Nuwad
Nuwad (नुवाद) (Nuvad) Gotra Jats live in Rajasthan. They were rulers of Kishangarh during Chauhan reign. One Nuwad Jat had an opportunity to offer water to Tejaji (1074-1103) when Tejaji was struggling for life during last days in 1103 AD. Rao Dudhoji was a chieftain of this clan during Akbar's regime.
Origin
History
संत श्री कान्हाराम[1] ने लिखा है कि....तेजाजी के जमाने (1074-1103 ई.) में राव महेशजी के पुत्र राव रायमलजी मुहता के अधीन यहाँ एक गणराज्य आबाद था, जो शहर पनेर के नाम से प्रसिद्ध था। उस जमाने के गणराज्यों की केंद्रीय सत्ता नागवंश की अग्निवंशी चौहान शाखा के नरपति गोविन्ददेव तृतीय (1053 ई.) के हाथ थी। तब गोविंददेव की राजधानी अहिछत्रपुर (नागौर) से शाकंभरी (सांभर) हो चुकी थी तथा बाद में अजयपाल के समय (1108-1132 ई.) चौहनों की राजधानी अजमेर स्थानांतरित हो गई थी। रूपनगढ़ क्षेत्र के गांवों में दर्जनों शिलालेख आज भी मौजूद हैं, जिन पर लिखा है विक्रम संवत 1086 गोविंददेव।
[पृष्ठ-46]: किशनगढ़ के स्थान पर पहले सेठोलाव नामक नगर बसा था। जिसके भग्नावशेष तथा सेठोलाव के भैरुजी एवं बहुत पुरानी बावड़ी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आज भी मौजूद है। सेठोलाव गणराज्य के शासक नुवाद गोत्री जाट हुआ करते थे। ऐसा संकेत राव-भाटों की पोथियों व परम्पराओं में मिलता है। अकबर के समय यहाँ के विगत शासक जाट वंशी राव दूधाजी थे। गून्दोलाव झील व हमीर तालाब का निर्माण करवाने वाले शासक का नाम गून्दलराव था। यह शब्द अपभ्रंस होकर गून्दोलाव हो गया। हम्मीर राव ने हमीरिया तालाब का निर्माण करवाया था। सेठोजी राव ने सेठोलाव नगर की स्थापना की थी।
संत श्री कान्हाराम[2] ने लिखा है कि.... केरड़ा (बछड़ा) छुड़ाकर पुनः पनेर प्रस्थान – तेजाजी मीणों से युद्ध जीत कर काणा केरड़ा (बछड़े) को लेकर नरवर की घाटी उसी रास्ते से पार करते हैं, जिस रास्ते से आए थे। परंतु आगे के रास्ते में थोड़ा बदलाव करते हुये सीधे पनेर की ओर चल पड़ते हैं। पनेर के नजदीक नुवा गाँव में बने तेजाजी के मंदिर के स्थान पर उस जमाने में एक कैर का पेड़ था। घायल तेजाजी ने कुछ देर के लिए उसी कैर के नीचे विश्राम किया था। वहाँ पर एक नुवाद गोत्री जाट ग्वाले से उन्होने पानी पिया था। फिर तुरंत पनेर की ओर प्रस्थान कर गए। उस ग्वाला ने उसी कैर के नीचे तेजाजी की स्मृति में थान बना दिया था। उस स्थान के पास ही बाद में नुवा नामक ग्राम बसा। ग्राम वासियों ने थान के स्थान पर अब भव्य तेजाजी मंदिर का निर्माण करवा दिया है।
Distribution in Uttar Pradesh
Nuvada () is a Jat Village of Tomar gotra in Desh-khap in Baghpat district of Uttar Pradesh
Distribution in Rajasthan
Villages in Ajmer district
Villages in Tonk district
Mahadevpura (1), Sitapura (7),
Villages in Nagaur district
Villages in Jaipur district
Sali Jaipur (15),
Notable persons

- पवन चौधरी (नुवाद): भीलवाडा में देर रात 10.4.2021 को अपराधियों से मुठभेड़ में फायरिंग के दौरान किशनगढ़ निवासी भाई पवन चौधरी (नुवाद) गोली लगने के कारण शहीद हो गए। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की कोटडी और रायला थाना क्षैत्र में नाकेबन्दी कर रहे पुलिसकर्मियों पर की गई फायरिंग से दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए. पुलिस ने भीलवाड़ा जिले समेत अजमेर,राजसमन्द,उदयपुर,चित्तौडगढ और पाली जिलों नाकेबन्दी लगाकर तस्करों की तलाश कर रही है. वहीं अजमेर रेंज आईजी भी भीलवाड़ा पहुंचकर हालत का जायजा ले रहे है. भीलवाडा जिले की कोटडी थाने के मंशा ग्राम में पुलिस ने नाकेबन्दी लगा रखी थी. इस दौरान दो पिकअप और दो स्कॉर्पियों में सवार तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी. जिसके कारण ककरोलियां घाटी के पास चौरडी ग्राम निवासी औंकार रेबारी की मौत हो गई. तस्करों ने रायला थाना पुलिस की गाडी पर भी पीछा करने के दौरान फायरिंग की. जिसके कारण सिपाही पवन चौधरी की मौत हो गई.[3]

- Ganga Ram Nuwad (Naik) (05.02.1963-12.10.1987), Vira Chakra (posthumous), became martyr on 12.10.1987 during Operation Pawan in Sri Lanka. He was from Peenglod village in Kishangarh tehsil in District Ajmer, Rajasthan. Unit: 10 Parachute Regiment (Desert Scorpion).
External links
References
- ↑ Sant Kanha Ram: Shri Veer Tejaji Ka Itihas Evam Jiwan Charitra (Shodh Granth), Published by Veer Tejaji Shodh Sansthan Sursura, Ajmer, 2015. pp. 45-46
- ↑ Sant Kanha Ram: Shri Veer Tejaji Ka Itihas Evam Jiwan Charitra (Shodh Granth), Published by Veer Tejaji Shodh Sansthan Sursura, Ajmer, 2015. p. 258
- ↑ firstindianews.com Dated 11.4.2021]
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