Saradhana
- For another village see Saradhana Pali
Saradhana (सराधना) is a village in Beawar tahsil in Ajmer district of Rajasthan.
Location
It is located 15 km far from Ajmer on national highway no. 8 toward south west (Mumbai).Its a good developed village with about 5000 population.
Jat Gotras
Maximum residents are Jats here and Paroda gotra is in majority.
History
राजस्थान की जाट जागृति में योगदान
ठाकुर देशराज[1] ने लिखा है ....उत्तर और मध्य भारत की रियासतों में जो भी जागृति दिखाई देती है और जाट कौम पर से जितने भी संकट के बादल हट गए हैं, इसका श्रेय समूहिक रूप से अखिल भारतीय जाट महासभा और व्यक्तिगत रूप से मास्टर भजन लाल अजमेर, ठाकुर देशराज और कुँवर रत्न सिंह भरतपुर को जाता है।
यद्यपि मास्टर भजन लाल का कार्यक्षेत्र अजमेर मेरवाड़ा तक ही सीमित रहा तथापि सन् 1925 में पुष्कर में जाट महासभा का शानदार जलसा कराकर ऐसा कार्य किया था जिसका राजस्थान की तमाम रियासतों पर आश्चर्यजनक प्रभाव पड़ा और सभी रियासतों में जीवन शिखाएँ जल उठी।
सूरजमल शताब्दी 1933: सन् 1933 में पौष महीने में भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल की द्वीतीय शताब्दी पड़ती थी। जाट महासभा ने इस पर्व को शान के साथ मनाने का निश्चय किया किन्तु भरतपुर सरकार के अंग्रेज़ दीवान मि. हेनकॉक ने इस उत्सव पर पाबंदी लगादी।
28, 29 दिसंबर 1933 को सराधना में राजस्थान जाट सभा का वार्षिक उत्सव कुँवर बलराम सिंह के सभापतित्व में हो रहा था। यह उत्सव चौधरी रामप्रताप जी पटेल मकरेड़ा के प्रयत्न से सफल हुआ था। इसमें समाज सुधार की अनेकों बातें तय हुई। इनमें मुख्य पहनावे में हेरफेर की, और नुक्ता के कम करने की थी। इसमें जाट महासभा के प्रधान मंत्री ठाकुर झम्मन सिंह ने भरतपुर में सूरजमल शताब्दी पर प्रतिबंध लगाने का संवाद सुनाया।
यहाँ पर भरतपुर में कुछ करने का प्रोग्राम तय हो गया। ठीक तारीख पर कठवारी जिला आगरा में बैठकर तैयारी की गई। दो जत्थे भरतपुर भेजे गए जिनमे पहले जत्थे में चौधरी गोविंदराम हनुमानपुरा थे। दूसरे जत्थे में चौधरी तारा सिंह महोली थे। इन लोगों ने कानून तोड़कर ठाकुर भोला सिंह खूंटेल के सभापतित्व में सूरजमल शताब्दी को मनाया गया। कानून टूटती देखकर राज की ओर से भी उत्सव मनाया गया। उसमें कठवारी के लोगों का सहयोग अत्यंत सराहनीय रहा।
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....वर्तमान समय में अजमेर-मेरवाड़ा में जागृति का आरंभ सन् 1925 से हुआ जबकि भरतपुर के तत्कालीन महाराज श्री किशन सिंह के सभापतित्व में यहां के जाटों का एक शानदार उत्सव हुआ। इसने यहां के जाटों की आंखें खोल दी। इस उत्सव को कराने का श्रेय मास्टर भजनलाल को जाता है।
[पृ.95]: इसके बाद यहां सन् 1931 से सन 1932 के आखिर तक ठाकुर देशराज ने जागृति का दीपक जलाया। उन्होंने गांव में जाकर मीटिंग की और सराधना में एक अच्छा जलसा सन 1932 में 28 जून 30 सितंबर को कराया। पुष्कर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सैकड़ों जाटों के यज्ञोपवित संस्कार कराए। उस समय तक इस समय के तरुण नेता प्राय सभी शिक्षा पा रहे थे। सुवालाल सेल, किशनलाल लामरोड, रामकरण परोरा विद्यार्थी जीवन में थे अतः ठाकुर देशराज को देहात के लोगों से भी सहयोग लेना पड़ता था।
ठाकुर देशराज[3] ने लिखा है .... चौधरी सवाईराम ने सराधना में जब जाट समाज का उत्सव हुआ तो आपने हर प्रकार की मदद की। आप की उमर लगभग 50 साल की होगी। आप समाज सुधारक के कामों में सदैव दिलचस्पी लेते रहे हैं।
ठाकुर देशराज[4] ने लिखा है ....चौधरी शिव बक्स जी, जिन दिनों सराधना में चौधरी रामप्रताप जी जीवित थे, उन दिनों देहातों में अनेक देहाती साथियों में जेठाना के चौधरी श्योबक्स जी पूर्ण उत्साह के साथ उनके कामों में मदद करते थे।
Notable persons from this village
- Ramkaran Singh Paroda - Freedom fighter
- चौधरी रामप्रताप जी- Freedom fighter
- R.S.Paroda - Padma Bhushan
- Mahendra Singh Paroda - technocrat
- Nand Ram Choudhary (Mundwaria) - A.En. PHED, Date of Birth : 2-November-1950, VPO- Saradhana,teh.& distt- Ajmer,Present Address : E-132, Shashtri Nagar, Ajmer, Phone : 0145-2621296, Mob: 9413690902
- चौधरी छीतरजी सराधना - अजमेर मेरवाड़ा के जाट सेवक[5]
- चौधरी घीसाजी सराधना - अजमेर मेरवाड़ा के जाट सेवक[6]
Saradhana village in Raipur tahsil Pali
Saradhana village in is in Raipur Pali tahsil in Pali district in Rajasthan.
References
- ↑ ठाकुर देशराज:Jat Jan Sewak, p.1,10
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.94-95
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.109
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.109-110
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.95
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.95
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