषाध्यक्ष पद पर श्री हरफूल सिंह बेरवाल का नाम श्री विजयपाल लाम्बा ने प्रस्तावित किया तथा समर्थन श्री विजयपाल धुंवा सहित नवनिर्वाचित अध्यक्ष समेत अन्य सदस्यों ने किया। निर्वाचन अधिकारी ने कोषाध्यक्ष पद पर श्री हरफूल सिंह बेरवाल के निर्वाचन की घोषणा कर उनको निर्वाचन प्रमाण पत्र सुपर्द किया।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने नई कार्यकारिणी के अन्य पदों पर और सदस्यों के चयन का अधिकार नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री सोहनलाल फगेड़िया जी को सौंप दिया ताकि अनुभव और उम्र के बेहतरीन संयोजन से परिपूर्ण एक संतुलित टीम का गठन कर सकें।
जाट समाज विकास संस्था, चूरू की प्रबंधकारिणी
जाट समाज विकास संस्था, चूरू की प्रबंधकारिणी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों समेत नई कार्यकारिणी के गठन का स्वरूप निम्नानुसार है:-
प्रबंधकारिणी के पदाधिकारी
1. श्री सोहनलाल फगेड़िया, अध्यक्ष
2. श्री राम कुमार खीचड़, उपाध्यक्ष
3. श्री विजयपाल सिंह लांबा, सचिव
4. श्री हरफूल सिंह बेरवाल, कोषाध्यक्ष
5. श्री बेगाराम मील थालौड़ी, सहसचिव
6. श्री विजयपाल धुंवा, संगठन सचिव
7. श्री रणजीत कड़वासरा, सांस्कृतिक सचिव
प्रबंधकारिणी के सदस्य
1. श्री भंवरलाल समोता, सुजानगढ़ तहसील
2. श्री मुकुंदाराम नेहरा, रतनगढ़ तहसील
3. श्री इंद्राराम राव, सरदारशहर तहसील
4. श्री जीताराम जान्दू, तारानगर तहसील
5. श्री राजपाल सियाग, राजगढ़ तहसील6. श्री भंवरलाल कस्वां, चूरू तहसील
7. श्री बेगराज कस्वां
8. श्री शीशपाल पूनियां
9. श्री महेंद्रपाल सिंह सिहाग
10. श्री चेतराम सहारण
11. श्री रमेश पूनियां
12. श्री रघुवीर सहारण
संस्था की नई प्रबंधकारिणी की पहली बैठक दिनांक 28 नवंबर 2024 को वीर तेजा भवन में आयोजित की गई जिसमें संस्था के आगामी वर्षों के एक्शन प्लान पर विचार- विमर्श किया गया।
संरक्षक मंडल का गठन
संस्था की नई प्रबंधकारिणी की पहली बैठक दिनांक 28. 11. 2024 को वीर तेजा भवन में आयोजित की गई जिसमें संस्था के आगामी वर्षों के एक्शन प्लान पर विचार- विमर्श किया गया। महत्त्वपूर्ण व तात्कालिक आवश्यकता वाले मसलों पर समाज के अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन लेने एवं संस्था के संरक्षण हेतु संरक्षक मंडल का गठन निम्नानुसार किया गया:
1. डॉ. बी के चौधरी
2. प्रो. हनुमाना राम ईसराण
3. श्री आदूराम न्यौल
4. डॉ राहुल कस्वां
5. श्री किसना राम बाबल
6. श्री सांवरमल बुडानिया
7. श्री मोहनलाल गढ़वाल
8. श्री रणवीर सिंह कस्वां
9. श्री रामावतार भाम्भू
नोट: संस्था का यह इतिवृत्त संस्था के प्रामाणिक रिकॉर्ड के आधार पर लिपिबद्ध किया गया है।
✍️ प्रो. हनुमानाराम ईसराण
पूर्व प्राचार्य, कॉलेज शिक्षा, राज.
लक्ष्मण जी महला को श्रद्धांजलि अर्पित की गई
वीर तेजा भवन, चूरू में दिनांक 10 दिसम्बर को स्व. लक्ष्मण राम महला निवासी -रैयाटुंडा ( तारानगर) हाल निवास-- गायत्री नगर, चूरू को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु सभा का आयोजन किया गया। सभा में प्रो. एच. आर. ईसराण, सर्व श्री सोहनलाल फगेड़िया, आदूराम न्यौल, डॉ राहुल कस्वां, रामावतार भाम्भू, मुकुंदाराम नेहरा, रणवीरसिंह कस्वां, रामरतन सिहाग, भँवरलाल कस्वां आदि ने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि स्मृतिशेष लक्ष्मण राम जी महला की एक समर्पित और श्रेष्ठ समाजसेवी के रूप में पहचान रही है। उन्होंने समाज के उत्थान और कुरीति निवारण हेतु जीवनभर प्रयास किए। सभा में स्व. महला जी के परिजन भी उपस्थित थे।
सामाज हित के विभिन्न कार्यों का व्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करने हेतु स्व. महला जी ने जाट कीर्ती संस्थान, चूरू का गठन कर मंत्री पद का दायित्व ग्रहण किया। उन्होंने जिला स्तरीय कई प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किए। उन्होंने जिले की सभी तहसीलों में बौद्धिक सम्मेलन आयोजित किए। वे कहा करते थे कि सामाजिक कुरीतियों के निवारण और फिजूलखर्ची रोके बिना समाज का उत्थान नहीं हो सकता।'जाट कीर्ति संस्था' की ओर से "उद्देश्य" स्मारिका का प्रकाशन करवाया।
30 अगस्त 2017 को रतनगढ़ में जाट कीर्ति संस्थान के तत्वावधान में बीकानेर संभाग में शिक्षा और संघर्ष के सौ साल के इतिहास को केंद्रबिंदु में रखकर संभाग स्तर का समारोह सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस अवसर पर "समाज जागृति के सौ साल: बीकानेर संभाग में शिक्षा और संघर्ष का संक्षिप्त इतिहास" शीर्षक से एक पुस्तक प्रकाशित की गई।
◆ चूरू में स्थित झुग्गियों में रहने वाले शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए शुरू की गई आपणी पाठशाला एवं दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित स्कूल का सुव्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार के नियमानुसार समुचित संस्था का गठन एवं पंजीयन आपके सक्रिय मार्गदर्शन एवं सतत सहयोग से ही संभव हो सका है।
◆ मधुर स्पेशल शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान, चूरू को एक बीघा भूमि श्री हनीफ़ खां क्यामखानी से दान में दिलवाने में आपने प्रेरक की भूमिका निभाई है। उक्त भूमि पर भवन का शिलान्यास भी आपकी अगुवाई एवं मार्गदर्शन में 2018 को किया गया तथा भवन निर्माण हेतु भी आपने ही दानदाताओं को प्रेरित किया है।
◆ स्व महला जी की प्रेरणा से श्री प्रेम सिंह सिहाग, सेवानिवृत्त पटवारी, द्वारा तारानगर में छात्रावास एवं समाज के भवन के लिए एक बीघा भूमि दान की है। लक्ष्मण राम जी महला जैसी सक्रिय एवं अनुभव से समृद्ध शख्सियत जाट समाज में है, समाज के लिए यह गौरव की बात है। सामाजिक गतिविधियों एवं समाजोत्थान के कार्यों में पूरी सक्रियता से जुटे रहना और मनोयोग से समाजोपयोगी कार्यों को दक्षता से संपादित करना आपके व्यक्तित्व की ख़ूबी है।
सामाजिक जागरूकता के कामों को परवान पर चढ़ाने के सिलसिले में आप सारे राजस्थान में घूमे। उम्र की ढलान पर ही भी कहीं भी समाज की ओर से कोई सम्मेलन या गोष्ठी होती है तो आप येनकेन पहुंच ही जाते थे। अपनों से स्नेह रखने वालों के यहाँ आप अपनी सहूलियत को दरकिनार कर हर शुभ-अशुभ मौके पर पहुंचकर अपनत्व का भाव दर्शाते थे।
इस अवसर पर वीर तेजा भवन की भूमि समाज को समर्पित करने वाले बाबा हुणताराम की पुण्यतिथि भी मनाई गई। सभा में बाबा हुणताराम को भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर समाज को उनके द्वारा दिए गए योगदान का स्मरण किया गया। समाज की दोनों पुण्यात्माओं को श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में सर्व श्री विजयपाल लाम्बा, हरफूल सिंह बेरवाल, सांवर मल बुडानिया, किसना राम बाबल, भागीरथ पूनियां सहित बड़ी संख्या में समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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