Pingora
Pingora or Paigor (पैगोर) is a village in Nadbai tahsil in Bharatpur district in Rajasthan.
Jat Gotras
History
दलीप सिंह अहलावत लिखते हैं ....साम्राज्यवादी सेनायें दिसम्बर, 1689 ई० में सिनसिनी गढ़ी के आगे पहुंच गई थीं। उनके कारीगरों ने गढ़ी के प्रवेश द्वार को उड़ाने के लिए जनवरी, 1690 ई० के प्रथम सप्ताह में एक गुप्त सुरंग तैयार की, जिसमें बारूद की बोरियां रखकर उड़ाने का प्रबन्ध किया गया था। लेकिन इस सुरंग योजना का पता जाटों को लग गया। उन्होंने रात्रि की काली छाया में पीछे से सुरंग का मुंह पत्थरों व मिट्टी से बन्द कर दिया जिसका मुग़ल तोपचियों को पता नहीं लग सका। प्रातःकाल ज्यों ही मुगल तोपचियों ने बारूद में पलीता लगाया, एक भयंकर विस्फोट हुआ और उनका यह प्रयास विफल हो गया। पिछला मुंह बन्द हो जाने के कारण सिनसिनी गढ़ी का प्रवेश द्वार जहां नष्ट होने से बच गया, वहां बारूद की उल्टी मार से सुरंग की छत उड़ गई। साम्राज्यवादियों के विशाल सैनिक दस्ते, तोपखाना सहित अनेकों तोपची, योग्य सेनानायक अग्नि में झुलस गये अथवा धमाके के साथ आकाश में उड़ गये। बेदारबख्त के पक्ष के ऊंट, घोड़े-खच्चर भी बारूद की मार से नहीं बच सके। इस अभियान का मुख्य उत्तरदायित्व राजपूतों पर था और यही साम्राज्यवादी सेना का अग्रभाग था। उसको विशेष क्षति उठानी पड़ी। राजपूतों का सेनापति हरीसिंह खंगारोत बुरी तरह घायल हुआ। भज्जासिंह अपने पोते जोरावर (सुपुत्र राजाराम) के साथ इस अभियान का संचालन कर रहा था। सिनसिनी गढ़ी में जोरावर के नेतृत्व में जाटों का एक छोटा सा रक्षकदल छोड़कर अन्य जाट सरदार गढ़ी से बाहर चले गये। भज्जासिंह सोगर गढ़ी में चला गया, सोगर ब्रजराज की ससुराल थी, उसके परिवार ने वहां शरण ली। चूड़ामन और उसका भाई अतिराम अन्य क्षेत्रों में चले गये। जोरावर का दूसरा भाई फतेसिंह पीगोंरा गढ़ी को शक्तिशाली बना रहा था। [1]
Notable persons
- Lal Singh Thakur (ठाकुर लालसिंह), Paigor (पैगोर), from Bharatpur was a Social worker in Rajasthan. [2]
- Ramchandra Singh Sinsinwar (कुँवर रामचंद्र सिंह), from Bas Bhadaiya (Pingora), Bharatpur was a Social worker in Rajasthan. [3]
- Natthi Singh Bohare (बोहरे नत्थी सिंह), Panghor (पंघोर) Bas Kumha, Bharatpur was a Social worker in Bharatpur, Rajasthan.[4]
- Joti Ram Thakur (ठाकुर जोति राम), Panghor (पंघोर) (बास खान), Nadbai, Bharatpur was a Social worker in Bharatpur, Rajasthan.[5]
- Ram Singh Khuntel (ठाकुर रामसिंह खूंटेल), Penghor (पेंघोर) (बास दांदू),Nadbai, Bharatpur was a Social worker in Bharatpur, Rajasthan.[6]
- Bhura Ram Subedar (सूबेदार भूराराम), Penghor (पेंघोर) (बास अधैया),Bharatpur was a Social worker in Bharatpur, Rajasthan.[7]
- Kallan Singh Penghor (ठाकुर कल्लनसिंह पेंघोर) from Penghor (पेंघोर) (बास इन्दु), Nadbai, Bharatpur was a Social worker in Bharatpur, Rajasthan.[8]
- Penghor (पेंघोर) के पटवारी किरोड़सिंह और कमलसिंह पर ‘भरतपुर तू वीरों की खानि’ जैसी भजन पुस्तकों के छापने के कारण मुकदमा चलाया गया और सजा दी गई। उनके भाई प्यारेलाल पटवारी को अलग किया गया।[9]
References
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter VIII (Page 637-638)
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.35-36
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.39
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.55
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.55
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.55-56
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.57-58
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.61
- ↑ जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठ-676
Back to Jat Villages