Kubia

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(Redirected from Koobiya)
Author:Mukanda Ram Nehra, Principal (R)

Villages around Lunkaransar in Bikaner district
Garabdesar-Kalu-Koobiya-Adsar-Khapharsar-Nakodesar-Ghadsisar-Ladhriya in Bikaner

Kubia (कूबिया) or Koobiya is a village in Lunkaransar tehsil of Bikaner district in Rajasthan.

Location

कूबिया गाँव नकोदेसर और गारबदेसर के बीच स्थित है।

Kubia village is located in Lunkaransar tehsil of Bikaner district in Rajasthan, India. It is situated 45km away from sub-district headquarter Lunkaransar. It comes under Koobiya Panchayath. It belongs to Bikaner Division . It is located 90 KM towards East from District head quarters Bikaner. 285 KM from State capital Jaipur. Koobiya Pin code is 334602 and postal head office is Kalu. Adsar ( 14 KM ) are the nearby Villages to Koobiya.[1]

Founders

Jat gotras

History

कूबिया गाँव गारबदेसर पंचायत का प्राचीन गाँव है। गाँव के कुए की नाल 500 वर्ष पुरानी बताई जाती है। महाराजा गंगा सिंह ने यह गाँव चारणों को दान में दिया था। यहाँ के चारणों में से स्योदान सिंह चारण उल्लेखनीय था। गाँव में पानी के अच्छे स्रोत थे इसलिए पशु पालकों के लिए यह क्षेत्र बहुत उपयुक्त था। श्योदान सिंह चारण पशुपालक व ग्रामीणों से कर वसूलता था और उनके साथ कड़ाई से पेश आता था। संवत 2016 (1959 ई.) में श्योदान सिंह की हत्या हो गई तबसे यह गाँव उजड़ गया। श्योदान सिंह को गाँव में भोमिया के रूप में पूजा जाता है यहाँ उनका एक थान बना हुआ है जहां ग्रामीण लोग पशु की बीमारी आदि में धोक लगाते हैं। गाँव की 6000 बीघा जमीन में अलग-अलग जातियाँ खेती करती हैं। गाँव में पुनः बिरमसर रतनगढ़ निवासी चौधरी चंद्राराम नेहरा संवत 2026 (1969 ई.) में आकर बसे उन्होंने गाँव के कुए का जीर्णोद्धार करवाया और उनके परिवार ने यहाँ पक्का मकान बनाया। वर्तमान में उनके परिवार के पास 1000 बीघा जमीन है। इनके परिवार ने शिक्षा, व्यापार, कृषि आदि में उल्लेखनीय कार्य किया। व्यापार में इस परिवार ने कालू, लूणकरणसर, जयपुर आदि में प्रतिष्ठान स्थापित किए। गाँव में प्राथमिक विद्यालय है और सड़क मार्ग से जुड़ा है।

कूबिया के नेहरा परिवार

चन्द्रा राम नेहरा ने जिला चूरू के बीरमसर गाँव से आकर कूबिया में जमीन खरीदी। चन्द्रा राम नेहरा बड़े निर्भीक व साहसी पुरुष थे। इनका जन्म गांव हरसावा बड़ा (सीकर) में पिता गोधूराम‌ के घर में जन्म हुआ था। हरसावा बड़ा पुराना गांव था जहां से गांव बीरमसर (जिला चूरू) में आकर बस गए। आपके आठ लड़के व एक लड़की थी। बड़ी लड़की केसी (केशर) व जगनाराम का जन्म हरसावा बड़ा में हुआ। हरसावा से बीरमसर डूंगरी के पास खेत जोतते थे। फिर विक्रम संवत 1994-95 के आसपास वर्तमान बीरमसर के मूल खेत में ढाणी बना कर रहने लगे। बीरमसर में कुंऐ के पास विक्रम संवत 2000 में स्थाई रूप से रहने लगे। बाकी शेष संतानों का जन्म बीरमसर में हुआ।

कुबिया गांव में जमीन विक्रम संवत 2023 में एक साथ 323 बीघा खरीदी। इसके बाद अन्य जमीन खरीदी गई। कुबिया उजड़ हुआ गांव था। शुरुआत में खेत के बीच में ढाणी बना कर रहने लगे। इसके निकट का गांव खाफरसर में विक्रम संवत 2024-25-26 में घर बना कर रहे। चौमासे में खेत कुबिया की रोही ढाणी में रहने लगे। कुबिया गांव में विक्रम संवत 2026 में पक्का मकान बनाया तथा विक्रम संवत 2027 में कुएं की नाल ठीक करवायी तथा कुएं से पानी निकालने लगे।

कुबिया गांव को पुनः आबाद करने वाले चंद्राराम नेहरा थे। तत्पश्चात पास के गांव में बसे हुए कस्वां (खाफरसर), कुम्हार (खाफरसर) से आकर बस गए।

चन्द्रा राम नेहरा उदार प्रकृति के थे अपने कुछ रिश्तेदार जो भूमिहीन थे उनको जैसे दानाराम चबरवाल (रतनसरा) तहसील रतनगढ़ से ईशरराम नैण (टिडियासर) को कूबिया में बसाया। वर्तमान में कुबिया में 40 घर है। जिसमें जाट (नेहरा, नैण, कस्वां, मूंड़, चबरवाल) गौत्र निवास करते हैं। मूंड हंसासर (रतनगढ़) और महला नाथूसर (लूणकरणसर) से आकर बसे. इनके अलावा माली, राजपूत, गुंसाई, मेघवाल, ब्राह्मण जातियां रहती हैं।

कुबिया में प्राथमिक विद्यालय है। बिजली पानी की अच्छी सुविधा है। सड़क मार्ग से गारबदेसर, कालू, बीकानेर, जयपुर से जुड़ा हुआ है। बीकानेर व जयपुर के लिए सीधी बस सेवा है। गांव में वर्तमान में बिजली के ट्यूबवेल है। गांव में सबसे पहला ट्यूबवेल स्व.गणेश देव नेहरा ने लगाया था।

कुबिया छोटा गांव होने के कारण रोजगार के साधन नहीं होने के कारण जनसंख्या वृद्धि नहीं हुई। लोग रोजगार की तलाश में कस्बों व शहरों की ओर पलायन करने लगें। गांव में पशु धन व कृषि का कार्य किया जाता है। गांव में एक मात्र दुकान व दुध का पोंईट के प्रोपराइटर श्री शिवलाल नेहरा ने पिछले 40 साल से दुकान कर रखी है। इससे पहले आटा चक्की की दुकान थी।

चन्द्रा राम नेहरा की कुल आठ संतानों में स्व.जगनाराम, स्व.रामकुवार,स्व.गणेशदेव , मनीराम, पिथाराम, शिवलाल, चुन्नीलाल की खेती की जमीन व उनके परिवार का घर कुबिया में स्थायी/अस्थाई रूप से निवास करते हैं। मुकन्दाराम नेहरा का परिवार बीरमसर में खेती की जमीन स्थायी रुप में निवास करते हैं।

नेहरा वंशावली का हरसावा बड़ा से बीरमसर से कुबिया व इससे आगे भी विस्तारित हुईं हैं।

Population

गाँव की जनसंख्या लगभग 350 है। गाँव में मदन लाल माली, लिछमन राम कसवा, चब्बरवाल, नैण, मूण्ड, नेहरा, कुम्हार, राजपूत, जाट, मेघवाल, ब्राह्मण, गुसाईं आदि जातियाँ निवास करती हैं।

Notable persons

  • दयालदास - बीकानेर रा राठौड़ा री ख्यात (दयालदास री ख्यात) के लेखक दयालदास कूबिया गाँव के रहने वाले थे। बीकानेर रियासत के इस गाँव में उनका जन्म 1798 ई में हुआ था। 93 वर्ष की आयु में वर्ष 1891 ई में उनका निधन हो गया। बीकानेर रियासत के शासक रतनसिंह के दरबारी कवित दयालदास द्वारा रचित दो खंडों के इस ग्रंथ में जोधपुर व बीकानेर के राठौड़ शासकों के प्रारंभ से लेकर बीकानेर महाराजा सरदारसिंह तक की घटनाओं का वर्णन है।
  • भँवर लाल नेहरा - बीकानेर में लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। दयालदासरी ख्यात : बीकानेररै राठोड़ांरी ख्यात (Dayāladāsarī khyāta : Bīkānerarai Raṭhoṛāṃrī khyāta): सिंढायच दयालदास कृत ; प्रधान संपादक दशरथ शर्मा ; सहकारी संपादक, दीनानाथ खत्री, जसवन्तसिंह, प्रकाशक: बीकानेर : अनूप संस्कृत पुस्तकालय, 2005 [1948 or 1949]
  • शिवलाल नेहरा - आपने गाँव में उल्लेखनीय कृषि सुधार कार्य किया।
  • चौधरी चंद्रा राम नेहरा - आपने गाँव में कुए का जीर्णोद्धार करवाया और यहाँ पक्का मकान बनाया।
  • गणेश देव नेहरा (1.2.1951-13.11.2017) - (सेवा निवृत पुलिस निरीक्षक) ने गाँव में उल्लेखनीय कृषि सुधार कार्य किया।
  • स्व जगनाराम नेहरा - संघर्ष शील सामाजिक कार्यकर्ता और कृषि विकास में योगदान
  • पिथाराम नेहरा - पशुपालन और कृषि विकास में योगदान

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References


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