Ramya

From Jatland Wiki
Jump to navigation Jump to search
Author: Laxman Burdak IFS (R)

Ramya (रम्य) is name of a place mentioned by Panini in Ashtadhyayi under Madhvadi (मध्वादि) (4.2.86) group. [1]

Origin

Jat clans

History

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है....जम्बू द्वीप आगे चलकर अग्निध्र के नौ पुत्रों में इस भांति बट गया-


1. भरतखण्ड के उपर वाला देश किम्पुरूष को मिला, जो उसी के नाम पर किम्पुरूष कहलाया। यही बात शेष 8 भागों के सम्बन्ध में भी है। जो देश जिसको मिला उसी के नाम पर उस देश का भी नाम पड़ गया,

2. हरिवर्ष को निषध पर्वत वाला देश (हरिवर्ष),

3. जिस देश के बीच में सुमेर पर्वत है और जो सबके बीच में है, वह इलावृत को,

4. नील पर्वत वाला रम्य देश, रम्य को,

5. श्वेताचल को बीच में रखने वाला तथा रम्य के उत्तर का हिरण्यवान देश, हिरण्यवान को,

6. श्रृंगवान पर्वत वाला सबके उत्तर समुद्री तट पर बसा हुआ कुरू-प्रदेश, कुरू को,

7. भद्राश्व जो कि सुमेरू का पूर्वी खण्ड है, भद्राश्व को,

8. इलावृत के पच्छिम सुमेर पर्वत वाला केतुमाल को और,

9. हिमालय के दक्षिण समुद्र का फैला हुआ भरतखण्ड नाभि को मिला ।

ठाकुर देशराज[3] ने लिखा है.... हरिवर्ष को ऐतिहासिक लोग यूरोप मानते है।[4] मानसरोवर के पच्छिम और सुमेर पर्वत के बीच के देश रम्य और भद्राश्व थे। यह काश्मीर का उत्तरी प्रदेश रहा होगा। केतुमाल देश को एशियाई माइनर समझना चाहिए। यह वर्तमान रूस का दक्षिणी-पूर्वी भाग था, क्योंकि पुराण इसे इलावृत के पच्छिम में बताते हैं।5 कुरू आज का मध्य-ऐशिया अथवा पूर्वी साइबेरिया था। इस विष्णु-पुराण ने समुद्र के किनारे और सब देशों के उत्तर में बताया है। किम्पुरूषवर्ष तातारियों का देश समझना चाहिए। इसका पता उसी पुराण में भारत के उत्तर में सबसे पहले के स्थान में बताया है। इलावृत को सुमेर के चतुर्दिक फैला हुआ प्रदेश माना गया है

आर्यों की दूसरी टोली इलावृत देश से भारत में आई बताई जाती है। पुराणों में विवस्वान मनु का भी स्थान सुमेर पर्वत बताया जाता है, जो कि इलावृत के मध्य में कहा गया है। इस तरह पहली टोली के मान्व-आर्य और दूसरी टोली के ऐल-आर्य एक ही महादेश के निवासी सिद्व होते हैं, किन्तु ऐल लोगों के साथ कुरू लोगों का भी एक बड़ा भाग था। मालूम ऐसा होता है, ऐल की कुरू देश में बसने के कारण कुरू कहलाते थे। पुराणों में इला का चन्द्र पुत्र बुध की स्त्री कहा गया है। इल-बुध सहवास से पुरूरवा हुए। भारत के समस्त चन्द्रवंशी क्षत्रिय पुरूरवा की ही संतति माने जाते हैं।

In Ramayana

Yuddha Kanda/Sarga 26 mentions ...Hearing the submission of Sarana, Ravana climbs up the roof of his palace and sees the entire army of Vanaras from there. Ravana enquires about the various Vanara leaders and Sarana shows him Nila, Angada, Nala, Sweta, Kumuda, Rambha, Sarabha, Panasa, Vinata and Krathana the army-generals along with their distinguishing characterestics.

"There was mountain called Ramya, on the banks of River Gomati. That mountain filled with various kinds of trees was also called Samrochana. An army-chief, named Kumuda used to roam around that mountainous region." [5]

External links

See also

References

  1. V. S. Agrawala: India as Known to Panini, 1953, p.505
  2. Jat History Thakur Deshraj/Chapter I,p.4
  3. Jat History Thakur Deshraj/Chapter I,p.5
  4. . 'भारतवर्ष का इतिहास' भाई परमानन्द रचित (प्रकरण दूसरा)
  5. यः पुरा गोमती तीरे रम्यम् पर्येति पर्वतम् । नाम्ना सम्कोचनो नाम नाना नग युतो गिरिः ॥६-२६-२७॥ तत्र राज्यम् प्रशास्ति एष कुमुदो नाम यूथपः । यो असौ शत सहस्राणाम् सहस्रम् परिकर्षति ॥६-२६-२८॥