Nainwa Bundi
Note - Please click → Nainwa for details of similarly named villages at other places.
Nainwa is tahsil in Bundi, Rajasthan.
Origin
It gets name after its ruler Nain Singh Dahiya.
Villages in Nainwa tahsil
Antarda, Aon Ka Khera, Aranya, Ariyali, Arjunpura, Arnetha, Bachhola, Bagera, Balapura, Balapura, Bamangaon, Bambooli, Bansi, Bansi, Bansoli, Banthali, Baori, Bari Parap, Batawadi, Beejalwa, Beejanta, Bhainson Ka Nayagaon, Bhajneri, Bhamar, Bhandera, Bhanwarkhol @ Arjunpura, Bhaopura, Bhawanipura, Bheemganj, Bhompura, Biharipura, Bishanpura, Boodhkarwar, Borda, Chainpuriya, Chawandpura, Chhotiparap, Chipalta, Dakoon, Dalelpura, Dei, Delpura, Deopura, Deopura, Deopura, Deopura, Deori Barwa, Dewarya, Dhadhoon, Dhanoogaon, Dheerpur, Dodi, Dugari, Fatehganj, Fatehpura, Gadarya, Gambheera, Gambheeri, Ganeshpura, Gaonri, Gobalya, Goojarya Khera, Gudali, Gurha Gopalji, Gurha Sadavartian, Gurhadeoji, Gurjaniyan, Haripura, Heerapur, Heerapur, Hirapur, Jagdishpura, Jagmunda, Jajawar, Jarkhoda, Jeewanpura, Jetpur, Kalamal, Kalanala, Kalmiya, Kalyani Khera, Kanakpura, Kankariya, Kareeri, Karwar, Kashipura, Kedara Ki Jhopdiyan, Kemla, Kethooda, Khajoora, Khajoori, Khanika @ Deopura, Khanpura, Khaspuriya, Kheri, Kheroona, Kholara, Khori, Khuri, Kishanganj, Kolahera, Korma, Kotri, Kumhariya, Kushalipura, Lalganj, Lamba Barda, Laxmipura, Leelda, Luharpura, Mahaveerpura, Malera, Manak Chowk, Mandpur, Mani, Manpura, Manpura, Manpura, Maran, Medhakpura, Meenon Ki Jhonparyan, Mena, Modsa, Mohabbatpura, Moondli, Motipura, Murdiya, Naharganj, Nahri, Nainwa (M), Nandgaon, Nathra, Nathri, Nayagaon @ Ramganj, Nayagaon @ Ratanganj, Neem Khera, Pai, Pandoola, Pandoola, Peepalya, Peeparwala, Peeparwala, Phalasthooni, Phatookara, Phuleta, Phuleta @ Lachhmiganj, Raghunathpura, Rajlawata, Ralri, Ramganj, Ramgarh, Rampuriya, Rashali, Rethoda, Rughnathganj, Sabalpura, Sadera, Sagatpura, Sameedhi, Sandeela, Sangoda, Sasti, Seesola, Shahan, Sheriya, Shivdanpura, Shivpura, Shreepura, Soonsa, Soonsadiya, Soorli, Sunthli, Surgali, Suwansara, Suwanya, Takla, Talwas, Topa, Ugen, Uransi,
Jat gotras
History
नैनवा का दहिया जाट राज्य
लेखक: मानवेन्द्र सिंह
बूंदी और टोंक जिले के मध्य नैनवा नाम की रियासत दहिया जाटों की 12-13 वी सदी में मोजूद थी , वंश भास्कर के अनुसार यहाँ भीम सिंह दहिया का शासन था । प्रारम्भ में यह दहिया राज्य वर्तमान टोंक जिले में था टोडा, पीपलू, देवली, मालपुरा इनके प्रमुख केंद्र थे इस क्षेत्र में आज भी भीम सिंह दहिया के वंशज जाट निवास करते है । राजा भीम के समय में नैनवा बूंदी के अधीन आता था मीनाओं के इतिहास से पता चलता है कि उषारा गोत्र के मीना बूंदी के क्षेत्र पर शासन करते थे । 12 की सदी के अंत में भीम सिंह दहिया ने यह क्षेत्र मीनों को परास्त कर अपने अधीन कर लिया था । दहिया विजित क्षेत्र (नैनवा) के अतिरिक्त बूंदी के अन्य क्षेत्रो पर उषारा गोत्र के मीणों का ही शासन था ।
नैनवा के नामकरण के पीछे दो मत प्रचलित है । प्रथम मतानुसार राजा भीमसिंह दहिया के पुत्र नैनसिंह दहिया के नाम से यह जगह नैनवा कहलाई थी । द्वितीय मतानुसार किले के चारो तरफ पानी होने के कारन इसका जगह का नाम नैनवा पड़ना बताते है । लेकिन प्रथम मत ही तर्क संगत प्रतीत होता हैं कि नैन सिंह दहिया के नाम से यह जगह नैनवा कहलाती है ।
दहिया जाटों से युद्ध में परास्त होने पर मीना यहाँ से बूंदी शहर की तरफ चले गये जहाँ उनका 1384 ईस्वी तक शासन रहा था ।
मुगलकालीन इतिहासकार मुहणोत नेणसी ने अपनी ख्यात में लिखा हैं की देवा हाड़ा भैंसरोड (भैंसरोड़गढ़) नामक स्थान पर रहता था | सन 1384 ईस्वी में उसारा गोत्र के मीना राजा बूंदा को धोखे से मार कर देवा ने हाडा वंश की नीव रखी थी । तब नैनवा और टोंक पर बल्लन दहिया का राज्य था जो भीम सिंह का पोत्र था वंश भास्कर के अनुसार देवा हाडा और बल्लन के मध्य युद्ध हुआ बल्लन दहिया इस युद्ध में देवा हाडा से युद्ध करते हुए अपने परिवार सहित मारा गया |
आज भी इस क्षेत्र में दहिया जाट 30 से ज्यादा गाम में निवास करते है जिनमे से कुछ के नाम नीचे दिए है यह सभी दहिया जाट राजा भीम सिंह दहिया के वंशज है आज़मपुरा, बहाड़, भगवानपुरा, भगवानपुरा डिग्गी, छूली, ढुन्डिया, गांता, गुरुदयालपुरा, गोरधनपुरा, जानकीपुरा, कल्याणपुरा बगडी, डोड़वाड़ी, बोंरखण्डी, नुक्कड़, पहाड़ी, रामनगर अलियारी, सन्देडा, संडीला, श्रीनगर, माधो का बास, नयागांव, नथमलपुरा, शिवाड, लखनपुर ।