Jeenwas
Author:Laxman Burdak, IFS (R), Jaipur |
Jeenwas (जीणवास) is a village in Danta Ramgarh tahsil in Sikar district in Rajasthan. It is near Jeenmata Dham in Harsh.
Founder
It was founded by Jeenmata (d.933 AD) in ancestry of Burdaks.
Jat Gotras
It is mainly a village of Sheshma Gotra.
Population
As per Census-2011 statistics, Jeenwas village has the total population of 1441 (of which 740 are males while 701 are females).[1]
History
As per records of the bards of Burdak the village was founded by Burdak Jats.[2]
Historical Monuments
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Jeenwas Deori
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Jeenwas Sati Smarak
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Jeenwas Silalekh
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Jeenwas Statues
शेषमा गोत्र के इतिहास में
शेषमा गोत्र के बड़वा की बही उज्जैन, धार की परमार या पंवार को शेषमा गोत्र से संम्बद्ध करता है जो आक्रमणकारियों द्वारा विस्तारित होकर अंततः शेषम ग्राम आ बसे।
शेषम ग्राम से शेषमा गोत्र का विस्तार निम्नानुसार हुआ: [3]
शेषम → पलसाना → पूरां → रुल्याणा माली[4]
नव आबाद गांव रुल्याणा माली (22 अप्रैल 1784 ई. गुरुवार) के प्रथम प्रवर्तक पीथा माली के पुत्र बाला (बालू) माली की तीन बेटियां (रुकमा, सामा व जैती) थी जिनमें से बड़ी बेटी रुकमा पूरां छोटी लाला शेषमा के साथ परणाई गई। रुल्याणा माली गांव के सारे शेषमा लाला शेषमा के ही वंशज हैं।[5]
अग्नि-वंश व जगदेव पंवार के वंशज शेषमा शिप्रा नदी के तट पर बसी उज्जैन नगरी से निकले थे।[6]
डॉभ ऋषि के अवतार जगदेव पंवार के वंशजों (पौत्रों-प्रपौत्रों) में पवार जाति त्याग दी और यही लोग आगे चलकर शेषमा कहलाए। [7]
महमूद गजनवी सोमनाथ के शिव मंदिर को लूटकर मालव देश में आ धमका। महमूद गजनवी के इस आक्रमण में मालवा की पवार जाति के विध्वंस में विस्तारित हुई, पवार जाति के जो लोग किसी क्षेत्र विशेष में अवशेष रहे वही आगे चलकर शेषमा हुए।[8]
विक्रम संवत 1191 (=1134 ई.) चैत्र सुदी रविवार को धारा नगरी के राजा जगदेव पंवार ने अपना सिर समर्पित कर दिया।[9]
महमूद गजनवी के आक्रमण में सोमपाल पंवार के कुछ वंशज शेष रहे जो भागकर शेषम ग्राम आ पहुंचे और यही वंशज शेषमा कहलाए।[10]
मालवा से आकर कुछ शेषमा शेषम ग्राम बस गए, शेषम में इन्होंने अपना किला बनवाया और यहां से वे और 40 गांव में फैल गये। [11]
शेषम ग्राम को छोड़कर शेषमा 40 गांव में फैल गए, इसी कड़ी में हरीपुरा व जीणवास में भी बसे। [12]
शेषमा वही गोत्र है जिसका राजा भोज पवार था। उज्जैन व धारा-नगरी तथा काली कंकाली जगदेव की कथा भी इसी वंश की गाथा है। [13]
तुर्क शेषम ग्राम भी आ पहुंचे और घोर आतंक मचा दिया। इसी आतंक ने इनका शेषम ग्राम फिर छुड़ा दिया। [14]
शेषम से आकर जीणवास बसे शेषमाओं पर भी तुर्कों ने पुनः हमला कर दिया। एक दिन जब रात की एक घड़ी बाकी थी और भौर के 4:00 बजे थे तो जीणवास के शेषमा आक्रमणकारियों से चारों ओर से गिर गए।[15]
तुर्क शेषमाओं की गायों की मारकाट करने लगे ऐसी स्थिति में जीणवास का देवा शेषमा 'होनी हो सो होय' जानकर मुकाबले को आगे बढ़ा।[16]
देवा शेषमा मौत बनकर दुश्मन पर टूट पड़ा। देवराणा का जोहड़ा आज भी उसका यह दांव याद दिलाता है।[17]
आज भी हर्ष पर्वत के पास बसे जीणवास में देवा शेषमा की समाधि उसकी वीरता का अमिट निशान है।[18]
देवा शेषमा अपने वंशजों को कह गया कि जगदेव पंवार के वंशजों! उसका यह भाव मत भूलो कि अपने धर्म की रक्षा के लिए उसने प्राणोत्सर्ग किया है, अब आप के हवाले ही इस वंश की नाव है जिसे आगे खेना है।[19]
अत: अग्नि वंश के विक्रम के वंशजों! अपने इष्ट महाकाल को दिन रात याद करो।[20]
Notable persons
- Deva Sheshma was a warrior of village Jeenwas in Sikar district of Rajasthan. He died fighting with the army of invader Turks (?) in 1134 AD. Devarana Johad in village Jeenwas was left in his memory.
- Rajendra Dhaka - Mob:9983963432
External links
References
- ↑ http://www.census2011.co.in/data/village/81737-jeenwas-rajasthan.html
- ↑ Bhadwa Shri Bhawani Singh Rao of village Maheswas, tahsil Phulera, district Jaipur, Rajasthan, Mob:09785459386
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.349
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.349
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.350
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.350
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.350
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.350
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.350
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.350
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.351
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.351
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.351
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.351
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.351
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.351
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.352
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.352
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.352
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.352
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