Dide
Dide (डीडे)[1] Deede (डीडे) Dinde/Deende (डींडे)[2] is a Jat Gotra in Uttar Pradesh.
Origin
Jat Gotras Namesake
- Dide = Didigua = Digba (Pliny.vi.31)
History
Village after Dinde
- डींडपै (जाट गोत्र - डींडे) : डींडपै नाम का गाँव झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की गुदरी विकास-खंड में है।
- डिंडिबुरु (जाट गोत्र - डींडे) : डिंडिबुरु नाम का गाँव झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की मझगांव विकास-खंड में है।
- डिंडिबुरु (जाट गोत्र - डींडे) : डिंडिबुरु नाम का गाँव झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की टोंटो विकास-खंड में है।
- डिण्डपै (जाट गोत्र - डींडे) : डिण्डपै नाम का गाँव झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की सोनुआ विकास-खंड में है।
Sarvapal Khap
Sarvapal Khap is a Khap of 22 villages. This is a grand organization spread from Faridabad, Ballabhgarh to Chhata, Kosi in Mathura district of Uttar Pradesh. It has 1000 village. It includes Deende Pal of Kosi Kalan, Gathona Khap of Bathain Kalan, Beniwal Khap of Kamar, Sorot Pal of Hodal, Munder Pal of Dhatteer- Allika, Tewatia Pal of Janauli, Rawat Pal of Paigaon. [3]
सर्वपाल खाप
सर्व पाल खाप में 22 गाँव हैं. यह फरीदाबाद, बल्लभगढ़ से लेकर मथुरा जिले के छाता, कोसी तक फैला एक विशाल संगठन है. इसमें करीब 1000 गाँव हैं. इस खाप में कोसी की डींडे पाल, बठैन की गठौना पाल, कामर की बेनीवाल पाल, होडल की सौरोत पाल, धत्तीर- अल्लिका की मुंडेर पाल, जनौली की तेवतिया पाल, पैगांव की रावत पाल आदि सम्मिलित हैं. यह पाल दहेज़ निवारण में सबसे आगे है.[4]
Danshahi Singh Deede
Danshahi was born in the ruling Deede Jat Family. Danshahi was the older son of Raja Sitaram Deede of Kotban. His sister Acchan Kaur was married to Rao Nawal Singh son of Maharaja Suraj Mal. He proved himself as a capable leader in many campaign against Afghans, Mughals and Marathas.
After the sudden deaths of Maharaja Jawahar Singh and Maharaja Ratan Singh in 1768 and 1769 respectively, Danshahi became the Prime Minister and regent to infant Maharaja Kehri Singh on 12 April 1769. He became most powerful person in the Bharatpur State and led the Jats in the Civil War and defeated Ranjit Singh (who later became the King) And Marathas. He also led Jats against Mughal Empire (Mirza Nazaf Khan). He received severe wound at the Battle of Dankaur, 1773 against Mughal Army, led by Najaf Quli and died because of those wound. After his death the Bharatpur Kingdom collapsed.
Source - Jat Kshatriya Culture
कोटबान-कोटमान
विजयेन्द्र कुमार माथुर[5] ने लेख किया है ...कोटबान = कोटमान (AS, p.230), जिला मथुरा, उ.प्र. में दिल्ली-आगरा सड़क पर स्थित है. 18 वीं सदी में जाटों का एक मुख्य दुर्ग था. इस दुर्ग की बाहरी दीवार मिट्टी की थी और मुख्य किला ईटों का बना था. अब यह खंडहर हो गया है और भीतरी संरचना का केवल एक द्वार ही अवशिष्ट है. भरतपुर के प्रसिद्ध जाट राजा सूरजमल ने कोटमान के एक जाट सरदार सीता राम की पुत्री के साथ अपने पुत्र नवल सिंह का विवाह किया था. सीता राम ने सूरजमल की कई युद्धों में सहायता की.
Distribution in Uttar Pradesh
Villages in Mathura district
Notable persons
- Danshahi Singh Deede of Kotban in tahsil Chhata in Mathura district in Uttar Pradesh.
- Raja Sitaram Deede of Kotban in tahsil Chhata in Mathura district in Uttar Pradesh.
External links
See also
References
- ↑ O.S.Tugania:Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu,p.42,s.n. 1045
- ↑ O.S.Tugania:Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu,p.22
- ↑ Dr Ompal Singh Tugania: Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu, p.22
- ↑ डॉ ओमपाल सिंह तुगानिया : जाट समुदाय के प्रमुख आधार बिंदु , आगरा , 2004, पृ . 22
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.230
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