Gomal River
Author:Laxman Burdak, IFS (Retd.) |
Gomal River (Hindi: गोमल नदी, Urdu: دریائے گومل, Pashto: ګومل سیند، ګومل دریاب, Sanskrit: गोमती), also Gumal River, is a 400 km long river in Afghanistan and Pakistan, which is mentioned in the Rigveda as Gomatī (full of water).
Variants
- Gomal River (गोमल) (AS, p.303)
- Gomatikula (गोमती-कूल) (AS, p.303)
- Gomati River (गोमती नदी)
Jat Gotras Namesake
Location
Gomal River's headwaters are located south-east of Ghazni. The springs which form the headwaters of the Gomal's main branch emerge above the fort at Babakarkol in Katawaz, a district inhabited by Ghilzai Pashtuns from the Kharoti and Suleiman Khel clans, in Paktika Province.
Origin of name
Alexander Cunningham[1] writes that The name of Kophes (Kabul) is as old as the time of the Vedas, in which the Kubha River is mentioned as an affluent of the Indus. The Kunar River, the Kurram River, and the Gomal rivers to the west, and the Kunihar River to the east of the Indus, all of which are derived from the Scythian ku, " water."
Course
The Gomal's other branch, the "Second Gomal", joins the main channel about 14 miles below its source. The Gomal flows southeast through eastern Ghilzai country for approximately 110 miles before it merges with the Zhob River, its major tributary, near Khajuri Kach. It is about 100 miles from the Zhob River to the Indus River.
Within Pakistan, the Gomal river surrounds the South Waziristan agency and forms the boundary between Khyber-Pakhtunkhwa and Balochistan. From South Waziristan, the river enters the Gomal Valley in the district of Tank, Pakistan at a place known as Girdavi, Murtuza which is inhabited by the Miani tribe. It is mainly here that the water of Gomal is used to cultivate the lands in Gomal Valley through Zam System (Rod Kohi). The river passes then through the Damaan plain in Kulachi Tehsil and later on through Dera Ismail Khan Tehsil, It then joins the Indus River 20 miles south of Dera Ismail Khan.
गोमल नदी
गोमल नदी पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की नदी है, जो यह उत्तर-पश्चिमी सरहदी सूबे के दक्षिणी हिस्से में है। नदी अफ़ग़ानिस्तान की कोहनाक पर्वतमाला से निकलती है। यह नदी अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पार करने के बाद जब यह पाकिस्तान में प्रवेश करती है, तब इससे 'कुंदार' नामक पर्वतीय नदी मिलती है। अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी भाग की यह नदी दक्षिण-पूर्व की ओर से बहकर पाकिस्तान में प्रवेश करती है। यहाँ से इसका बहाव सीधे पूर्व की तरफ़ हो जाता है। दोमंदी से मुर्तजा तक नदी में उत्तर से वानातोई तथा दक्षिण से झाब नामक नदियाँ मिलती है। गोमल नदी डेरा इस्माइल ख़ाँ के पास सिंध नदी से मिलती है। बाढ़ आने पर ही इसका पानी सिंधु नदी तक पहुँच पाता है अन्यथा अधिकांश पानी सिंचाई में खर्च हो जाता है।[2]
गोमती नदी
विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ...1. गोमती नदी (AS, p.301-302) = गोमल नदी : ऋग्वेद में वर्णित नदी-- 'त्वं सिंधो कुभयागोमतीं क्रुमुं मेहत्न्या सरथंयाभिरीयसे।' --ऋग्वेद, 10, 75-76 (नदी-सूक्त)। इस नदी का अभिज्ञान वर्तमान गोमल नदी से किया गया है जो सिंधु नदी में पश्चिम की ओर से आकर मिलती है (मैकडॉनल्ड- हिस्ट्री ऑफ संस्कृत लिटरेचर 1929,पृ. 140) कुभा (काबुल तथा [पृ.302]: क्रुमु गोमती के समान ही सिंध की पश्चिमी शाखाएं हैं.
महत्नु नदी
महत्नु नदी (AS, p.719): ऋग्वेद 10,75 में वर्णित नदी जिसका अभिज्ञान अफ़ग़ानिस्तान की अर्गेसन नदी से किया गया है। महत्नु नदी गोमती या गोमल नदी में मिलती है।[4]
References
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