Yogendra Pal Shastri
Yogendra Pal Shastri was author of the book Jat Kshatriya Itihas. He was son of Thakur Sansar Singh, founder of Kanya Gurukul Haridwar.
Early life
Social service
Master Raghuvir Singh (Tevatia) belonged to Duhai in Uttar Pradesh. He left his government job and came to Marwar and did a lot in building Jat hostels and educating the Jat community. Nathuram Mirdha, Ramraghunath Chaudhary, Kumbharam Arya etc great Jat leaders came to his hostels. His friends use to be Kaviraj Yogendra Pal Shastri and he was blessed by a daughter Smt. Vijaylaxmi who was married to Dr. Rampal Shastri Parasaria of Barni Khurd.
जीवन परिचय
जाटों का विस्तार
डॉ रणजीतसिंह[1] भारत भूमि में जाटों के विस्तार को देखते हुए योगेन्द्रपाल शास्त्री [2] ने लिखा है कि ...."जाट अपने आदि देश भारतवर्ष के कोने-कोने में नहीं वरन उपजाऊ प्रदेशों की ऊंची भूमियों पर बसे हुए हैं। नदियों की अति निकटवर्ती खादर भूमि या पहाड़ों की तलहटी में उनकी सामूहिक विद्यमानता नहीं पाई जाती। डेरा गाजी खां, डेरा इस्माइल खां, डेरा फतेह खाँ, बन्नू, कोहाट, हजारा, नौशेरा, सियालकोट, गुजरात, गुजरान वाला, लायलपुर, मिंटगुमरी, लाहौर की चुनिया तहसील में कुल मिलाकर 25 लाख जाट आज भी बसे हुए हैं। यद्यपि इनका धर्म है इस्लाम है किंतु रक्त की दृष्टि से जाट होने का उन्हें गर्व है। विभाजित भारत में जाटों की संख्या किसी भी प्रकार कम नहीं है। "
External links
Gallery
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Rai Chatar Singh Shamsherjang MLA Sahanpur
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Thakur Sansar Singh and his son Yogendrapal Shastri
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Yogendrapal Shastri with wife Chandravati
References
- ↑ Jat Itihas By Dr Ranjit Singh/1.Jaton Ka Vistar,p. 6
- ↑ योगेद्रपाल, क्षत्रिय जातियों का उत्थान और पतन, पृष्ठ 271-73
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