Keshoraipatan
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Keshoraipatan (केशोरायपाटन) is tahsil in Bundi district, Rajasthan. Its ancient name was Pattana (पट्टन).
Variants
- Jambu-Aranya (जम्बू-अरण्य) (जिला कोटा, राज.) (AS, p.350)
- Jambumarga (जंबुमार्ग) (AS, p.351)
Location
The town is 20 km from the well known education hub of India, Kota.
Villages in Keshoraipatan tahsil
Ajanda, Amarpura, Anatpura, Ardana, Arnetha, Arniya, Baldara, Baleetha, Balkasa, Balod, Baniyani, Banjaron Ki Jhonpariyan, Banjharli, Barani, Beeraj, Beerampur, Bhains Khera, Bhaopura, Bheeya, Bhindi, Boodhya, Borda Kachhiyan, Bordamal, Boya Khera, Chadhgaon, Chardana, Chari, Chautra Ka Khera, Chawachh, Chharakwara, Chhoreda, Chitawa, Deoli, Deopura, Dheekoli, Dheengsi, Dolar, Dotana, Garjani, Gendoli Kalan, Gendoli Khurd, Gendoli Khurd Ki Jhonpariyan, Goaplpura, Goontha, Gothra, Gudla, Gurli, Halihera, Haripura, Hathanapur, Higoniya, Indrapuriya, Isarda, Ishwarnagar, Jagannathpura, Jagdari, Jagnatha, Jahooriya, Jaithal, Jakhroon, Jalera, Jaloda, Jhadol, Jhalaji Ka Baran, Jharanya, Jhuwansa, Kamolar, Kanihera, Kanwarpura, Kaprain (M), Karwala, Karwala Ki Jhonparyan, Keshonagar, Keshoraipatan (M), Keshoraipatan (Rural), Kherli, Kherli Bandha, Kherli Mehta, Kherli Vyasan, Kodija, Kodkya, Korkiya Balaji, Kuwagaon, Lachhmipura, Lakheri Khurd, Lesarda, Lohli, Madhorajpura, Mahuwa, Mayaja, Menoli, Morkhoondana, Nayagaon, Neemoda, Neemotha, Notara, Ohari, Padra, Patolya, Peelda (Samel), Pholai, Pipaldda Hariji, Radi, Raghunathpura, Rampuriya, Rangpuriya, Rangrajpura, Roteda, Samadpuriya, Sarsala, Shreepura, Soonagar, Vijaynagar,
History
Towns and Villages of Chauhan Dominions includes: 236. Pattana (पट्टन), identified with Modern Keshoraipatan in Bundi district, Rajasthan.[1]
Temples
Keshoraipatan is a city located in the state of Rajasthan, India. The town is famous for the temple of Keshav Rai Ji Maharaj or Lord Vishnu which lies on banks of the Chambal River.
Mratunjaya Mahadev temple is another important shrine of the town. The temple is one of the oldest temples of Rajasthan.
There is an old Jain temple too.
Kalyanrai temple is old temple of Keshavraiji. Here is a Teela (Knoll in English) where coins and many ancient things are found. There is "pandav shala" also located here. It is said that in exile period Pandavs came here. Kartik Poornima, Bundi Utsav, Taijaji Ki Ghodi and Dhol Gyaras are some famous festivals in Keshoraipatan. Many devotees take a bath in the Chambal River during Kartik poornima.
केशवरायपाटन
केशवरायपाटन प्राचीन नगर राजस्थान के कोटा शहर से 20 किलोमीटर दूर चम्बल नदी के तट पर स्थित है। वर्तमान पाटन ही प्राचीन आश्रम पट्टन है।
कुछ प्राचीन मतों के अनुसार चन्द्रवंशी राजा हस्ती (जिन्होंने हस्तिनापुर बसाया) के चचेरे भाई रंतिदेव ने इसे बसाया था। यहाँ पाण्डवों के द्वारा अज्ञातवास में कुछ समय शरण लेने का उल्लेख भी मिला है।
वास्तुकला: हम्मीर महाकाव्य से ज्ञात होता है कि रणथम्भौर के चौहान राजा जेत्रसिंह वृद्धावस्था में अपने पुत्र हम्मीर को राज्य देकर पत्नी सहित यहाँ मंदिर की पूजा हेतु आये थे। यहाँ के प्राचीन मंदिर के गिर जाने पर बूँदी नरेश राजा शत्रुसाल हाड़ा ने एक बड़ा मंदिर 1641 ई. में फिर बनवाया था। इस मंदिर में केशवराय (विष्णु) की चतुर्भुजी सफ़ेद पाषाण की मूर्ति प्रतिष्ठित है, जिसको शत्रुसाल मथुरा से लाये थे। यह मंदिर वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है।
पत्थर की बारीक कटाई, तक्षणकला का श्रेष्ठ नमूना मण्डोवर व शिखर पर उकेरी आकृतियाँ मनमोहक हैं। मंदिर के गर्भगृह में, बड़ी संख्या में मंदिर से भी प्राचीन प्रतिमाओं का संकलन है। इसकी बाहरी दीवारों पर प्राचीन प्रतिमाएँ उत्कीर्ण हैं। यह चम्बल नदी का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहाँ कार्तिक माह में प्रसिद्ध मेला लगता है। केशवराय का यह मंदिर बाहर से देखने पर अलौकिक दिखाई देता है। मंदिर निर्माण की शैली उत्कृष्ट एवं तक्षण कला बेजोड़ है। यहाँ राजराजेश्वर मंदिर (शैव) भी प्राचीनकालीन महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
इस नगर में जैन मुनि सुव्रतनाथ की 2500 वर्ष प्राचीन एक चमत्कारिक प्रतिमा है, जो सम्वत 336 में प्रतिष्ठित की गई थी। यह एक शिला फलक पर है। इसकी पॉलिश मौर्य व मध्यवर्ती कुषाण काल की सिद्ध होती है। इसके अलावा यहाँ तेरहवीं शताब्दी की और भी प्रतिमायें हैं। यह मंदिर भूमिदेवरा नामक जैन मंदिर भी कहलाता है। इसमें स्थित मूर्ति को मोहम्मद गौरी द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया था। जिसकी पुष्टि कर्नल टॉड, दशरथ शर्मा इत्यादि विद्वान् करते हैं। एक अन्य श्वेत शिला फलक पर पद्मप्रभु की खड़गासन मूर्ति है, जो मूर्तिकला की दृष्टि से बहुत आकर्षक है।
संदर्भ- भारतकोश-केशवरायपाटन
जंबू अरण्य
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...जंबू अरण्य (AS, p.350) कोटा ज़िला, राजस्थान में स्थित प्राचीन अरण्य है। चंबल नदी के तट पर कोटा से लगभग 5 मील (लगभग 8 कि.मी.) की दूरी पर स्थित वर्तमान केशवराय पाटण ही प्राचीन जंबू अरण्य है। किंवदंती है कि अज्ञातवास के समय विराट नगर जाते समय पांडव कुछ दिनों तक यहाँ ठहरे थे। वर्तमान केशवराय का मंदिर कोटा नरेश शत्रुशल्य ने बनवाया था। यह भी लोकश्रुति है कि आदि मंदिर राजा रंतिदेव का बनवाया हुआ था। महाभारत तथा विष्णु पुराण में वर्णित 'जंबूमार्ग' सम्भवत: यही हो सकता है। (दे.जंबूमार्ग)
Notable persons
External Links
References
- ↑ Dasharatha Sharma, Early Chauhān dynasties, p.122
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.350