Nawal Kishor Godara

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Nawal Kishor Godara

Nawal Kishor Godara is a social worker, a great donor, a Philanthropist and a businessman in South Africa in Kinshana Rd., Congo Handling Reetu Group Kinshasa as MD. He is from village Bhiyar in Sheo Tehsil of Barmer district in Rajasthan.

Rural Rockstars: Naval Godara

Naval Kishore Godara

India-today[1] published a story on September 8, 2012 of a successful person person from very remote village Bhinyad in Barmer district of Rajasthan. It was about Naval Kishore Godara, who sets example for many by opening a school in his village. Shri Godara looks at the impressive building of his high school, Saraswati Vidya Mandir, with justifiable pride. This is where 1,800 students from a dozen villages within 30 km of Bhinyad, his village in Barmer, Rajasthan, study. He built it two years ago to provide quality education in this backward area. His father was illiterate and he dropped out from Class VIII.

In 1987, Godara left to work at salt factories in Rajkot and Gandhidham, where he sealed salt packets and loaded 50 kg bags on trucks on his fragile frame. He earned Rs 1,500 a month as a daily labourer.

"I wanted to do something big. In my spare time, I served my employer Mohammad bin-Abdullah, and observed him for clues to success," he says. He carried out Abdullah's personal tasks and looked after his guests. Godara's sincerity and honesty impressed Abdullah. One day, he even expressed concern for him: "If you keep carrying such heavy loads, you won't live long."

Nawal Kishor Godara

Godara worked here for four years. Then one day, he asked Shahabuddin, a visitor from the Democratic Republic of Congo, to take him abroad. He arranged for him to emigrate. In Congo, Godara picked up French in six months, and was soon looking after Shahabuddin's cosmetics shops. In 10 years, he built contacts with cellphone sellers, as well as copper and cobalt miners.

In 2001, he set up his own business in cosmetics, expanding to cellphones and copper. Already, he has a billion-dollar turnover. Two years ago, he sent his wife, Verju Devi, and three children back to Jodhpur, to imbibe Indian culture, and set up his school, before he returned himself. The school has buses for students living in far-flung areas. Godara implemented Right to Education to provide free education to 25 per cent students and charges Rs 250 a month from other children. These days, he is busy organising a district cricket tournament in his school.

मालाणी के माणिक-मोती नवल किशोर गोदारा

श्री नवल किशोरजी गोदारा तेजा फाउंडेशन में: 10 दिसंबर 2017

लेखक:प्रो. हनुमाना राम ईसराण, पूर्व प्राचार्य, कॉलेज शिक्षा, राजस्थान

धनवान होना ख़ास बात नहीं। धनवान व्यक्ति अग़र दानवान और मनवान हो तो उसकी बात ही कुछ अलग होती है। धन या बल, कद या पद के मद में मदमस्त इंसान अपना बड़प्पन क़ायम नहीं कर सकता। सिर्फ़ धन या पद या कद से बड़ा हो जाना ख़जूर के पेड़ की तरह हो जाना होता है। पंछी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर। सच्चे अर्थों में बड़ा वही होता है, जिसका सोच बड़ा, जिसका दिल बड़ा। बड़े सोच व बड़े दिल वालों का काम भी बड़ा। जब काम बड़ा तो नाम भी बड़ा। हम यह बात कर रहे हैं थार के थपेड़ों को सहन करते हुए पले-बढ़े मालाणी के गुदड़ी के लाल श्री नवल जी गोदारा की, जिनके दान और काम की चर्चा आजकल हर जुबां पर है।

नवल जी की निराली जीवन कहानी: बाड़मेर जिले के गांव भिंयाड़ के मूल निवासी और फ़िलहाल दक्षिणी अफ्रीका में अपने व्यवसाय का परचम लहराने वाले नवल जी गोदारा की बात कुछ निराली है। फ़र्श से अर्श तक पहुंचे इस शख्श की जीवन-यात्रा रोमांचक है। पारिवारिक परिस्थितियों के प्रहारों से प्रताड़ित नवल जी को आठवीं कक्षा में ही स्कूल छोड़कर काम-धंधे की तलाश करनी पड़ी। सन् 1987 में राजकोट और गांधीधाम (गुजरात) में नमक की फैक्टरी में 50 किलो के थैलों को नमक से भरना और उन्हें ट्रकों में लादना-- किशोरावस्था में इस कष्टसाध्य काम में खुद को झोंक दिया। कठोर परिश्रम, ईमानदारी और समझदारी से काम करते हुए फैक्टरी के मालिक का दिल जीत लिया।

यौवन की दलहीज़ पर कदम रखते ही नवल जी के सपनों के पंछी के पंख फड़फड़ाने लगे। जवानी की ओर बढ़ते कदमों के साथ हसरतें जवां हो चलीं। मंजिल का नज़ारा अब नज़रों के सामने नज़र आने लगा। नमक फैक्ट्री में चार साल काम करने के बाद नवल जी ने अफ्रीकी देश कांगों पहुंचने का जुगाड़ कर लिया। शरूआत में वहाँ एक व्यवसायी की कॉस्मेटिक्स की दुकान पर काम किया। दस साल बाद वहीं पर ख़ुद का कारोबार स्थापित कर दिखा दिया कि मन में हो संकल्प तो कोई काम नहीं मुश्किल। मेहनत, समझ और सावचेती के दम पर नवल जी ने वर्तमान में अफ्रीका, यूरोप एवं एशिया महाद्वीपों के देशों में कॉस्मेटिक्स, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सर्विस सेक्टर में अपना सफ़ल व्यवसाय स्थापित कर रखा है। नवल जी की कमाल की क़ामयाबी यह शेर बख़ूबी बयां करता है:

' अक़्सर वहाँ तूफ़ान भी हार जाते हैं,
जहाँ कश्तियाँ जिद्द पर होती हैं।'

मालाणी के इस हीरे ने अपनी सफलता की चमक से देश-विदेश में सबको चमत्कृत कर रखा है। ज्यों-ज्यों इनके व्यवसाय के दायरे का विस्तार हो रहा है, त्यों-त्यों इनकी दानवीरता और विनम्रता का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। ठीक वैसे ही जैसे कोई फलदार पेड़ फलों से लदकर धरती की ओर मुड़ता जाता है।

संवेदनशील और दानशील: दिल में संवेदनाओं का समंदर समेटे हुए नवल जी को वेदनाग्रस्त दिल की वेदना पढ़ना और उसे स्वानुभूति के स्तर पर महसूस कर उसकी हर संभव सहायता करना बख़ूबी आता है। सब जानते हैं कि वेदना की किताब पढ़ने के लिए डिग्री की नहीं बल्कि समानुभूति (empathy) की जरूरत होती है। जो ख़ुद को दूसरों के हालात में रखकर उनके दुःख-दर्द को महसूस करता हो, उसके लिए कोई भी पराया नहीं होता। उसके अपनेपन के भाव की परिधि में सभी समाए रहते हैं। एक लंबी फेहरिस्त है उन जरूरतमंद व्यक्तियों व संस्थाओं की जिनको नवल जी व उनके भाई टीकू जी ने उदारतापूर्वक आर्थिक सहयोग प्रदान कर मंजिल तक पहुंचाया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सरोकारों से संबंधित संस्थाओं को एवं जनोपयोगी राष्ट्रीय अभियानों में नवल जी गोदारा अब तक 20 करोड़ रुपये की धनराशि का योगदान कर चुके हैं। सैल्यूट मालाणी के इस नामी दानी की दानवीरता को। धनलिप्सा के आज के जमाने में दानवीरता की मिसाल क़ायम करने वाले नवल जी जैसे दानी बिरले ही मिलेंगे, जो यह मानते हैं कि दान ही धन की श्रेष्ठतम गति है।

जन्मभूमि के प्रति प्रेम: नवल जी ने अपने पैतृक गांव भिंयाड़ में ग्रामीण विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करने हेतु सन 2010 में सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना की, जिसमें दो हज़ार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। हालात से त्रस्त होकर ख़ुद उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रहने के दंश को नवल जी ने झेला है। इसलिए जहाँ कहीं शिक्षा के प्रचार- प्रसार हेतु धनराशि की जरुरत होती है, वहाँ वे सहर्ष दान देते हैं।

भिंयाड़, कानासरउन्दू गांवों की सरकारी स्कूलों में आधारभूत संरचना विकास हेतु नवल जी ने 16 लाख 50 हज़ार रुपये की धनराशि प्रदान की है। इसके अतिरिक्त भिंयाड़ के राजकीय हॉस्पिटल में भी चार लाख रुपए की राशि से रोगियों के बेहतर इलाज़ से संबंधित आवश्यक संसाधन सुलभ करवाए हैं।

बालिका शिक्षा में योगदान: बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय पर ग्रामीण बालिकाओं के आवास हेतु स्थित किसान बालिका छात्रावास में नवल जी ने समस्त सुविधाओं से युक्त तीसरी मंजिल का निर्माण सन 2015 में 1 करोड़ 57 लाख रुपये की लागत से करवाया है।

जन सहयोग से प्राचीनतम जलस्रोत कारेली नाडी का उद्धार

जनहित के राष्ट्रीय अभियानों में अग्रणी भूमिका: स्वच्छ भारत मिशन और जल स्वावलंबन अभियान को बाड़मेर में परवान पर चढ़ाने हेतु बाड़मेर के प्राचीनतम जलस्रोत कारेली नाडी की समुचित साफ़-सफ़ाई करवाने एवं जलस्रोत का जीर्णोद्धार करवाने में नवल जी ने ख़ुद के स्तर पर समस्त आवश्यक संसाधन जुटाकर यह असम्भव-सा प्रतीत होने वाला व्यापक जनहित का कार्य न्यूनतम समय में पूरा करवाने का रिकॉर्ड क़ायम किया है। बता दें कि इस जलस्रोत में एवं इसके जल-भराव क्षेत्र में बाड़मेर शहर का कचरा वर्षों से डाले जाने के कारण यहाँ 35 हज़ार मेट्रिक टन कचरा संग्रहित हो चुका था। इस कचरे का जैविक निस्तारण करवाने तथा जल-स्रोत का समुचित जीर्णोद्धार का जनोपयोगी कार्य करवाने के फलस्वरूप नवल जी आमजन तथा जिलाप्रशासन की आँखों के तारे बन चुके हैं।

होनहार युवाओं के हिमायती: उदीयमान प्रतिभाओं, क्षमतावान खिलाड़ियों, कलाकारों आदि को आवश्यक संबल प्रदान करने में नवल जी अग्रणी रहते हैं।

नवल किशोरजी गोदारा द्वारा स्थापित लक्ष्मण लाइब्रेरी

समाज की जरूरतमंद होनहार प्रतिभाओं के मार्गदर्शन के उद्देश्य से तेजा फाउंडेशन के तत्वावधान में 10 दिसंबर 2017 से आर. ए. एस. की भर्ती-परीक्षा की समुचित तैयारी करवाने के लिए जयपुर में शुरू की गई निःशुल्क कोचिंग हेतु कोचिंग-स्थल पर ही सुसज्जित लाइब्रेरी स्थापित करने एवं अन्य आवश्यक संसाधन जुटाने वास्ते नवल जी गोदारा ने ग्यारह लाख रुपए की धनराशि का योगदान देकर एक अनूठी मिसाल कायम की है। फिफ्टी विलेजर्स संस्थान, बाड़मेर के संस्थापक डॉ भरत सारण के जरिए जब नवल जी को इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की जानकारी मिली तो वे तत्काल इसमें अपना विशिष्ट योगदान देने के लिए राजी हो गए। उदारता का असली स्वरूप यही होता है।

फिफ्टी विलेजर्स संस्थान, बाड़मेर में नवल जी ने अपने पिता श्री की पावन स्मृति में 'लक्ष्मण हॉल' नाम से एक सुसज्जित सेमिनार हॉल का निर्माण करवाया है तथा अन्य आवश्यक सहयोग भी समय-समय पर प्रदान करते रहते हैं। शिक्षा से संबंधित प्रोजेक्ट तथा व्यापक जनहित के राष्ट्रीय अभियानों में नवल जी ने समुचित सहयोग प्रदान करने का वादा कर रखा है।

परहितकारी और सामाजिक सरोकारों में दानवीरता की अनूठी मिसाल क़ायम करने वाले मालाणी के माणिक-मोती नवल जी गोदारा एवं उनके भ्राता श्री टीकूजी गोदारा के उन्नत एवं यशस्वी जीवन की अनन्त शुभकामनाएं!!

खेताराम चौधरी को दस लाख रुपए का इनाम

खेताराम चौधरी और नवलकिशोर गोदारा

साउथ अफ्रीका में व्यवसाय कर रहे बाड़मेर मूल के अप्रवासी भारतीय नवलकिशोर गोदारा ने रियो ओलंपिक की मैराथन में भाग लेकर जिले का नाम रोशन करने वाले खेताराम चौधरी को दस लाख रुपए का इनाम दिया है। ताकि खेताराम के कदम नहीं रुके और वह आगे भी ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर सके। खेताराम अपने गांव खोखसर पहुंचे तो उनके स्वागत को ग्रामीण एकत्रित हुए। भिंयाड़ गांव के मूल निवासी और साउथ अफ्रीका में व्यवसायी नवलकिशोर गोदारा भी यहां पहुंचे। गोदारा ने सियागो की ढाणी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में दस लाख रुपए के इनाम की घोषणा खेताराम के लिए की। गोदारा ने बताया कि वे चाहते हैं कि देश की यह प्रतिभा आर्थिक परेशानियों के चलते कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखे।[2]

सामाजिक सरोकार हेतु किए गए कार्य एवं दान

समाज के भामाशाह श्री नवल किशोर गोदरा द्वारा सामाजिक सरकार हेतु किए गए कार्य एवं दान निम्नानुसार है:

  1. श्री किसान बोर्डिंग हाउस संस्थान, बाड़मेर (कन्या छात्रावास भवन की तीसरी मंजिल का निर्माण) .... 1,00,00,000/-
  2. श्री किसान बोर्डिंग हाउस संस्थान, बाड़मेर (किसान छात्रावास में भवन निर्माण हेतु).... 51,00,000/-
  3. श्री किसान बोर्डिंग हाउस संस्थान, बाड़मेर (कन्या छात्रावास में शिलान्यास एवं कार्य आरंभ).... 15,00,000/-
  4. श्री गोपाल गौशाला, बाड़मेर.... 54,48,500/-
  5. करेली नाड़ी, बाड़मेर (स्वच्छ भारत अभियान).... 20,00,000/-
  6. वीर तेजाजी विकास समिति, बालोतरा.... 24,00,000/-
  7. वीर तेजाजी महिला शिक्षण एवं शोध संस्थान, मूंडवा.... 21,00,000/-
  8. बाबा श्री रामदेवजी अवतार धाम मंदिर विकास संस्थान, रामदेरिया.... 19,51,000/-
  9. जाट चैरिटेबल ट्रस्ट, बाड़मेर....15,00,000/-
  10. तेजा फाउंडेशन, जयपुर....11,00,000 /-
  11. बाल मंदिर संचालन समिति, बाड़मेर.... 10,00,000/-
  12. खेताराम चौधरी (ओलंपिक धावक) प्रोत्साहन राशि.... 10,00,000/-
  13. नागणेच्या गौशाला, बाड़मेर.... 7,50,000/-
  14. फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान, बाड़मेर.... 7,50,000/-
  15. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बायतु पनजी....6,00,000/-
  16. शहीद धर्माराम शौर्य चक्र.... 5,00,000/-
  17. जाट चैरिटेबल ट्रस्ट, अहमदाबाद.... 5,00,000/-
  18. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, भिंयाड़ (चारदीवारी हेतु).... 5,51,000/-
  19. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, भियाड (राजस्थान सरकार की भामाशाह योजना अंतर्गत).... 5,50,000/-
  20. राजकीय माध्यमिक विद्यालय छीतर का पार ....5,00,000/-
  21. ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान, बाड़मेर.... 5,00,000/-
  22. श्री हरलाल जाट छात्रावास विकास संस्थान, बाड़मेर....4,01,000/-
  23. राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भियाड़ (राजस्थान सरकार की भामाशाह योजना अंतर्गत)....4,00,000/-
  24. राजकीय माध्यमिक विद्यालय, उंडू (राजस्थान सरकार की भामाशाह योजना अंतर्गत).... 3,50,000/-
  25. राजकीय माध्यमिक विद्यालय कानासर गोलाई (राजस्थान सरकार की भामाशाह योजना अंतर्गत).... 3,50,000/-
  26. राजकीय माध्यमिक विद्यालय कानासर (राजस्थान सरकार की भामाशाह योजना अंतर्गत)....2,00,000/-
  27. राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय, भियाड़ (राजस्थान सरकार की भामाशाह योजना अंतर्गत).....2,00,000/-
  28. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बाड़मेर (वाटिका निर्माण हेतु) ....2,00,000/-
  29. श्री बलदेवराम मिर्धा शिक्षण संस्थान, चौहटन.... 1,51,000/-
  30. गुलाब भारती गौशाला, परेऊ.... 1,50,000/-
  31. चौपासनी शिक्षा समिति, जोधपुर.... 65,000/-
  32. महिला पुलिस थाना, बाड़मेर.... 51,000/-
  33. कामेश्वर महादेव जन हिताय संस्थान, भियाड़ (सात दिवसीय महाप्रसादी), 11 लाख श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी....
  34. गुलाब भारती जी मठ समाधि स्थल, परेऊ (नौ दिवसीय महाप्रसादी), 5 लाख श्रदालुओं को भोजन प्रसादी....
  35. तारातरा मठ, तारातरा, 1.25 लाख श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी....
  36. धर्मपुरी जी का धूणा, पन्नानियों का तला, 35000 श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी....
  37. तहसील कार्यालय, शिव (जिला स्तरीय राजस्व खेलकूद प्रतियोगिता),3000 लोगों के भोजन की व्यवस्था....
  38. अयोध्या में प्रभु श्रीराम जी के मंदिर निर्माण में श्री नवल किशोर गोदारा जी ने 1 करोड़ 25 लाख रुपए का चैक सौंपा।

संपर्क सूत्र

  • Mob: 919982771111,
  • Email: nkgarsprl@gmail.com
  • Corporate Address: Laxman Congo Sarl, Kinsasa, Congo, Africa.

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संदर्भ


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