Soolera
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Soolera (सूलेरा) is a village in Lunkaransar tehsil of Bikaner district in Rajasthan.
History
Jat gotras
Population
Notable person
- Dileep Dhatarwal - IAS (2019), MP Cadre. श्री दिलीप धरतवाल 2019 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के IAS हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष जी महरिया के निजी सचिव श्री भागीरथ जी भाम्भू की भतीजी और श्री राजाराम भाम्भू की बेटी अवंतिका (हनुमानगढ़) और मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस श्री दिलीप धरतवाल सूलेरा निवासी (लूणकरणसर, बीकानेर) की शादी बनी एक मिसाल: दिनांक 4/03/2022 को वर - वधु की शादी साधारण, पारम्परिक व पुराने रीति रिवाज के साथ संपन्न हुई। साधारण व सामाजिक ताने बाने की प्रतिमूर्ति दिलीप जी ने अपनी होने वाली जीवनसंगिनी के परिवार को आग्रह किया कि विवाह साधारण रीति रिवाज गाँव में होना चाहिए। दोनों पक्षों की सहमती बनी। विवाह समारोह शहर की फाइव स्टार कल्चरल से कोसों दूर, बीकानेर की पवित्र मरुधरा, रेगिस्तान थार मे गाँवों के गाय बकरियों की आवाजों में, लू में लहराती झाड़ियों की और संकरी गलियों में आती बच्चों की आवाज के बीच आयोजित किया गया। विवाह गाँव की पारम्परिक वेषभूषा, में, कोई बिना ढोल, बैंड के विवाह समारोह सम्पन्न किया।....जेठ की तपती दुपहरी में पांथ के बीचोंबीच काम लग जाने... कमर तक आते भूरट (एक घास) के कांटो की परवाह किए बिना मतीरे ढूंढ लाने और बाद में बैठकर बड़ी दक्षता और तेजी से उन कांटो को निकालने, ग्वार की चुभती फलियों को एकत्रित करने, बाजरे के चांचड़ों को ढब लगाने और भागती गाय और बकरियों को सामने वाले खेत की सींव से पहले घेरकर रोकने जैसे काम हमारे थार में रूटीन समझे जाते हैं... ऐसे कामों को बचपन से करते करते बड़े हुए एक थारिस्ट को पढाई सबसे सरल काम लगता है... खींप (एक झाड़ी) की तुग्गी और बावळी (एक झाड़ी) की सूल से पैर की एड़ी में लगा कांटा निकाल लेने वाले थारिस्ट के आगे सिटिंग पावर, कॉन्स्ट्रेशन, लम्बी और गहन पढाई... ये सब कोई बड़ी बात नहीं...दलीप धतरवाल भी ऐसा ही एक उदाहरण है... आप जब पढ़ने बैठे तो ऐसे बैठे कि हर प्रतियोगिता को पहली पहली बार में ही क्रैक करते गए... दलीप भारतीय प्रशासनिक सेवा की उच्चतम परीक्षा पास कर देश के अग्रणी प्रशासकों की सूची में शामिल हो चुके हैं... अंग्रेजी माध्यम से पढ़े और आईआईटी और सिविल्स की ढेरों परीक्षाएं पास कर मध्यप्रदेश काडर में तैनात एक आई ए एस ऑफिसर का विवाह उनके पुश्तेनी गांव सुलेरा में ही सम्पन्न हुआ। ....दलीप अगर चाहते तो अपने इस आयोजन को किसी पॉश वेन्यू पर सम्पन्न कर भी सकते थे... और वो अगर ऐसा करते तो भी शायद किसी को कोई शिकायत न रहती... क्योंकि अफसर बन जाने के बाद यही होने की परंपरा है.... परन्तु दलीप इस थार का सपूत और काबिल बेटा है जिसने अपने सीधे साधे आमजन को इस हसीन घड़ी में शरीक होने का मौका दिया और हमें इस बात का एहसास दिलाया कि कुछ भी बन जाने के बाद भी थार का एक बेटा अपने मातृभूमि और उसकी खुशबू को नहीं भूलता... और अपनी परम्पराओं और बांधवों को नहीं भूलता...!जमीन से जुड़े रहने के लिए लखदाद भाई...! ईश्वर से दुआ है कि भाई दलीप का वैवाहिक सफर भी उनके करियर और व्यवहार की तरह शानदार और सुखी हों...
External Links
References
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