Bhadana Bana Ka
Bhadana Bana Ka (भदाणा बाना का) or Bana Ka Bhadana (भाना का भदाणा), is a village in Nagaur tehsil of Nagaur district in Rajasthan.
Origin
Bhadana (भदाणा) Village gets name after Nagavanshi named Bana (बाना).[1]
Location
Jat gotras
- Bana,
History
डॉ पेमाराम[2]लिखते हैं कि सिंध और पंजाब से समय-समय पर ज्यों-ज्यों जाट राजस्थान में आते गये, मरूस्थलीय प्रदेशों में बसने के साथ ही उन्होने प्रजातन्त्रीय तरीके से अपने छोटे-छोटे गणराज्य बना लिये थे जो अपनी सुरक्षा की व्यवस्था स्वयं करते थे तथा मिल-बैठकर अपने आपसी विवाद सुलझा लेते थे । ऐसे गणराज्य तीसरी सदी से लेकर सोलहवीं सदी तक चलते रहे । जैसे ईसा की तीसरी शताब्दी तक यौधेयों का जांगल प्रदेश पर अधिकार था । उसके बाद नागों ने उन्हें हरा कर जांगल प्रदेश (वर्तमान बिकानेर एवं नागौर जिला) पर अधिकार कर लिया । यौधेयों को हराने वाले पद्मावती के भारशिव नाग थे, जिन्होने चौथी शताब्दी से लेकर छठी शताब्दी तक बिकानेर, नागौर, जोधपुर तथा जालोर के जसवन्तपुरा तक शासन किया । जांगल प्रदेश में नागों के अधीन जो क्षेत्र था, उसकी राजधानी अहिच्छत्रपुर (नागौर) थी । यही वजह है कि नागौर के आस-पास चारों ओर अनेक नागवंशी मिसलों के नाम पर अनेक गांव बसे हुये हैं जैसे काला मिसल के नाम पर काल्यास, फ़िरड़ोदा का फिड़ोद, इनाणियां का इनाणा, भाकल का भाखरोद, बानों का भदाणा, भरणा का भरणगांव / भरनांवा / भरनाई, गोरा का डेह तथा धोला का खड़नाल आदि ।
छठी शताब्दी बाद नागौर पर दौसौ साल तक गूजरों ने राज किया परन्तु आठवीं शताब्दी बाद पुनः काला नागों ने गूजरों को हराकर अपना आधिपत्य कायम किया ।
दसवीं सदी के अन्त में प्रतिहारों ने नागों से नागौर छीन लिया । इस समय प्रतिहारों ने काला नागों का पूर्णतया सफ़ाया कर दिया । थोड़े से नाग बचे वे बलाया गांव में बसे और फिर वहां से अन्यत्र गये ।
प्रसिद्द संत शिरोमणि फूली बाई के दादा का नाम थेलाजी और पिता का नाम हेमाराम मांझू (जाट गोत्र) था, जो भदाना के चौधरी बरजानजी बाना के यहाँ ब्याहे थे । इनकी माता का नाम नोजा था । फूली बाई के एक छोटा भाई था जिसका नाम डूंगरराम था । फूली बाई की माता नोजा भदाना की रहने वाली थी ।[3]
Population
Notable persons
- Rawat Ram Bana (चौधरी रावतराम बाना), from Bhadana (भदाणा), Nagaur, was a social worker in Nagaur, Rajasthan.[4]
External Links
References
- ↑ डॉ पेमाराम:राजस्थान के जाटों का इतिहास,2010, पृ.19
- ↑ राजस्थान के जाटों का इतिहास, 2010, पृ.19
- ↑ डॉ पेमा राम: राजस्थान के जाटों का इतिहास, 2010, पृ.115
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.198
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