Subhash Burdak

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Subhash Burdak (सुभाष बुरडक) (d. 3 March 2001), was a martyr of militancy, from village Sikrodi (सिकरोड़ी), tehsil Bhadra, in Hanumangarh district in Rajasthan.

All hopes of residents of Sikrori village of Bhadra tehsil of the district Hanumangarh to welcome Subhash Burdak, a CRPF soldier, were dashed when they received the news of his death. The family members and the villagers were waiting for Subash as he was to come home on leave for two months to celebrate Holi but recieved his body, wrapped in the national flag, was brought to the village.

It is to be mentioned that in Rampura village of Tripura the militants the National Liberation Front of Tripura (NLFT) had killed 12 soldiers of the fourth battalion of the CRPF on March 3. The soldiers were on a special operation in the area when at around 7 a.m. on Saturday the militants attacked. Subash and 11 other soldiers were killed. The cremation of Subhash took place in his ancestral village, Sikrori, on 5 March 2001 with full state honours. The District Collector, the SP, dignitaries of the area and a large number of persons attended the cremation.

Born to Nandram Burdak Subash joined the CRPF in October 1991. On Sunday when the news of his death reached the village the atmosphere turned sombre. People from the neighbouring areas started visiting Sikrori even before the body of the martyr was brought to Bhadra tehsil headquarters. The District Collector, Mr J.P. Chandellia, the SP, Mr M.C. Meena, went to Sikrori and paid their tributes.

His elder brother, Mr Krishan Kumar, consigned the body to flames. Subash has left behind his family, including a seven-year-old daughter, Sunita.

स्वतन्त्रता सेनानी श्री आशाराम व वीरांगनाओं का आत्मिक अभिनंदन[1]

मातृभूमि के लिए शहीद होने वाले सैनिक की वीरांगनाओं तथा स्वतन्त्रता सेनानियों का जिला कलक्टर श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने आत्मिक सम्मान किया

हनुमानगढ , 28 सितम्बर 2007: शहीदे-आजम-भगतसिंह की 100 वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में जिला प्रशासन द्वारा एक विशेष पहल के रुप में शुक्रवार को स्वतन्त्रता सेनानियों, शहीद सैनिकों व वीरांगनाओं की समस्याओं पर विचार विमर्श के लिए बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान मातृभूमि के लिए शहीद हाने वाले सैनिक की वीरांगनाओं तथा स्वतन्त्रता सेनानियों का जिला कलक्टर श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने आत्मिक सम्मान करते हुए इस विशेष दिन पर जिले की जन भावनाओं का इजहार किया और शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।

  • इस दौरान 1991 में ऑपरेशन रायनों में शहीद हुए पक्का सहारणा के हवलदार जसवीर सिंह की वीरांगना श्रीमती नरेन्द्र कौर,
  • मणीपुर में इस वर्ष के आरम्भ में उग्रवादियों के हमले में शहीद हुए पक्कासारणा के हवलदार ओमप्रकाश ज्याणी की वीरांगना श्रीमती रामवती देवी,
  • 2002 में जम्मू कश्मीर में शहीद हुए डबलीराठान के हवलदार चमकौरसिंह की वीरांगना श्रीमती मनदीप कौर,
  • 1998 में जम्मू कश्मीर म ऑपरेशन रक्षक में शहीद हुए भादरा के नायक देशराज चाहर की वीरांगना श्रीमती शकुंतला,
  • कारगिल में शहीद हुए पंडितावाली के हवलदार भूपेन्द्र सिंह की वीरांगना श्रीमती सोमाबालान,
  • 1988 में श्रीलंका में ऑपरेशन पवन में शहीद हुए हवलदार होशियार सिंह की वीरांगना श्रीमती भादो देवी,
  • 1994 में सियाचीन मे ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हुए नायक राम कुमार चाहर की वीरांगना श्रीमती कृष्णा,
  • 2001 में त्रिपुरा में आतंकवादी मुठभेड मे शहीद हुए सिकरोडी के सुभाष बुरडक की वीरांगना श्रीमती राजबाला तथा
  • फेफाना के स्वत्रन्ता सेनानी श्री आशाराम

का जिला कलक्टर श्रीमती मुग्धा सिन्हा ने माल्यार्पण कर अभिवादन किया। जिला कलक्टर ने बारी -बारी से सभी वीरांगनाओं व स्वत्रंता सेनानियों के पास स्वयं पहुंचकर उनसे आत्मिक संवाद किया। उन्होंने परिवार की कुशलक्षेम पूछी व समस्याओं के बारे में जानकारी ली। इस दौरान श्री गंगानगर के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल विजय सिह चौधरी ने वीरांगनाओं व शहीदों के बारे में जिला कलक्टर को जानकारी से अवगत कराया। स्वतत्रंता सेनानी श्री आशाराम के पेंशन सम्बन्धी प्रकरण पर जिला कलकटर ने नवीन नियमों को अध्ययन कर प्रकरण के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उनके बस पास को बनाने के लिए उन्हने रोडवेज के श्री दुष्यंत यादव को प्रारण को बीकानेर के मुख्य प्रबंधक को भिजवाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर बैठक में हनुमानगढ नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी को चौराहों पर मूर्ति, सडक के नामकरण व बस स्टैण्ड बनाने के लम्बित प्रकरणों की 3 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

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References


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